1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 13 Dec 2025 07:52:03 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार सरकार सामाजिक समावेशन की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। महिलाओं के लिए सफलतापूर्वक चलाई जा रही पिंक बस सेवा के बाद अब दिव्यांगजनों और बुजुर्गों की सुविधा के लिए विशेष बसें शुरू करने की योजना पर काम तेज हो गया है। परिवहन विभाग और समाज कल्याण विभाग के सहयोग से यह पहल पटना से शुरू होगी, जिसे बाद में राज्य के अन्य जिलों तक विस्तार दिया जाएगा। राज्य में करीब 23 लाख दिव्यांग होने का हवाला देते हुए अधिकारियों ने सामान्य बसों में यात्रा की कठिनाइयों पर ध्यान दिलाया है, जिससे इस अलग सेवा की जरूरत महसूस की गई।
इस योजना के तहत बसों को पूरी तरह दिव्यांग-अनुकूल बनाया जाएगा। इनमें व्हीलचेयर के लिए पर्याप्त जगह, हैंडरेल, ऑडियो अलर्ट सिस्टम, कम ऊंचाई वाली सीटें और सीढ़ी-रहित प्रवेश द्वार जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। दृष्टिबाधित, श्रवण बाधित और गतिशीलता से जुड़ी समस्याओं वाले लोगों के साथ-साथ बुजुर्गों को विशेष ध्यान रखा जाएगा। किराए में छूट या पूरी तरह मुफ्त यात्रा की संभावना भी है, जिसमें यूडीआईडी कार्ड जैसे दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी। पहले प्रयास में टेंडर न मिलने से योजना अटकी थी, लेकिन अब नई निविदा प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है।
बस स्टॉप्स को भी इस सेवा के अनुरूप ढाला जाएगा, ताकि चढ़ने-उतरने में कोई असुविधा न हो। अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों और प्रमुख बस अड्डों को इन रूट्स से जोड़ा जाएगा, जहां दिव्यांगों और बुजुर्गों की आवाजाही ज्यादा होती है। परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता दी जा सकती है, जो पर्यावरण के साथ-साथ कम शोर और सुगमता प्रदान करेंगी।
नीतीश सरकार की यह पहल राज्य में सार्वजनिक परिवहन को अधिक समावेशी बनाने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। पहले से चल रही मुफ्त यात्रा सुविधाओं को मजबूत करते हुए यह नई सेवा दिव्यांगों के आत्मविश्वास को बढ़ावा देगी। विभागीय बैठकों में इस पर लगातार चर्चा हो रही है और जल्द ही निविदा प्रक्रिया पूरी कर बसों का परिचालन शुरू करने का लक्ष्य है।