1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 20 Sep 2025 03:30:47 PM IST
उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान पर हमला - फ़ोटो FILE PHOTO
BIHAR NEWS : बिहार के नालंदा जिले में शनिवार को हुई एक वारदात ने पूरे इलाके को दहला दिया। अस्थावां थाना क्षेत्र के शेरपुर गांव में उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान पर बदमाशों ने हमला कर दिया और गोली मार दी। घायल जवान का नाम वेद प्रताप कुमार है, जो नंदलाल प्रसाद उर्फ पिन्नू लाल का पुत्र है। वे वर्तमान में चंदौली एसपी ऑफिस में तैनात हैं। इस घटना ने न केवल स्थानीय स्तर पर सनसनी फैला दी बल्कि यह सवाल भी खड़ा कर दिया कि छोटी-सी कहासुनी कैसे गंभीर अपराध का रूप ले सकती है।
मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार शाम वेद प्रताप अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी से बिहारशरीफ से अपने गांव लौट रहे थे। रास्ते में एक बाइक खड़ी थी, जिसे हटाने के लिए उन्होंने कई बार हॉर्न बजाया। लेकिन बाइक हटाने के बजाय कुछ युवक मौके पर आए और गाली-गलौज करने लगे। स्थिति बिगड़ने पर उन युवकों ने ईंट-पत्थर बरसाकर स्कॉर्पियो को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। किसी तरह से जवान वहां से गाड़ी निकालकर घर पहुंचे।
शनिवार की सुबह वेद प्रताप जब जिम जाने के लिए अपनी बाइक से निकले तो रास्ते में पहले से घात लगाए बैठे बदमाशों ने उन्हें रोक लिया। आरोपियों ने पहले लाठी-डंडों से बेरहमी से पिटाई की और फिर गोली चला दी। गनीमत रही कि गोली उनके पैर में लगी, जिससे उनकी जान बच गई। गोली मारने के बाद हमलावरों ने उनकी बाइक को भी तोड़फोड़ कर दिया।
घायल जवान ने बताया कि शुक्रवार को हुए विवाद की वजह से ही यह हमला हुआ। आरोपियों ने पहले उनकी गाड़ी को क्षति पहुंचाई और फिर अगले दिन जान से मारने की नीयत से हमला कर दिया। अस्पताल में भर्ती वेद प्रताप फिलहाल खतरे से बाहर हैं, लेकिन घटना के बाद उनके परिवार में दहशत का माहौल है।
अस्थावां थाना प्रभारी उत्तम कुमार ने बताया कि यह मामला आपसी विवाद से जुड़ा है। फिलहाल जख्मी जवान का इलाज चल रहा है और उसकी स्थिति स्थिर है। पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली है और उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
यह घटना नालंदा जिले में लगातार बढ़ते अपराधों की एक और मिसाल है। आए दिन छोटी-सी बात पर बड़े अपराध हो रहे हैं। गाड़ी का हॉर्न बजाना जैसी सामान्य बात पर हमला होना समाज में बढ़ते असहिष्णु रवैये को दर्शाता है। खासकर तब जब पीड़ित व्यक्ति खुद कानून-व्यवस्था से जुड़ा जवान हो, तो सवाल उठना लाजिमी है कि आम लोगों की सुरक्षा का क्या हाल होगा।