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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 26 Jul 2025 10:23:47 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार में ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए नीतीश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड राज्य के 10 प्रमुख शहरों (भागलपुर, पूर्णिया, आरा, छपरा, दरभंगा, गया, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, पटना और वैशाली) में ट्रैफिक जाम के कारणों का पता लगाने और स्थायी समाधान के लिए सर्वे शुरू करने जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य इन शहरों में यातायात को सुगम बनाना, समय और ईंधन की बर्बादी रोकना और शहरी गतिशीलता को बढ़ावा देना है। सर्वे का जिम्मा एक कंसल्टेंट एजेंसी को सौंपा जाएगा जो 18 महीने के भीतर विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
बीएसआरडीसीएल द्वारा शुरू किया जाने वाला यह सर्वे वैज्ञानिक और व्यवस्थित तरीके से ट्रैफिक जाम की समस्याओं का विश्लेषण करेगा। सर्वे में सड़कों की चौड़ाई, जंक्शन सुधार की आवश्यकता, बायपास या फ्लाईओवर निर्माण की संभावनाएं, पार्किंग व्यवस्था, पैदल यात्रियों की सुविधा, ऑटो-रिक्शा स्टैंड, बस डिपो और हरित व सुरक्षित आवागमन जैसे पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा। कंसल्टेंट एजेंसी इन शहरों में ट्रैफिक जाम की मुख्य वजहों का अध्ययन करेगी और दीर्घकालिक समाधान सुझाएगी। बीएसआरडीसीएल ने इसके लिए 2.50 मिलियन डॉलर का बजट निर्धारित किया है और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से रुचि की अभिव्यक्ति मांगी गई है।
इस एजेंसी का चयन अगस्त महीने तक पूरा कर लिया जाएगा और इसके बाद सर्वे का कार्य शुरू होगा। ईओआई की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी और आवेदन 26 अगस्त तक कंसल्टेंट मैनेजमेंट सिस्टम में पंजीकृत फर्मों से स्वीकार किए जाएंगे। ऑफलाइन या हार्डकॉपी आवेदन मान्य नहीं होंगे। कंसल्टेंट फर्म और उनके सहयोगी या ज्वाइंट वेंचर पार्टनर को भी सीएमएस में पंजीकृत होना अनिवार्य है।
भागलपुर में प्राथमिकता वाले क्षेत्र
भागलपुर में ट्रैफिक जाम की समस्या विशेष रूप से गंभीर है। जहां स्टेशन चौक, कचहरी चौक, डिक्सन मोड़, तिलकामांझी, खलीफाबाग, घंटाघर, जीरोमाइल, गुड़हट्टा चौक, आदमपुर चौक, बरारी और नाथनगर जैसे इलाकों में रोजाना घंटों जाम लगता है। सर्वे में इन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी और सड़क चौड़ीकरण, जंक्शन सुधार, बायपास या फ्लाईओवर निर्माण जैसे समाधानों पर विचार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, ई-रिक्शा और इलेक्ट्रिक वाहनों की व्यवस्था को बढ़ावा देने जैसे पर्यावरण-अनुकूल उपायों पर भी ध्यान दिया जाएगा। विकास निगम का कहना है कि इन उपायों से न केवल ट्रैफिक जाम कम होगा बल्कि शहर में सुरक्षित और हरित आवागमन को भी बढ़ावा मिलेगा।
अन्य शहरों में स्थिति
पटना, मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा, पूर्णिया, आरा, छपरा, मोतिहारी और वैशाली जैसे शहरों में भी ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है। पटना में संकरी सड़कें, अव्यवस्थित बिजली के तार और जलभराव जाम की प्रमुख वजहें हैं। दानापुर-नेहरू पथ से गोला रोड तक सड़क चौड़ीकरण और जेपी गंगा पथ के विस्तार जैसी परियोजनाएं पहले से प्रस्तावित हैं। गया, मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ में भी वैज्ञानिक सर्वे के आधार पर यातायात व्यवस्था को सुधारने की योजना है। पूर्णिया और मोतिहारी जैसे शहरों में बढ़ते शहरीकरण और वाहनों की संख्या ने ट्रैफिक दबाव को बढ़ा दिया है, जिसके लिए बायपास और वैकल्पिक मार्गों की जरूरत है। आरा और छपरा में भी जंक्शन सुधार और पार्किंग व्यवस्था पर जोर दिया जाएगा। वैशाली में धार्मिक और पर्यटन स्थलों के कारण यातायात दबाव को कम करने के लिए विशेष उपायों की योजना है।
दीर्घकालिक प्रभाव और महत्व
यह सर्वे बिहार के इन 10 शहरों में ट्रैफिक प्रबंधन के लिए एक टिकाऊ और वैज्ञानिक समाधान प्रदान करेगा। सड़क चौड़ीकरण, फ्लाईओवर, बायपास और इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से न केवल जाम की समस्या कम होगी बल्कि ईंधन की बचत, समय की उपयोगिता और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। बिहार में दोपहिया वाहनों की संख्या राष्ट्रीय औसत (73%) से अधिक है, जिसके लिए विशेष नियोजन की आवश्यकता है। साथ ही सड़क हादसों में बिहार का देश में दूसरा स्थान है जो ट्रैफिक प्रबंधन की आवश्यकता को और रेखांकित करता है। बीएसआरडीसीएल का यह प्रयास बिहार को यातायात प्रबंधन में वैज्ञानिक ऑडिट लागू करने वाला पहला राज्य बना सकता है।