Bihar News: बिहार में इन 8 विश्वविद्यालयों में भारी वित्तीय गड़बड़ी का खुलासा, 269 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं; राजभवन की चेतावनी भी बेअसर

Bihar News: बिहार के आठ विश्वविद्यालयों ने 269 करोड़ से अधिक अनुदान राशि का हिसाब शिक्षा विभाग को नहीं दिया है। शिक्षा विभाग ने कड़ा रुख अपनाते हुए अनुदान रोकने की चेतावनी दी है। राजभवन ने भी उपयोगिता प्रमाण पत्र जल्द सौंपने का निर्देश दिया है।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sat, 12 Jul 2025 06:44:05 PM IST

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प्रतिकात्मक - फ़ोटो google

Bihar News: बिहार के विश्वविद्यालयों में वित्तीय कुप्रबंधन एक बार फिर उजागर हुआ है। शिक्षा विभाग की जांच में सामने आया है कि राज्य के 8ठ विश्वविद्यालयों ने बीते चार वर्षों में मिले कुल 269 करोड़ 54 लाख रुपये की अनुदान राशि का कोई उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा नहीं किया है। इस खुलासे के बाद शिक्षा विभाग ने कड़ा रुख अपनाते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष की अनुदान राशि रोकने का अल्टीमेटम संबंधित विश्वविद्यालयों को दिया है।


पिछले माह कुलपतियों की राजभवन में आयोजित बैठक में यह मामला राज्यपाल एवं कुलाधिपति के समक्ष रखा गया था। राजभवन ने तत्काल सभी लंबित उपयोगिता प्रमाणपत्र रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपने का निर्देश दिया, लेकिन अधिकांश विश्वविद्यालयों ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। 


किस विश्वविद्यालयों के पास कितना बताया

विश्वविद्यालय का नाम   दी गई राशि (करोड़)     बकाया उपयोगिता प्रमाण (करोड़)

मगध विश्वविद्यालय            348.32                              120.69

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय     215.02                      40.73

बीएन मंडल विश्वविद्यालय              71.38                     37.71

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय     139.56                      30.79

तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय 132.43            22.35

जयप्रकाश विश्वविद्यालय                  9.60                       9.60

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय 130.07              6.79

कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय 2.38          0.83


राजभवन सचिवालय ने दोबारा पत्र जारी कर कुलसचिवों को निर्देशित किया है कि जल्द से जल्द उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करें, अन्यथा कार्रवाई तय मानी जा रही है। उच्च शिक्षा निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, विभाग ने स्पष्ट निर्देश दे दिए हैं कि जब तक बकाया यूसी नहीं दी जाएगी, तब तक नए फंड की स्वीकृति नहीं दी जाएगी।