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Bihar News: सरकार ने पैक्स अध्यक्षों को दे दिया बड़ा काम, सौंपी यह अहम जिम्मेवारी

Bihar News: बिहार सरकार अब पैक्स अध्यक्षों को बड़ी जिम्मेवारी देने की तैयारी में है, पारंपरिक कृषि कार्यों के अलावा काई अहम क्षेत्रों में भी पैक्स अध्यक्षों पर अब जिम्मेदारी बढ़ सकती है. जानें... किन क्षत्रों में भागीदारी बढ़ी है?

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 25 May 2025 02:35:23 PM IST

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बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

Bihar News: बिहार सरकार अब पैक्स (प्राथमिक कृषि साख समिति) अध्यक्षों को बड़ी जिम्मेवारी देने की तैयारी में है, जिसमें सरकार पारंपरिक कृषि कार्यों के अलावा ग्रामीण पर्यटन, होम स्टे, पैकेज टूर, गाइड सेवा, यातायात एवं ट्रेनिंग जैसे क्षेत्रों में भी सक्रिय भूमिका में लाने की तैयारी में है। सहकारिता विभाग ने इसको लेकर पैक्स समितियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सहकारिता विभाग के सचिव ने बताया कि राज्य के पैक्स अब स्थानीय स्तर पर पर्यटन गतिविधियों को संचालित करेंगे। 


इसमें होम स्टे सुविधा, ट्रैवल गाइड सेवा, टूर पैकेजिंग, स्थानीय ट्रांसपोर्ट एवं हेंडिक्राफ्ट जैसे क्षेत्रों में काम करने का मौका मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि आवश्यक हुआ, तो नई सहकारी समितियों का गठन कर इस पहल को और व्यापक बनाया जाएगा। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और पर्यटन विभाग की योजनाओं से पैक्स को भी लाभ मिलेगा।


विभाग के सचिव ने विशेष रूप से मखाना उत्पादक किसानों और सहकारी समितियों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि मखाना उत्पादन और विपणन में लगे किसानों को अब सहकारिता विभाग की ओर से वित्तीय सहायता और विपणन सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। मखाना उत्पादन में शुरुआती पूंजी की जरूरत को समझते हुए, सहकारिता विभाग ने जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को इन किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। 


किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत ₹5 लाख तक की सीमा में ऋण देने पर विचार किया जा रहा है। मखाना उत्पादकों को बिचौलियों पर निर्भरता से मुक्ति दिलाने के लिए, सहकारी विपणन तंत्र मजबूत किया जाएगा। सहकारी समितियों को मखाना आधारित प्रोसेसिंग यूनिट, पैकेजिंग सेंटर और ब्रांडिंग योजनाओं में शामिल करने पर योजना तैयार की जा रही है।


सचिव ने बताया कि इस योजना से स्थानीय उत्पादों का बाजारकरण (मार्केटिंग) बेहतर होगा और किसान अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त कर सकेंगे। सरकार का लक्ष्य है कि सहकारिता के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाया जाए। सहकारिता विभाग की यह पहल बिहार में सहकारी समितियों को बहु-क्षेत्रीय गतिविधियों में संलग्न कर उन्हें आधुनिक और स्वावलंबी इकाई के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम है। इससे न केवल किसानों को आर्थिक मजबूती मिलेगी बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में टूरिज्म और स्वरोजगार के नए रास्ते भी खुलेंगे।