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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 09 May 2025 02:00:06 PM IST
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Bihar News: बिहार में बालू में बड़े खेल किए जाते हैं. अधिकारियों से मिलीभगत कर बालू माफिया अवैध धंधा करते हैं. सोन नदी से बालू के अवैध खनन कर ढुलाई की जाती है. बालू के भंडारण में भी नियमों को तार-तार किया जा रहा है. इसके खिलाफ पटना हाईकोर्ट के वकील ने मुख्यमंत्री से लेकर खनन विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है और कार्रवाई की मांग की है. पटना हाईकोर्ट के वकील मणिभूषण प्रसाद सेंगर ने खान एवं भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव को आज शुक्रवार को इस संबंध में पत्र भेजा है. बता दें, बालू से मलाई निकालने में राज्य सरकार ने 2021 में बड़ी कार्रवई की थी. सरकार के आदेश पर आर्थिक अपराध इकाई ने बड़े-बड़े अधिकारियों के खिलाफ जिनमें एसपी-डीएसपी-डीटीओ-एसडीओ लेकर सीओ-थानेदार तक शामिल थे, कार्रवाई की थी. हालांकि समय बीतने के बाद सोन तटवर्ती इलाके से जुड़े कुछ अधिकारी फिर से बालू के अवैध धंधा में लगे हैं.
पटना हाईकोर्ट के वकील मणिभूषण सेंगर ने प्रधान सचिव को भेजे पत्र में कहा है कि बिहार खनिज (रियायत, अवैध खनन निवारण, परिवहन एवं भंडारण) नियमावली, 2019 के अंतर्गत खनिज रियायत धारकों द्वारा बालू के भंडारण का प्रावधान है। इसी क्रम में पटना जिले के सोन नदी बालू रियायत धारकों को भी सोन नदी बालू के भंडारण हेतु अनुज्ञप्ति निर्गत की जा रही है, ताकि जनहित में राज्य में सोन बालू की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। इस वर्ष 2025 में भी भंडारण हेतु सोन नदी बालू रियायत धारकों को 'के' एवं अन्य अनुज्ञप्ति निर्गत की गई है। लेकिन इस संबंध में अनुज्ञप्ति धारक द्वारा पूर्णतः अवैध गतिविधियां संचालित की जा रही हैं जैसे पर्यावरण को प्रदूषित करना, सरकारी राजस्व की चोरी करना, बिना किसी निवारक उपाय के बालू का भंडारण करना, असीमित भंडारण, कालाबाजारी करना, एनएच 139 के किनारे भंडारण के कारण एनएच 139 पर दुर्घटनाएं होना, जैसे पटना जिले में एनएच 139 पटना- औरंगाबाद रोड के किनारे भंडारण करना आदि। नौबतपुर, अग्राणी परिसर बिहटा, आईआईटी पटना के पास, बिहटा पटुत आईआईटी रोड, विशेष रूप से पटना जिले के पालीगंज और दानापुर उपखंड में और भोजपुर जिले के सहार, संदेश आदि. पटना जिले के पालीगंज और दानापुर अनुमंडल के बिक्रम, नघर, कनपा, अग्रानी कैंपस बिहटा, आईआईटी पटना के पास, एनएच 139 पटना-औरंगाबाद रोड के किनारे एनएच 139 के किनारे बड़े पैमाने पर सोन नदी के बालू का असीम भंडारण पूरी तरह से खुला पहाड़ है। पटना जिले में उपरोक्त स्थानों पर तथा अन्य जिलों में भी सोन रेत के भंडारण में बहुत अधिक अवैधानिकताएं चल रही हैं।पटना जिले में इन स्थानों पर संग्रहित बालू के चालान तथा वास्तविक मात्रा की तुलना में बड़े पैमाने पर अत्यधिक वित्तीय घोटाला हुआ है।यदि जांच होगी तो यह बिहार का सबसे बड़ा घोटाला होगा।
इन परिस्थितियों में खनन के अलावा निगरानी, ईओयू, सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच की आवश्यकता है। विशेष रूप से पटना जिले में सोन नदी के बालू के पूर्णतः खुले भंडारण की अनुमति के संबंध में जांच होनी चाहिए, जैसे कि एनएच 139 पटना-औरंगाबाद रोड के किनारे, जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है और एनएच 139 पर हवा में रेत के कण फैलने के कारण दुर्घटना होती है, साथ ही एनएच 139 पटना औरंगाबाद रोड पर नौबतपुर से बिक्रम तक, एनएच 139 रोड के निकट कनपा, अग्रानी कैंपस बिहटा, आईआईटी पटना के पास, बिहटा आईआईटी रोड और पटना जिले के अन्य स्थानों के साथ-साथ भोजपुर जिले के संदेश, सहार आदि जैसे कई स्थानों पर भंडारण की सीमा, भंडारण की मात्रा और संग्रहीत बालू का चालान, कालाबाजारी, बिहार सरकार के राजस्व में धोखाधड़ी/चोरी और सभी दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने सहित उचित सख्त कानूनी कार्रवाई की जाय.