1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 22 Nov 2025 08:45:32 AM IST
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Bihar News: बिहार के शहरी उपभोक्ताओं को आने वाले दिनों में और सस्ती बिजली मिलने वाली है। बिहार विद्युत वितरण कंपनी ने इस प्रस्ताव को बिहार विद्युत विनियामक आयोग (BERC) के पास मंजूरी के लिए भेजा है। आयोग की अनुमति मिलने के बाद एक अप्रैल 2026 से शहरी उपभोक्ताओं को कम दरों पर बिजली मिलेगी। इस बदलाव से राज्य के 35 लाख से अधिक शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
कंपनी का कहना है कि यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में पहले लागू किए गए स्लैब मॉडल को शहरी क्षेत्रों में भी लागू करने के उद्देश्य से उठाया गया है। पिछले साल ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए दो स्लैब की जगह एक स्लैब लागू किया गया था। अब इसी तर्ज पर शहरी उपभोक्ताओं के लिए भी एक ही स्लैब लागू करने का प्रस्ताव है।
वर्तमान में 1 से 100 यूनिट तक की बिजली खपत पर अनुदानरहित दर 7.42 रुपये प्रति यूनिट है। इसमें सरकार 3.30 रुपये प्रति यूनिट अनुदान देती है, जिससे उपभोक्ताओं को 4.12 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करना पड़ता है। हालांकि जुलाई 2025 से 125 यूनिट तक की खपत मुफ्त की गई है, इसलिए उपभोक्ताओं को पहले स्लैब में बिल नहीं देना पड़ता।
100 यूनिट से अधिक खपत वाले दूसरे स्लैब में अनुदानरहित दर 8.95 रुपये प्रति यूनिट है। इसमें सरकार का अनुदान 3.43 रुपये प्रति यूनिट है और उपभोक्ताओं को 5.52 रुपये प्रति यूनिट का बिल देना पड़ता है। अब बिजली कंपनी ने इस दूसरे स्लैब को खत्म करने का प्रस्ताव दिया है, जिससे सभी शहरी घरेलू उपभोक्ता एक ही स्लैब के तहत सस्ती बिजली का लाभ उठाएंगे।
शहरी क्षेत्रों में औसतन एक परिवार प्रति माह 200 से 225 यूनिट बिजली खर्च करता है। 125 यूनिट मुफ्त होने और स्लैब को एक कर देने के बाद अगर एक परिवार हर महीने 100 यूनिट अतिरिक्त बिजली का उपयोग करता है, तो उसे हर महीने लगभग 140 रुपये की बचत होगी।
बिहार में शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य में 30 लाख 43 हजार 930 शहरी उपभोक्ता थे। इसमें उत्तर बिहार में 14 लाख 16 हजार 794 और दक्षिण बिहार में 16 लाख 27 हजार 136 उपभोक्ता शामिल थे। वित्तीय वर्ष 2024-25 में संख्या बढ़कर 31 लाख 48 हजार 9 हो गई। अब शहरी उपभोक्ताओं की संख्या 35 लाख से अधिक हो गई है। इस बदलाव से हर महीने लगभग 50 करोड़ रुपये की बचत होगी।
बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में समान दरें लागू करना है। इससे न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि बिजली खपत में संतुलन भी आएगा। विद्युत नियामक आयोग के सूत्रों ने बताया कि प्रस्ताव की जांच पूरी तरह पारदर्शिता के साथ की जाएगी और शहरी उपभोक्ताओं के हित को ध्यान में रखते हुए जल्द ही अनुमति दे दी जाएगी। आयोग की मंजूरी के बाद यह बदलाव एक अप्रैल 2026 से लागू होगा।