Old Pension Scheme : केंद्र सरकार ने साफ किया 8वें वेतन आयोग में वापस होगी ओल्ड पेंशन स्कीम या नहीं, जानिए क्या है सरकार की योजना

देश में 8वें वेतन आयोग की चर्चाएँ तेज हो रही हैं और सरकारी कर्मचारियों की उम्मीदें बढ़ रही हैं। वहीं केंद्र सरकार ने पेंशन व्यवस्था को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 16 Dec 2025 04:48:54 PM IST

Old Pension Scheme : केंद्र सरकार ने साफ किया 8वें वेतन आयोग में वापस होगी ओल्ड पेंशन स्कीम या नहीं, जानिए क्या है सरकार की योजना

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Old Pension Scheme : देश में 8वें वेतन आयोग की चर्चा जोरों पर है, और सरकारी कर्मचारियों की उम्मीदें लगातार बढ़ रही हैं। वेतन बढ़ोतरी और भत्तों को लेकर चर्चा तेज है, लेकिन इसी बीच केंद्र सरकार ने पेंशन व्यवस्था को लेकर अपना स्पष्ट रुख साझा किया है। लोकसभा में पूछे गए सवालों के लिखित जवाब में वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को बहाल करने का कोई प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन नहीं है।


यह बयान ऐसे समय आया है जब 8वें वेतन आयोग के साथ ओपीएस बनाम एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) और यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) की बहस फिर गर्म हो गई है। वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि एनपीएस या यूपीएस के तहत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ओपीएस की वापसी की कोई योजना नहीं है। हालांकि कुछ राज्यों ने अपने कर्मचारियों के लिए ओपीएस को दोबारा लागू किया है, लेकिन केंद्र सरकार इस दिशा में कोई कदम उठाने की योजना नहीं बना रही है।


राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों ने ओपीएस को दोबारा लागू करने की जानकारी दी है। इन राज्यों के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन प्रणाली का लाभ मिलेगा, लेकिन केंद्र स्तर पर यह विकल्प बंद है। इसके अलावा, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि एनपीएस के तहत जमा किए गए सरकारी और कर्मचारी अंशदान को राज्यों को वापस करने का कोई प्रावधान नहीं है। इससे यह स्पष्ट होता है कि ओपीएस की राह केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए फिलहाल बंद है और 8वें वेतन आयोग के दौरान यह मुद्दा चुनौतीपूर्ण बना रहेगा।


केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को भविष्य की पेंशन प्रणाली के तौर पर पेश किया है। यूपीएस एक फंड-आधारित संतुलित विकल्प है, जिसमें रिटायरमेंट से पहले अंतिम 12 महीनों के औसत बेसिक वेतन का 50 प्रतिशत सुनिश्चित पेंशन के रूप में देने का प्रावधान है, बशर्ते कि कर्मचारी की न्यूनतम 25 वर्ष की सेवा पूरी हो। इसके अलावा, न्यूनतम 10 साल की सेवा पर कर्मचारी को मासिक 10,000 रुपये की सुनिश्चित पेंशन का विकल्प भी उपलब्ध है।


यूपीएस के तहत कर्मचारियों द्वारा योगदान राशि की सीधी वापसी का प्रावधान नहीं है, लेकिन रिटायरमेंट के समय कर्मचारी अपने कॉर्पस का 60 प्रतिशत तक निकाल सकते हैं। हालांकि, इससे मासिक पेंशन में अनुपातिक कटौती होती है। इस प्रकार, यूपीएस का मॉडल ओपीएस से अलग है और यही अंतर 8वें वेतन आयोग की बहस में केंद्रीय मुद्दा बन सकता है।


सरकार का यह स्पष्ट रुख संकेत देता है कि 8वें वेतन आयोग में वेतन वृद्धि और भत्तों पर चर्चा संभव है, लेकिन ओपीएस जैसी पुरानी पेंशन व्यवस्था की वापसी की संभावना बेहद कम है। वित्त मंत्रालय फिलहाल वित्तीय स्थिरता और नियंत्रित पेंशन दायित्व को प्राथमिकता दे रहा है। इस दृष्टि से देखा जाए तो, कर्मचारियों को वेतन वृद्धि और भत्तों में राहत मिल सकती है, लेकिन ओपीएस की वापसी की उम्मीद फिलहाल अधूरी ही नजर आती है।


सरकार की यह नीति कर्मचारियों के लिए स्पष्ट संदेश देती है कि वेतन आयोग के दौरान वेतन और भत्तों में सुधार संभव है, लेकिन पेंशन प्रणाली को लेकर केंद्रीय स्तर पर बदलाव की संभावना न्यूनतम है। ऐसे में कर्मचारियों को वित्तीय स्थिरता और नियंत्रित पेंशन दायित्व को ध्यान में रखते हुए ही अपनी उम्मीदें रखना चाहिए। संक्षेप में, 8वें वेतन आयोग के सन्दर्भ में ओपीएस बनाम यूपीएस की बहस जारी रहेगी, लेकिन केंद्र सरकार का रुख स्पष्ट है: ओपीएस की वापसी फिलहाल नहीं होगी और यूपीएस ही भविष्य की पेंशन व्यवस्था का विकल्प है।