Bihar News: रेलिंग तोड़कर पुल से नीचे गिरा सेब लदा ट्रक, बाल-बाल बची ड्राइवर की जान Bihar News: बिहार की हवा से प्रदूषण होगा गायब, सरकार ने उठाया बड़ा कदम Bihar Crime News: पटना में युवक की हत्या से सनसनी, छापेमारी में जुटी पुलिस Success Story: पकौड़े बेचने वाली के बेटी बनी IAS अधिकारी, कठिन संघर्ष के बदौलत लिखी सफलता की कहानी Bihar Politics: संसद भवन में स्वतंत्रता दिवस समारोह से अनुपस्थित रहे राहुल गांधी, युवा चेतना प्रमुख रोहित कुमार सिंह ने बोला हमला Bihar Politics: संसद भवन में स्वतंत्रता दिवस समारोह से अनुपस्थित रहे राहुल गांधी, युवा चेतना प्रमुख रोहित कुमार सिंह ने बोला हमला Bihar Politics: ‘एक वोट में भी व्यवस्था बदलने की ताकत’ निःशुल्क नाव सेवा के शुभारंभ पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘एक वोट में भी व्यवस्था बदलने की ताकत’ निःशुल्क नाव सेवा के शुभारंभ पर बोले मुकेश सहनी Patna News: देशभक्ति और नवाचार के रंग में रंगा ISM पटना, स्वतंत्रता दिवस पर फहराया गया तिरंगा Bihar News: वंदे भारत एक्सप्रेस अब बिहार से हावड़ा तक, 6 घंटे में पूरा होगा सफर
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 25 Jan 2025 08:56:40 AM IST
BIHAR POLICE : - फ़ोटो SOCIAL MEDIA
BIHAR POLICE : बिहार में अब अपराधियों का मनोबल अब बढ़ने वाला नहीं है। अब आपराधिक मामलों की जांच में तेजी से लाने के लिए बिहार पुलिस ने एक बड़ी पहल की है। इसको लेकर सभी लोगों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। इसके बाद अब यह उम्मीद लगाई जा रही है कि अब आपराधिक मामले की जांच में काफी तेजी आएगी।
दरअसल, अब जिले के अधीन या बाहर तबादले के बाद पुलिस पदाधिकारी को कांड के अनुसंधान का प्रभार थानेदार को सौंपना होगा साथ ही अनापत्ति प्रमाण पत्र यानी NOC भी लेना होगा। आम तौर पर यह देखने को मिलता है की तबादले के बाद दारोगा या जमादार कांड का अनुसंधान सौंपे बगैर चले जाते हैं। लेकिन अब वह ऐसा करते हैं तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है।
बताया जाता है कि, किसी भी केस का चार्ज जब तक अनुसंधान कर रहे एक पुलिस अधिकारी के पास रहता है उसे किसी अन्य पुलिस पदाधिकारी को सौंपा नहीं जा सकता। बल्कि ट्रांसफर वाली जगह पर जाने के बाद जांच कर रहे पुलिस अफसर अपनी सहूलियत से केस का प्रभाव सौंपने आते हैं। ऐसे में कई बार तो महीना तक का समय लग जाता है।
ऐसे में तब तक ना तो मामले की जांच आगे बढ़ती है ना ही चार्जशीट की जाती है। अब इसी को ध्यान में रखते हुए यह नियम लागू किए गए हैं। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि किसी पुलिस अफसर का तबादला जिले से बाहर इकाई या अन्य जिलों में होता है तो उन्हें केस का प्रभाव सौंपने से संबंधित NOC वहां के SP से लेना होगा। यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें वेतन नहीं मिलेगा। NOC के आधार पर ही उन्हें आगे का वेतन मिलेगा।
गौरतलब हो कि बेवजह कांड की जांच निलंबित ना रहे इसके लिए डीजीपी ने व्यवस्था बनाई है। अब अनुसंधानकर्ता पुलिस का अधिकारी चाहे दरोगा हो या फिर जमादार उन्हें ट्रांसफर के बाद केस का चार्ज थानेदार को सौंपना होगा। सभी कांस्टेबल का प्रभाव सौंपने का NOC थानेदार से मिलने के बाद वह दूसरी जगह पर योगदान करेंगे। जिले के अंदर कुवैत तबादले में या व्यवस्था लागू होगी इसके बाद ही संबंधित पुलिस अधिकारी के वेतन निकासी की कार्रवाई होगी ।