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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 20 Sep 2025 05:15:43 PM IST
तेजस्वी यादव - फ़ोटो FILE PHOTO
BIHAR NEWS : दरभंगा के जाले से विधायक सह बिहार के नगर विकास व आवास मंत्री जीवेश कुमार मिश्रा ने अब बिहार के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव को नोटिस भेजा है। इसके साथ ही उन्होंने खुद के ऊपर तेजस्वी के तरफ से लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि उन्होंने मेरे ऊपर दवा कारोबार से जुड़ें जो आरोप लगाए हैं वह पूरी तरह से गलत है। ऐसे में उन्हें माफ़ी मांगना चाहिए।
तेजस्वी यादव को बिहार सरकार के मंत्री और भाजपा नेता के तरफ से जो नोटिस भेजा गया है उसमें यह कहा गया है कि नेता विपक्ष ने मेरी छवि खराब करने की कोशिश कि है। उन्होंने यह आरोप लगाया है कि मेरे तरफ से नकली दवा का कारोबार किया जाता है और मैंने सदन के अंदर अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है। जबकि वह दोनों ही आरोप गलत है। इसके मैंने नोटिस के माध्यम से जानकारी दिया है कि यह मामला क्या है? ऐसे में नेता विपक्ष को माफ़ी मांगनी चाहिए।
जीवेश मिश्रा ने कहा है कि तेजस्वी यादव को इस नोटिस का जवाब 15 दिनों के अंदर देना है। यदि वह इसका जवाब नहीं देते हैं तो उनके ऊपर क़ानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। मंत्री जीवेश मिश्रा ने साफ़-साफ़ शब्दों में तेजस्वी यादव को यह कहा है कि उन्हें जब यह नोटिस मिलाता है उसके 15 दिनों के भीतर सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना करें, अन्यथा मेरे मुवक्किल को सिविल और आपराधिक दोनों प्रकार की उचित कानूनी कार्रवाई का सहारा लेने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
इस घटना ने बिहार की राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच इस प्रकार के आरोप-प्रत्यारोप ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह मामला विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक संघर्ष का हिस्सा भी माना जा सकता है।
दरअसल, मंत्री जीवेश मिश्रा ने हमेशा अपने विभागों में विकास कार्यों पर जोर दिया है, और उनका मानना है कि व्यक्तिगत आरोप उनके कामकाज और छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास हैं। नोटिस भेजने के पीछे उनका उद्देश्य यह है कि सभी सार्वजनिक आंकड़ों और तथ्यों के आधार पर आरोपों की सत्यता साबित हो और कोई भी झूठे बयान समाज में भ्रम न फैला सके।
इस बीच, राजनीतिक विशेषज्ञ यह भी मान रहे हैं कि इस नोटिस से तेजस्वी यादव और मंत्री जीवेश मिश्रा के बीच सार्वजनिक बहस और बढ़ सकती है। अगर तेजस्वी यादव नोटिस का जवाब नहीं देते हैं, तो यह मामला अदालत तक भी पहुँच सकता है। इसके अलावा, इस मामले ने मीडिया और जनता में भी चर्चा को जन्म दिया है, जहां लोग दोनों पक्षों की प्रतिक्रिया का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कुल मिलाकर, यह मामला न केवल व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप का है, बल्कि बिहार की राजनीति में सत्ता और विपक्ष के बीच संपर्क और संघर्ष को भी दर्शाता है। आने वाले दिनों में इस मामले की कानूनी और राजनीतिक दिशा पर सभी की नजरें बनी रहेंगी।