Bihar Teacher News: बिहार में अतिथि शिक्षकों की नौकरी होगी पक्की? विधान परिषद ने सरकार को भेजी सिफारिश

Bihar Teacher News: बिहार विधान परिषद की शिक्षा समिति ने राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को लेकर सरकार से बड़ी सिफारिश कर दी है. अब सरकार के फैसले पर सभी की नजर है.

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Mon, 26 May 2025 04:12:27 PM IST

Bihar Teacher News

प्रतिकात्मक - फ़ोटो google

Bihar Teacher News: बिहार विधान परिषद की शिक्षा समिति ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए राज्य के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में काम कर रहे अतिथि शिक्षकों की सेवा को स्थायी करने की अनुशंसा की है। इस अनुशंसा में सहायक प्राध्यापकों की आयु सीमा 65 वर्ष निर्धारित करने और पूर्व में हटाए गए अतिथि शिक्षकों को फिर से बहाल करने का भी प्रस्ताव शामिल है।


बिहार विधान परिषद की शिक्षा समिति ने यह अनुशंसा पत्र शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ को भेजा है। इस पत्र में अतिथि शिक्षकों के अलावा अन्य शिक्षकों की स्थिति और उनकी नियुक्ति प्रक्रिया पर भी विस्तार से चर्चा की गई है।


अतिथि शिक्षक संघ ने स्वागत किया

जयप्रकाश विश्वविद्यालय (जेपीयू) के अतिथि शिक्षक संघ ने इस अनुशंसा का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे राज्य के सैकड़ों अतिथि शिक्षकों को स्थायीत्व की दिशा में आशा की किरण मिली है। संघ के अध्यक्ष डॉ. हरिमोहन पिंटू ने कहा कि इससे सारण और अन्य विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को बेहतर भविष्य की उम्मीद है। संघ ने इस निर्णय के लिए शिक्षा समिति के अध्यक्ष और बिहार विधान परिषद के उपसभापति प्रो. राम वचन राय तथा सभी विधान पार्षदों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है।


समिति की प्रमुख अनुशंसाएं

बिहार विधान परिषद की शिक्षा समिति ने सभी विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों की सेवा स्थायी करने की अनुसंशा करते हुए सहायक प्राध्यापकों की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष करने, जो शिक्षक 5-6 वर्षों से सेवा में थे और कार्यमुक्त कर दिए गए, उन्हें पुनः सेवा में लेने और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों की सेवा आयु सीमा 60 वर्ष निर्धारित किए जाने की बात कही है।


बिहार विधान परिषद के उपसचिव शंकर कुमार द्वारा 8 अप्रैल 2025 को आयोजित बैठक में लिए गए निर्णय के बाद यह अनुशंसा पत्र तैयार कर भेजा गया। शिक्षा समिति ने इस पूरे मुद्दे पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने और अग्रेतर कार्रवाई करने की आवश्यकता जताई है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब वर्षों से कार्यरत सैकड़ों अतिथि शिक्षक नियुक्ति की स्थायीत्व की मांग कर रहे थे।