1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 23 Nov 2025 07:57:10 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: सर्दी की दस्तक के साथ उत्तर भारत में कोहरे का साया गहराता ही रहा है, जिससे बिहार आने-जाने वाले यात्रियों की मुश्किलें आने वाले समय में बढ़ने वाली हैं। ईस्ट सेंट्रल रेलवे ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 तक 24 जोड़ी ट्रेनें कैंसिल करने का फैसला लिया है। इनमें दिल्ली-भागलपुर रूट की दो प्रमुख ट्रेनें गरीब रथ एक्सप्रेस और फरक्का एक्सप्रेस भी शामिल हैं। कोहरे से विजिबिलिटी कम होने पर ट्रेनों का संचालन जोखिम भरा हो जाता है, इसलिए रेलवे ने यह कदम उठाया है।
गरीब रथ एक्सप्रेस (22405 भागलपुर-दिल्ली) दिसंबर में 4, 11, 18, 25 तारीखों को रद्द रहेगी। जनवरी में 1, 8, 15, 22, 29 और फरवरी में 5, 12, 19, 26 को भी यह ट्रेन नहीं चलेगी। इसी तरह, दिल्ली-भागलपुर गरीब रथ (22406) दिसंबर में 3, 10, 17, 24, 31 को कैंसिल होगी, जनवरी में 7, 14, 21, 28 और फरवरी में 4, 11, 18, 25 को।
फरक्का एक्सप्रेस (14004 मालदा-नई दिल्ली) 6 दिसंबर 2025 से 28 फरवरी 2026 तक पूरी तरह रद्द रहेगी, जबकि इसका रिटर्न जर्नी (14003 नई दिल्ली-मालदा) 4 दिसंबर से 26 फरवरी तक बंद होगी। इनके अलावा गया-कामाख्या साप्ताहिक (15619) 2 दिसंबर से 24 फरवरी और कामाख्या-गया (15620) 1 दिसंबर से 23 फरवरी तक कैंसिल रहेगी।
रेलवे ने कोहरे से निपटने के लिए व्यापक तैयारी शुरू कर दी है। इंजनों में फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाए जा रहे हैं, सिग्नल बोर्ड और लेवल क्रॉसिंग पर रेडियम पेंटिंग हो रही है। विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट सिस्टम साहिबगंज-किऊल, भागलपुर-दुमका जैसे रूटों पर लगाया गया है। लोको पायलटों को स्पीड 75 किमी/घंटा से ज्यादा न करने और कोहरे में सीटी बजाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। डेटोनेटर की सप्लाई बढ़ाई गई है, जबकि स्टेशन मास्टर्स को इनके इस्तेमाल की प्रैक्टिस कराई जा रही है। कर्मचारियों की ड्यूटी टाइमिंग भी एडजस्ट की गई है ताकि थकान न हो।
ये कैंसिलेशन उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली, पंजाब, असम और पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्यों के यात्रियों को प्रभावित करेंगी। पिछले सालों के अनुभव से रेलवे ने उन जगहों की लिस्ट तैयार की है जहां कोहरा ट्रेनों को घंटों लेट कर देता था। यात्रियों को वैकल्पिक ट्रेनें, बस या फ्लाइट बुक करने की सलाह दी गई है। ईसीआर का कहना है कि यह 'सेफ्टी फर्स्ट' प्रोटोकॉल है और यात्रियों की जान बचाने के लिए जरूरी है।