1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 17 Dec 2025 09:33:35 AM IST
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fake loan companies : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसमें एक पिता ने अपनी तीन बेटियों के साथ फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना सकरा थाना क्षेत्र के रूपनपट्टी मथुरापुर पंचायत के नवलपुर मिश्रौलिया गांव में सोमवार को हुई। मृतकों की पहचान अमरनाथ राम (36-37 वर्ष) और उनकी बेटियों अनुराधा कुमारी (11-12 वर्ष), शिवानी कुमारी (लगभग 10 वर्ष) और राधिका कुमारी (लगभग 7-8 वर्ष) के रूप में की गई है। अमरनाथ ने अपने दो बेटों शिवम (6 वर्ष) और चंदन (लगभग 4 वर्ष) को भी फांसी लगाने की कोशिश की, लेकिन दोनों बच गए।
स्थानीय लोगों के अनुसार, अमरनाथ राम आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। उनकी पत्नी की एक साल पहले मृत्यु हो चुकी है। घटना से पहले रात में अमरनाथ ने बच्चों के साथ अंडा खाया था। पुलिस इस मामले में आर्थिक दबाव और मानसिक तनाव के पहलुओं की जांच कर रही है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
इस घटना को गंभीरता से लेते हुए बिहार पुलिस मुख्यालय ने राज्यभर में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की जांच का आदेश दिया है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार ने मंगलवार को सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठक की। डीजीपी ने कहा कि फर्जी और गैरकानूनी तरीके से चल रही माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने एसपी से कहा कि वे ऐसे कंपनियों को चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई करें, ताकि किसी भी व्यक्ति पर आर्थिक दबाव न बनाया जा सके।
डीजीपी ने विशेष रूप से मुजफ्फरपुर घटना को गंभीर बताया और कहा कि यह समाज के लिए चेतावनी है कि कर्ज और आर्थिक परेशानियों के चलते लोग गंभीर कदम उठा सकते हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से निर्देश दिया कि वे फर्जी माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ अभियान चलाकर राज्य में आर्थिक अपराधों की जांच तेज करें।
अमरनाथ राम के परिवार की आर्थिक स्थिति और उनकी पत्नी की मृत्यु को देखते हुए माना जा रहा है कि परिवार पर भारी दबाव था। स्थानीय प्रशासन और पुलिस इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या किसी माइक्रो फाइनेंस कंपनी ने अमरनाथ पर अत्यधिक ब्याज या कर्ज के दबाव डाले थे।
इस दुखद घटना ने पूरे जिले में शोक की लहर फैला दी है। स्थानीय लोग अमरनाथ के बच्चों के बच जाने को लेकर राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन परिवार की स्थिति पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं। इस मामले में पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बिहार पुलिस का यह कदम फर्जी माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ अभियान की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि पुलिस को हर जिले में निगरानी बढ़ानी होगी और लोगों को कर्ज के मामलों में धोखाधड़ी से बचाने के लिए कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी।
इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगर कोई गैरकानूनी तरीके से लोगों को कर्ज के लिए परेशान करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। पुलिस और प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है।
इस दुखद मामले ने राज्यभर में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के संचालन और उनके कर्ज देने के तरीकों पर सवाल उठाए हैं। प्रशासन और पुलिस अब इस दिशा में सक्रिय होकर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठा रहे हैं। इस घटना ने समाज में चेतना बढ़ाई है कि आर्थिक संकट और मानसिक तनाव कितने खतरनाक परिणाम ला सकते हैं, और इस दिशा में प्रशासन की त्वरित कार्रवाई आवश्यक है।