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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 24 Jun 2025 07:16:23 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar Rain Alert: बिहार में मानसून ने अब पूरी तरह से रफ्तार पकड़ ली है और मौसम विभाग ने मंगलवार को राज्य के 31 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें 20 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट और 11 जिलों के लिए येलो अलर्ट घोषित किया गया है। अगले 24 घंटों में तेज बारिश, आंधी और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका है, जिससे बाढ़ का खतरा भी अब गहरा गया है। नेपाल और झारखंड में हो रही मूसलधार बारिश का असर बिहार की नदियों पर साफ दिख रहा है, खासकर कोसी और बागमती नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है।
पिछले 24 घंटों में अररिया में सबसे ज्यादा 132.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद किशनगंज (78 मिमी), सीतामढ़ी (68 मिमी), रोहतास (54.6 मिमी) और भागलपुर (54.2 मिमी) में भी जोरदार बारिश हुई। नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण कोसी और बागमती नदियां उफान पर हैं। सीवान के गोपालपुर में नहर का बांध टूटने से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है और रक्सौल में भारत-नेपाल सीमा मार्ग पर 2 फीट तक पानी जमा हो गया है। मुजफ्फरपुर के कटरा प्रखंड में बागमती के बढ़ते जलस्तर के कारण पीपा पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है, जिससे 20 से अधिक गांवों के कटने का खतरा मंडरा रहा है।
बाढ़ के खतरे ने उत्तर बिहार के कई जिलों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। अनुमान है कि करीब 2 लाख लोग प्रभावित हो सकते हैं। नालंदा और जहानाबाद में बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं और छह स्थानों पर तटबंध व बांध क्षतिग्रस्त होने की खबर है। मुजफ्फरपुर में बागमती के जलस्तर में वृद्धि से कटरा-पहसौल-यजुआर मार्ग पर बना पीपा पुल क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे चार घंटे तक आवागमन बाधित रहा। स्थानीय लोगों को अब लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है या नाव का सहारा लेना पड़ सकता है। सीतामढ़ी, शिवहर और समस्तीपुर जैसे जिलों में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कमर कस ली है। 12 एनडीआरएफ और 22 एसडीआरएफ टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। प्रशासन ने लोगों से नदी किनारे न जाने, बिजली के खंभों से दूर रहने और पानी भरे रास्तों पर यात्रा से बचने की अपील की है। हालांकि, अगर बारिश का सिलसिला जारी रहा, तो बिहार में हालात और बिगड़ सकते हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में तटबंधों की मरम्मत और निगरानी तेज कर दी गई है, लेकिन नेपाल से आने वाला पानी और लगातार बारिश स्थिति को और जटिल बना रहे हैं।