1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 13 Dec 2025 02:32:19 PM IST
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JP Ganga Path : पटना के जेपी गंगा पथ को सुंदर, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। लंबे समय से गंगा पथ पर अनियमित रूप से लग रहे ठेलों और अस्थायी दुकानों को हटा दिया गया है। अब पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से यहां आधुनिक प्रीफैब दुकानें स्थापित की जा रही हैं, जिन्हें नियोजित तरीके से वेंडरों को आवंटित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य न सिर्फ गंगा पथ की सुंदरता बढ़ाना है, बल्कि वेंडरों को बेहतर और स्थायी व्यावसायिक सुविधा भी उपलब्ध कराना है।
पाटलिपुत्र अंचल की कार्यपालक पदाधिकारी पुण्यातरु ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान के तहत करीब 130 से 150 अनियमित दुकानों और ठेलों को हटाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि त्योहारों के दौरान भी सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को देखते हुए दुकानों को हटाया गया था, जिस कारण वर्तमान में हटाई गई दुकानों की संख्या अपेक्षाकृत कम दिखाई दे रही है। हालांकि, इन सभी वेंडरों को नई प्रीफैब दुकानों में समायोजित करने की योजना है, ताकि उनकी रोजी-रोटी प्रभावित न हो।
पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड की इस परियोजना पर लगभग 15.45 करोड़ रुपये की लागत आ रही है। अधिकारियों के मुताबिक, दीघा गोलंबर से लेकर एलसीटी घाट तक गंगा पथ के किनारे इन प्रीफैब दुकानों को लगाया जाएगा। यह पूरा इलाका पहले अव्यवस्थित ठेलों और दुकानों के कारण अक्सर जाम और गंदगी की समस्या से जूझता था। अब प्रीफैब दुकानों के जरिए न केवल सड़क और पाथवे को खाली रखा जाएगा, बल्कि पर्यटकों और आम लोगों को भी बेहतर अनुभव मिलेगा।
इन प्रीफैब दुकानों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। प्रत्येक दुकान में बेसिन, स्लैब, एग्जॉस्ट फैन, पर्याप्त लाइटिंग, इलेक्ट्रिक बोर्ड और अन्य जरूरी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इससे वेंडरों को साफ-सुथरे और सुरक्षित माहौल में कारोबार करने का अवसर मिलेगा। साथ ही, खाद्य पदार्थ बेचने वाले दुकानदारों के लिए स्वच्छता मानकों को बनाए रखना भी आसान होगा।
परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इन दुकानों के संचालन और रख-रखाव की जिम्मेदारी पांच वर्षों तक संबंधित एजेंसी के पास रहेगी। इसमें तीन वर्षों की दोष दायित्व अवधि भी शामिल है, जिसके तहत किसी भी तकनीकी या निर्माण संबंधी खामी को बिना अतिरिक्त शुल्क के ठीक किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि दुकानें लंबे समय तक अच्छी स्थिति में बनी रहें।
हालांकि, इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन में कुछ चुनौतियां भी सामने आई हैं। जेपी गंगा पथ पर प्रीफैब दुकानों को लगाने का काम जून महीने से चल रहा है, लेकिन अब तक सभी यूनिट्स स्थापित नहीं हो पाई हैं। काम की धीमी रफ्तार को लेकर स्थानीय लोग और वेंडर दोनों ही असंतोष जता रहे हैं। कई दुकानदारों का कहना है कि जब तक पूरी व्यवस्था शुरू नहीं होती, तब तक उनकी आमदनी प्रभावित हो रही है।
इसी बीच, कुछ स्थानों पर धोखाधड़ी की शिकायतें भी सामने आई थीं। आरोप थे कि कुछ लोग प्रीफैब दुकानों के नाम पर अवैध रूप से पैसे वसूलने की कोशिश कर रहे हैं। इन शिकायतों के बाद नगर निगम और पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से लोगों को सतर्क किया गया और स्पष्ट किया गया कि दुकान आवंटन की प्रक्रिया पूरी तरह से आधिकारिक होगी। किसी भी तरह के निजी व्यक्ति या बिचौलिए को पैसे न देने की अपील की गई है।
अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल लाइजनिंग और तकनीकी समन्वय का काम चल रहा है। सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद ही दुकानों के आवंटन की औपचारिक प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसमें पात्र वेंडरों की सूची तैयार की जाएगी और पारदर्शी तरीके से दुकानों का वितरण किया जाएगा।