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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 28 Feb 2025 03:27:55 PM IST
प्रतिकात्मक - फ़ोटो google
Bihar News: बिहार सरकार ने बच्चों में कुपोषण और नाटापन की समस्या से निपटने के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के नेतृत्व में "मिशन सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0" के तहत राज्य की 35 ग्राम पंचायतों के 210 आंगनवाड़ी केंद्रों को चिन्हित किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों के पोषण स्तर का आकलन कर आवश्यक सुधार सुनिश्चित करना है।
अभियान की मुख्य विशेषताएँ:
बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (CDPO) को निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।पोषण ट्रैकर के आंकड़ों का सत्यापन और मिलान किया जाएगा।LGD कोड के माध्यम से आंगनवाड़ी केंद्रों में उपलब्ध सुविधाओं और बच्चों की पोषण स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा। वहीं, बच्चों के आहार, स्वच्छता और स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां एकत्रित की जाएंगी।
बिहार में कुपोषण की स्थिति चिंताजनक
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के अनुसार, बिहार में कुपोषण एक गंभीर समस्या बनी हुई है। कई जिलों में बच्चों का वजन औसत से कम और लंबाई में कमी दर्ज की गई है। इसके चलते राज्य सरकार ने सटीक डेटा संग्रह और विश्लेषण पर जोर देते हुए इस विशेष अभियान को लागू किया है।
सरकार का लक्ष्य
राज्य सरकार इस अभियान के माध्यम से कुपोषित बच्चों की पहचान, आहार संबंधी सुधार और स्वच्छता जागरूकता बढ़ाने की दिशा में काम करेगी। इससे प्राप्त आंकड़ों का उपयोग भविष्य में प्रभावी पोषण योजनाओं के निर्माण और क्रियान्वयन में किया जाएगा।
निगरानी और जवाबदेही होगी तय की जाएगी
अभियान के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य अधिकारियों को नियमित निरीक्षण और रिपोर्टिंग के निर्देश दिए गए हैं ताकि बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सके। सरकार इस डेटा का उपयोग कुपोषण से निपटने के लिए नीतिगत सुधारों में करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह अभियान प्रभावी ढंग से लागू हुआ तो बिहार में कुपोषण की समस्या को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण सफलता मिल सकती है।