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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 25 Sep 2025 08:44:52 AM IST
bihar chunav 2025 - फ़ोटो FILE PHOTO
bihar chunav 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर राज्य में चुनावी हलचल तेज हो गई है। इसी क्रम में बिहार चुनाव आयोग ने राज्य सरकार के सभी महकमों को 6 अक्टूबर तक अधिकारियों और कर्मियों के तबादले की प्रक्रिया पूरी करने का सख्त निर्देश जारी किया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि उसी दिन तक तबादला एवं पदस्थापन से संबंधित रिपोर्ट भी अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करनी होगी। इस कदम से यह संकेत साफ है कि विधानसभा चुनाव की आधिकारिक घोषणा 6 अक्टूबर के बाद कभी भी हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्य चुनाव आयुक्त के नेतृत्व में आयोग की टीम कभी भी बिहार का दौरा कर सकती है।
दरअसल, आयोग पहले ही चुनाव से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण तथा पदस्थापन को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर चुका है। निर्देशों के मुताबिक किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की तैनाती उनके गृह जिले में नहीं की जाएगी। साथ ही, यदि 30 नवंबर तक या उससे पहले किसी कर्मी का कार्यकाल तीन साल या उससे अधिक का हो रहा है तो उनका अनिवार्य रूप से तबादला किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) विनोद सिंह गुंजियाल ने बुधवार को इस संबंध में बिहार के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, सभी अपर मुख्य सचिव, विकास आयुक्त, प्रधान सचिव, सचिव और विभागाध्यक्षों को पत्र लिखकर 6 अक्टूबर तक रिपोर्ट उपलब्ध कराने का आदेश दिया। इसमें साफ कहा गया है कि आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाए।
निर्देशों का असर केवल चुनावी कार्यों से सीधे जुड़े पदाधिकारियों तक सीमित नहीं रहेगा। प्रखंड विकास पदाधिकारी, तहसीलदार, जिला स्तर के अपर समाहर्ता और अन्य पदों पर कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी यह व्यवस्था लागू होगी। प्रमंडलीय आयुक्त, नगर आयुक्त और नगर निगम से जुड़े अधिकारियों का भी स्थानांतरण आयोग के आदेशों के अनुसार किया जाएगा।
पुलिस विभाग में भी आयोग की सख्ती देखने को मिलेगी। अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक से लेकर जिले में तैनात इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों तक पर यह आदेश लागू होगा। हालांकि कंप्यूटराइजेशन, स्पेशल ब्रांच और प्रशिक्षण से जुड़े पुलिस कर्मियों को इससे छूट दी गई है। वहीं, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अधिकारी और कर्मचारी यदि तीन साल से अधिक समय तक एक ही स्थान पर तैनात हैं, तो उनका तबादला भी अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
चुनाव आयोग का यह कदम चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने की दिशा में एक अहम पहल है। लंबे समय से एक ही जगह पर तैनात अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रभाव से मतदान प्रक्रिया प्रभावित न हो, इसके लिए यह व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही गृह जिले में तैनाती पर रोक से यह सुनिश्चित होगा कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरह की पक्षपातपूर्ण गतिविधि न हो।
विशेषज्ञों का मानना है कि आयोग का यह निर्देश प्रशासनिक मशीनरी को चुनाव के समय निष्पक्ष बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया कदम है। इससे मतदाताओं का भरोसा भी बढ़ेगा और चुनावी माहौल शांतिपूर्ण रहेगा। अब देखना यह होगा कि 6 अक्टूबर तक राज्य सरकार इस व्यापक तबादला प्रक्रिया को किस तरह से अंजाम देती है और आयोग को रिपोर्ट सौंपती है।