1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 08 Aug 2025 07:23:22 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar Weather: बिहार में मानसून की सक्रियता ने राज्य को बारिश और बाढ़ की दोहरी मार दे दी है। शुक्रवार की सुबह से ही पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार जैसे उत्तर-पूर्वी जिलों में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग ने 11 से अधिक जिलों में अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जबकि 38 जिलों में बारिश और वज्रपात का अलर्ट है। गंगा सहित कोसी, बागमती और गंडक जैसी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। खगड़िया में 32 और वैशाली के राघोपुर में 80 स्कूलों को बंद कर दिया गया है, जबकि पटना के दियारा क्षेत्रों में भी स्कूल अनिश्चितकाल के लिए बंद हैं।
पटना में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और यह 1976 के रिकॉर्ड को तोड़ने की कगार पर है। मनेर में गंगा का जलस्तर 53.31 मीटर तक पहुंच गया है जो 1976 के 53.79 मीटर के उच्चतम स्तर से केवल 48 सेंटीमीटर कम है। दीघा घाट, गांधी घाट और हाथीदह में भी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बक्सर, भोजपुर, मुंगेर और वैशाली जैसे जिलों में बाढ़ ने निचले इलाकों को डुबो दिया है। प्रशासन ने राहत कार्य तेज कर दिए हैं, जिसमें 35 नावों की व्यवस्था, अस्थायी शौचालय, मेडिकल कैंप और पानी के टैंकर शामिल हैं।
मौसम विभाग के अनुसार मानसून की ट्रफ लाइन बिहार के ऊपर बनी हुई है, जिसके चलते अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश और वज्रपात की संभावना है। अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, सुपौल और पूर्वी-पश्चिमी चंपारण में अति भारी बारिश का अनुमान है, जबकि दक्षिण बिहार में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। बीते 24 घंटों में रोहतास में सबसे अधिक 56.6 मिमी बारिश दर्ज की गई। हालांकि, इस मानसून में अब तक 27% कम बारिश ही हुई है जो कई जगहों के किसानों के लिए चिंता का विषय है।
पटना में आज दिनभर बादल छाए रहने और हल्की-मध्यम बारिश की संभावना है, लेकिन नमी के कारण उमस भी बनी रहेगी। बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने लोगों को नदी किनारों से दूर रहने और सतर्कता बरतने की सलाह दी है। किसानों और स्थानीय निवासियों से मौसम अपडेट्स पर नजर रखने की अपील की गई है ताकि इस आपदा से सावधान रहा जा सके।