Bihar crime News: टना एयरपोर्ट की निर्माणाधीन बिल्डिंग में महिला का शव मिलने से सनसनी, जांच में जुटी पुलिस Salman Khan: भारत-पाक सीजफायर पर पोस्ट डिलीट कर बुरे फंसे सलमान खान, फैंस ने ही लगाई क्लास Bihar Mafia Crackdown: 10 करोड़ की काली कमाई पर चला बुलडोज़र, 100 से ज्यादा माफिया पुलिस के रडार पर! Bullet Train Bihar: जल्द बिहार में फर्राटे मारेगी बुलेट ट्रेन, सुविधाएं जान रह जाएंगे हैरान Patna Flight Cancellation: पटना से कई उड़ानें और ट्रेन टिकटें रद्द, भारत-पाक तनाव के बीच यात्रियों में चिंता बढ़ी Bihar News : शराब तस्करों का पीछा कर रही पुलिस की गाड़ी पलटी, होमगार्ड की मौत, चार जवान घायल Bihar News: NEET की परीक्षा देने गया छात्र पटना से लापता, जांच में जुटी पुलिस Bihar News: गंभीर इल्जाम के बाद सहकारिता पदाधिकारी गिरफ्तार, पत्नी के खुलासे के बाद हैरान रह गए लोग Bihar crime News : मुजफ्फरपुर में घरेलू विवाद बना खूनी संघर्ष, बहनोई ने साले की कर दी निर्मम हत्या — पुलिस ने किया सनसनीखेज खुलासा Major Gaurav Arya: ईरानी विदेश मंत्री को 'सूअर की औलाद' कहने पर भड़का ईरान, भारत ने दी सफाई — मेजर गौरव आर्या के बयान से मचा बवाल
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 25 Jan 2025 08:56:40 AM IST
BIHAR POLICE : - फ़ोटो SOCIAL MEDIA
BIHAR POLICE : बिहार में अब अपराधियों का मनोबल अब बढ़ने वाला नहीं है। अब आपराधिक मामलों की जांच में तेजी से लाने के लिए बिहार पुलिस ने एक बड़ी पहल की है। इसको लेकर सभी लोगों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। इसके बाद अब यह उम्मीद लगाई जा रही है कि अब आपराधिक मामले की जांच में काफी तेजी आएगी।
दरअसल, अब जिले के अधीन या बाहर तबादले के बाद पुलिस पदाधिकारी को कांड के अनुसंधान का प्रभार थानेदार को सौंपना होगा साथ ही अनापत्ति प्रमाण पत्र यानी NOC भी लेना होगा। आम तौर पर यह देखने को मिलता है की तबादले के बाद दारोगा या जमादार कांड का अनुसंधान सौंपे बगैर चले जाते हैं। लेकिन अब वह ऐसा करते हैं तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है।
बताया जाता है कि, किसी भी केस का चार्ज जब तक अनुसंधान कर रहे एक पुलिस अधिकारी के पास रहता है उसे किसी अन्य पुलिस पदाधिकारी को सौंपा नहीं जा सकता। बल्कि ट्रांसफर वाली जगह पर जाने के बाद जांच कर रहे पुलिस अफसर अपनी सहूलियत से केस का प्रभाव सौंपने आते हैं। ऐसे में कई बार तो महीना तक का समय लग जाता है।
ऐसे में तब तक ना तो मामले की जांच आगे बढ़ती है ना ही चार्जशीट की जाती है। अब इसी को ध्यान में रखते हुए यह नियम लागू किए गए हैं। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि किसी पुलिस अफसर का तबादला जिले से बाहर इकाई या अन्य जिलों में होता है तो उन्हें केस का प्रभाव सौंपने से संबंधित NOC वहां के SP से लेना होगा। यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें वेतन नहीं मिलेगा। NOC के आधार पर ही उन्हें आगे का वेतन मिलेगा।
गौरतलब हो कि बेवजह कांड की जांच निलंबित ना रहे इसके लिए डीजीपी ने व्यवस्था बनाई है। अब अनुसंधानकर्ता पुलिस का अधिकारी चाहे दरोगा हो या फिर जमादार उन्हें ट्रांसफर के बाद केस का चार्ज थानेदार को सौंपना होगा। सभी कांस्टेबल का प्रभाव सौंपने का NOC थानेदार से मिलने के बाद वह दूसरी जगह पर योगदान करेंगे। जिले के अंदर कुवैत तबादले में या व्यवस्था लागू होगी इसके बाद ही संबंधित पुलिस अधिकारी के वेतन निकासी की कार्रवाई होगी ।