1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 25 Nov 2025 02:54:42 PM IST
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बिहार के नवनिर्वाचित पर्यटन मंत्री अरुण शंकर प्रसाद ने मुख्य सचिवालय स्थित पर्यटन विभाग कार्यालय में पदभार ग्रहण कर अपने नए कर्तव्यों का आरंभ किया। उनका स्वागत पर्यटन सचिव लोकेश कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर मंत्री ने बिहार के पर्यटन क्षेत्र को नई दिशा देने और राज्य को देश-विदेश में पर्यटन के लिए प्रमुख केंद्र बनाने की अपनी प्राथमिकताओं के बारे में विस्तार से चर्चा की।
मंत्री अरुण शंकर प्रसाद ने कहा कि बिहार अपनी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं, ऐतिहासिक विरासत और सभी धर्मों के पवित्र स्थलों के केंद्र के रूप में केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि बिहार के विभिन्न पर्यटन सर्किट जैसे बौद्ध सर्किट, जैन सर्किट, रामायण सर्किट, सूफी सर्किट और इको सर्किट देश में विशिष्ट स्थान रखते हैं और इन्हें और अधिक विकसित करने की आवश्यकता है।
मंत्री ने बताया कि वर्तमान में राज्य सरकार के प्रगति यात्रा के तहत पर्यटन विभाग से जुड़ी कई महत्वाकांक्षी योजनाएं स्वीकृत हुई हैं और उन पर काम तेजी से चल रहा है। इनमें माता जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी में भव्य मंदिर का निर्माण, सोनपुर हरिहरक्षेत्र कॉरिडोर, गयाजी में विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर, महाबोधि कॉरिडोर और बोधगया मेडिटेशन सेंटर शामिल हैं। मंत्री ने इन सभी परियोजनाओं को जल्द पूरा करने की जिम्मेदारी अपने मंत्रालय की प्राथमिकता बताया।
विशेष रूप से उन्होंने राजधानी पटना, राजगीर, नालंदा और वैशाली में फाइव स्टार होटलों के निर्माण की योजना का जिक्र किया। उनका कहना था कि इन शहरों में आधुनिक सुविधाओं से युक्त होटल निर्माण से पर्यटन क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा और पर्यटकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी।
मंत्री ने पर्यटन आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा कि आम धारणा के विपरीत बिहार में पर्यटकों की संख्या कम नहीं है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में राज्य में कुल 6.60 करोड़ देसी और विदेशी पर्यटक आए थे। इस वर्ष सितंबर तक ही राज्य में 5.10 करोड़ से अधिक पर्यटक आ चुके हैं। मंत्री ने कहा कि बिहार देश में पर्यटन के मामले में शीर्ष 10 राज्यों में शामिल है और आगामी पांच वर्षों में इसे शीर्ष 5 में लाने का लक्ष्य रखा गया है।
अरुण शंकर प्रसाद ने कहा कि पर्यटन उद्योग न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि रोजगार सृजन के लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार पर्यटन स्थलों को विकसित कर पर्यटकों को आधुनिक सुविधाएं, बेहतर यात्रा अनुभव और सुरक्षा उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि बिहार की पर्यटन नीति निवेश के लिए आकर्षक है और इसमें पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने वालों को सब्सिडी और प्रोत्साहन दिए जाने की व्यवस्था है।
मंत्री ने यह भी कहा कि पर्यटन स्थलों की पहचान और उनका संवर्द्धन करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इससे न केवल राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित किया जा सकेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। पर्यटन को रोजगार युक्त बनाने के लिए होटल, रिसॉर्ट, यात्रा मार्ग और सुविधाओं का सुव्यवस्थित विकास किया जाएगा।
अरुण शंकर प्रसाद ने कहा कि राज्य में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा और सहयोग देना पर्यटन विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंने आश्वस्त किया कि विभाग पर्यटकों के लिए सुरक्षित और आनंददायक यात्रा अनुभव सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत रहेगा।
बिहार के पर्यटन मंत्री ने यह भी जोर दिया कि राज्य के पर्यटन स्थलों को आधुनिक तकनीक और स्मार्ट सुविधाओं से लैस करने पर ध्यान दिया जाएगा। इससे न केवल पर्यटक आकर्षित होंगे, बल्कि राज्य का पर्यटन उद्योग आर्थिक दृष्टि से मजबूत और रोजगारोन्मुखी बनेगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों के रखरखाव, सफाई, ट्रैवल सुविधाओं और सूचना प्रणाली में सुधार करके राज्य को देश और विदेश के पर्यटकों के लिए और अधिक आकर्षक बनाया जाएगा।
मंत्री के पदभार ग्रहण के अवसर पर यह स्पष्ट हुआ कि बिहार सरकार पर्यटन को नई दिशा और गति देने के लिए प्रतिबद्ध है। अरुण शंकर प्रसाद ने अपनी योजनाओं में सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक महत्व, धार्मिक स्थलों और इको-टूरिज्म को संतुलित करते हुए राज्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर शीर्ष स्थान दिलाने का संकल्प लिया है।
इस अवसर पर विभागीय अधिकारियों और अन्य मौजूद नेताओं ने मंत्री के पर्यटन विकास के दृष्टिकोण का स्वागत किया। यह उम्मीद जताई गई कि उनके नेतृत्व में बिहार का पर्यटन क्षेत्र नए आयाम हासिल करेगा और राज्य के लिए आर्थिक और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगा।