Navi Mumbai Airport : प्रधानमंत्री मोदी ने किया नवी मुंबई एयरपोर्ट का उद्घाटन , जानें कब और कहां के लिए शुरू होंगी फ्लाइट? Bihar Crime News: आदर्श आचार संहिता लागू होते ही एक्शन में बिहार पुलिस, दियारा इलाके में अवैध हथियार फैक्ट्री का किया खुलासा Bihar Crime News: आदर्श आचार संहिता लागू होते ही एक्शन में बिहार पुलिस, दियारा इलाके में अवैध हथियार फैक्ट्री का किया खुलासा Bigg Boss 19: बिग बॉस 19 में मालती चाहर की वाइल्ड कार्ड एंट्री से मचा धमाल, घर में बदल गए रिश्तों के समीकरण Life Style: किन कारणों से होती है खांसी? वजह जान लीजिएगा तो नहीं पड़ेगी दवाइयों की जरुरत Patna News: पटना में चुनाव से पहले गाड़ी से लाखों रुपए बरामद, वाहन चेकिंग के दौरान मिली सफलता Patna News: पटना में चुनाव से पहले गाड़ी से लाखों रुपए बरामद, वाहन चेकिंग के दौरान मिली सफलता Road Accident In Bihar: पटना में दर्दनाक सड़क हादसे में दो की मौत, दो घायल Rohit Sharma Statement: गिल के वनडे कप्तान बनने पर पहली बार बोले रोहित,गौतम गंभीर और अगरकर को लेकर भी किया खुलासा Bihar Crime News: पटना के प्रेमी जोड़े की यूपी में बेरहमी से हत्या, युवती के भाई पर हत्या का आरोप
1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Mon, 07 Jul 2025 11:31:46 AM IST
- फ़ोटो google
Bihar Voter Verification: बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची से लाखों नाम हटाए जाने की आशंका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। सोमवार को वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के लिए सहमति दे दी है।
कपिल सिब्बल के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, शादाब फरासत और गोपाल शंकरनारायणन ने भी इस मुद्दे को अदालत के समक्ष उठाया। उन्होंने तर्क दिया कि इस प्रक्रिया से लाखों लोगों, विशेष रूप से महिलाओं और सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के नाम मतदाता सूची से हटाए जाने की गंभीर आशंका है।
याचिकाकर्ताओं की मांग है कि इस संशोधन प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए। उनका कहना है कि इस मामले की सुनवाई आज या कल की जाए, क्योंकि चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित समयसीमा बहुत ही सीमित है और 25 जुलाई तक राज्यभर में बड़े पैमाने पर नाम हटाने की प्रक्रिया जारी है।
इन याचिकाकर्ताओं में राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, महुआ मोइत्रा, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज शामिल हैं। सभी ने इस प्रक्रिया को असंवैधानिक और जनविरोधी बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। गुरुवार 10 जुलाई को कोर्ट मामले पर सुनवाई करेगा।