Patna News: बीच सड़क पर कॉलेज की लड़कियों को छेड़ रहा था युवक, छात्राओं ने उतार दिया इश्कबाजी का भूत; जानिए फिर क्या हुआ Gold Price Today: त्योहारों से पहले सोना हुआ महंगा, दामों ने पकड़ी रफ्तार; जानिए आज का ताजा भाव Bihar Politics: नीतीश ने बुलाई बैठैक,NDA में आज हो सकता है सीट बंटवारा पर फाइनल फैसला; इस दिन आएगा कैंडिडेट के नाम की पहली लिस्ट Bihar Crime News: बहन को चाकू मारकर मौत के घाट उतारा, शादी से इनकार करने पर भाई ने ले ली जान Bihar Politics: सात सीटों पर RJD नए चेहरे को देने जा रही टिकट, 18 से अधिक नेताओं का कट सकता है पत्ता;तेजस्वी खुद कर कैंडिडेट तय करने से पहले बात NTA New Rule: परीक्षाओं को लेकर NTA का बड़ा फैसला; केंद्र चुनने के नियम में हुआ बदलाव, जानें छात्रों पर क्या पड़ेगा प्रभाव Bihar Assembly Election 2025: नया कुर्ता सिलवाकर कर भी नेता जी के माथे पर पसीना, नेतृत्व नहीं बांटा पा रहा सीट; तो कैसे करें प्रचार और कब भरेंगे फॉर्म Reserve Bank of India: RBI की सख्ती! इस बैंक से अब ग्राहक निकाल सकेंगे सिर्फ तय रकम; जानिए क्या है रोक के पीछे की वजह Bihar Assembly Election : मुकेश सहनी और कांग्रेस को लेकर तेजस्वी ने बनाया ख़ास मास्टर प्लान; सरकार बनते ही कैबिनेट में दिखेगा यह ख़ास बदलाव;बन सकता है नया इतिहास Bihar Election 2025: चुनाव आयोग का बड़ा फैसला,अब घर बैठे करें मतदान; बस करना होगा यह छोटा सा काम
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 15 Feb 2025 06:31:06 PM IST
7 विश्वविद्यालयों पर दर्ज होगा केस - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार के 7 यूनिवर्सिटी में 177.38 करोड़ की वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। इन सभी पर अब केस दर्ज करने की तैयारी चल रही है। इनमें आरा के वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, पटना के पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय, भागलपुर के तिलका मांझी विश्वविद्यालय और मधेपुरा के बीएन मंडल विश्वविद्यालय का नाम शामिल है। इन विश्वविद्यालयों ने खर्च की गई राशि का हिसाब अभी तक नहीं दिया है जिसे लेकर महालेखाकार कार्यालय ने आपत्ति जतायी है।
इन विश्वविद्यालयों के कुल सचिवों से शिक्षा विभाग ने पूरा हिसाब मांगा है। एक हफ्ते के भीतर पूरी रिपोर्ट पेश करने को कहा है। दरअसल इन 7 यूनिवर्सिटी द्वारा ना तो वित्तीय अनुशासन का पालन किया गया और ना ही अंकेक्षण रिपोर्ट और उपयोगिता प्रमाण पत्र ही प्रस्तुत किया गया।
बता दें कि 12 फरवरी को शिक्षा विभाग में कुलपतियों और कुलसचिवों की बैठक हुई थी। इस बैठक में महालेखाकार की आपत्ति संबंधी रिपोर्ट को विभाग ने सबके समक्ष रखा। तब इन सातों यूनिवर्सिटी में हुई गड़बड़ी का मामला सामने आया। रिपोर्ट के अनुसार आरा के वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में 142 करोड़ 52 लाख की उत्तर पुस्तिकाओं की खरीद में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में साढ़े 4 करोड़ की उत्तर पुस्तिकाओं की खरीद में नियमावली का पालन नहीं किया गया। मुजफ्फरपुर के बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने 3.70 करोड़ का हिसाब नहीं दिया। वही दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ने भी एक करोड़ 45 लाख रुपये खर्च का हिसाब नहीं दिया।
जबकि दरभंगा के कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय ने बिना वेतन सत्यापन किए 16 करोड़ 39 लाख रुपये का भुगतान शिक्षकों को कर दिया। उसी तरह भागलपुर के तिलका मांझी विवि ने खर्च हुए 4 करोड़ का हिसाब नहीं दिया। वही मधेपुरा के बीएन मंडल विवि ने भी 5.50 करोड़ रूपये खर्च करने के बाद हिसाब नहीं दिया। इन सातों विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। अब इन सभी विश्वविद्यालय पर केस दर्ज करने की तैयारी चल रही है।