1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 02 Aug 2025 09:30:39 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: ऊर्जा विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह ने शुक्रवार को बिहार राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (BSPGCL) की विभिन्न ऊर्जा परियोजनाओं की गहन समीक्षा की। इस अवसर पर कंपनी के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान सचिव ने कजरा सौर ऊर्जा परियोजना को हर हाल में 30 सितंबर 2025 तक बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (Battery Energy Storage System - BESS) के साथ पूर्ण करने का निर्देश दिया। यह परियोजना राज्य में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
ऊर्जा सचिव ने यह भी निर्देशित किया कि राज्य के 15 ग्रिड सब-स्टेशनों में कुल 500 मेगावाट-घंटा (MWh) क्षमता वाली बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की स्थापना शीघ्र शुरू की जाए। यह प्रणाली नवीकरणीय ऊर्जा को ग्रिड में स्थिर और सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। बैटरी भंडारण न केवल बिजली की आपूर्ति को अधिक भरोसेमंद बनाएगा, बल्कि इससे लोड मैनेजमेंट और आपातकालीन स्थितियों में ऊर्जा उपलब्धता सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी।
बैठक में फुलवरिया स्थित फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट को नवंबर 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया गया। फ्लोटिंग सोलर पैनल उन जल निकायों पर लगाए जाते हैं जहां भूमि की कमी होती है, और यह तकनीक उभरते हुए सोलर समाधानों में एक है।
इसके अतिरिक्त, राज्य के तालाबों और नहरों के किनारे सौर ऊर्जा परियोजनाएं लगाने के लिए भारतीय सौर ऊर्जा निगम (SECI) से समन्वय कर एजेंसियों के चयन और क्रियान्वयन की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने का निर्देश दिया गया।
बैठक में राज्य की दीर्घकालिक ऊर्जा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में संभावनाओं की समीक्षा भी की गई। इसके तहत, न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCIL) के साथ एक संयुक्त बैठक आयोजित कर ठोस कार्ययोजना तैयार करने पर विचार किया गया।
ऊर्जा सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा, "बिहार सरकार नवीकरणीय और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को प्राथमिकता दे रही है। राज्य में ऊर्जा की भविष्य की मांगों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक परियोजना को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।" उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी परियोजनाओं की मॉनिटरिंग नियमित रूप से की जाए और किसी भी प्रकार की देरी को सख्ती से रोका जाए।