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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 28 Jul 2025 07:53:31 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार की राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी अंचल कार्यालय के आरटीपीएस (RTPS) काउंटर से एक अजीबोगरीब और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। 24 जुलाई को एक जानवर की तस्वीर सहित उसका नाम और पता अंकित करते हुए निवास प्रमाण पत्र जारी किया गया। इस निवास प्रमाण पत्र में डिजिटल हस्ताक्षर राजस्व पदाधिकारी मुरारी चौहान का था।
दरअसल, प्रमाण पत्र संख्या बीआरसीसीओ 2025/15933581 में दर्ज नाम था - डॉग बाबू, पिता का नाम कुत्ता बाबू, माता का नाम कुटिया देवी, और पता काउलीचक वार्ड 15, मसौढ़ी। इस फर्जी और हास्यास्पद निवास प्रमाण पत्र की चर्चा स्थानीय लोगों और प्रशासनिक महकमे में गहराई से हुई।
जैसे ही मामला सार्वजनिक हुआ, विभागीय अधिकारियों की नींद खुल गई और रविवार की शाम को तुरंत RTPS पोर्टल से उस फर्जी निवास प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया गया। साथ ही राजस्व पदाधिकारी का डिजिटल हस्ताक्षर भी हटा दिया गया। हालांकि, सर्वर पर अभी भी उस जानवर के निवास प्रमाण पत्र की रद्द की गई कॉपी मौजूद है। मसौढ़ी के अंचलाधिकारी प्रभात रंजन ने बताया कि इस मामले को संज्ञान में लेकर संबंधित प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया गया है और आगे की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि मामले में साइबर फर्जीवाड़ा और सरकारी दस्तावेज से छेड़छाड़ के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
इस संदर्भ में पुलिस की साइबर सेल जल्द ही संलिप्त लोगों की पहचान कर सख्त कार्रवाई करेगी। विभागीय स्तर पर कार्यालय के तैनात कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा, और दोषी पाए जाने पर उन्हें प्राथमिक अभियुक्त बनाया जाएगा। पटना के जिला मजिस्ट्रेट (DM) डॉ. त्यागराजन एसएम ने कहा कि यह मामला अत्यंत गंभीर है। दोषी कर्मियों और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी, जिसमें निलंबन भी शामिल है, ताकि भविष्य में कोई भी ऐसी लापरवाही करने का साहस न करे।
इस मामले ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। कांग्रेस नेता और पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने इस मामले को लेकर तीखी आलोचना की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “कुत्ता दिखा रहा निवास प्रमाण पत्र, कोई इंसान प्रमाण पत्र न दे पाए… यह है मेरा भारत महान। क्या मुख्य चुनाव आयुक्त महोदय… कहां गांजा फूंक सोए हो जनाब? आधार नहीं, कुत्ते ने लाया है आवासीय सर्टिफिकेट.. क्या इसे अब मिलेगा वोट का अधिकार?” सांसद के इस विवादित बयान ने मामले को और अधिक तूल दे दिया है, और चुनाव आयोग सहित संबंधित विभाग भी मामले की जांच में जुट गए हैं।