1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 26 Nov 2025 07:40:12 PM IST
डॉ. वर्गीज कुरियन को श्रद्धांजलि - फ़ोटो सोशल मीडिया
PATNA: "श्वेत कान्ति के जनक" एवं पटना डेयरी प्रोजेक्ट के प्रथम अध्यक्ष पद्मविभूषण डा० वर्गीज कुरियन की जयंती को "राष्ट्रीय दुग्ध दिवस" के रूप में वैशाल पाटलिपुत्र दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि०, पटना के प्रांगण में बुधवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम के मौके पर संघ के अध्यक्ष संजय कुमार, संघ के समस्त निदेशक मंडल सदस्यगण, प्रबंध निदेशक रूपेश राज एवं संघ के सभी पदाधिकारियों / कर्मचारियों ने डा० कुरियन की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया। राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित कर संघ के सभी कार्यक्षेत्रों में संघ की विपणन टीम द्वारा सुधा दूध की सेम्पलिंग करायी गई तथा उपभोक्ताओं को सुधा से जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया।
कार्यक्रम के मौके पर संघ के अध्यक्ष संजय कुमार ने डा० कुरियन साहब को नमन करते हुए बताया कि डा० वर्गीज कुरियन साहब संघ के संस्थापक अध्यक्ष रहे। उनकी सोच का ही परिणाम है कि आज लाखों किसान दुग्ध व्यवसाय से जुड़े हैं तथा यह व्यवसाय उनकी आजीविका का प्रमुख साधन है। उन्होंने संघ के किसान बन्धुओं से आग्रह किया डा० कुरियन साहब के दिखाए रास्ते पर चलते हुए पटना डेयरी प्रोजेक्ट से जुड़कर गुणवत्तायुक्त दूध संग्रहित करें एवं ज्यादा से ज्यादा लाभ अर्जित करें।
प्रबंध निदेशक रूपेश राज ने डा० कुरियन साहब को याद करते हुए कहा कि आज उनके जन्मदिन के अवसर पर पटना डेयरी प्रोजेक्ट की तरफ से हम उन्हें सादर नमन करते हैं। संघ के प्रथम अध्यक्ष के रूप में उनके योगदान को पटना डेयरी हमेशा याद रखता है। उनके प्रयासों से ही गाँव-गाँव में किसान पटना डेयरी प्रोजेक्ट से जुड़कर दुग्ध व्यवसाय के कार्य में सम्मिलित हुए।
उनके दिखाए रास्ते पर चलकर कॉम्फेड के नियंत्रणाधीन यह संस्था पटना डेयरी प्रोजेक्ट सुधा ब्राण्ड के रूप में अग्रणी संस्था के रूप में बिहार में प्रगति के पथ पर अग्रसर है। चाहे संघ का संग्रहण हो, विपणन हो, प्लांट विस्तार हो, सभी में संस्था एक नये रिकॉर्ड के साथ कार्य कर रही है। संघ स्तर से विभिन्न प्रकार की योजनाओं के माध्यम से समितियों को सुविधाएँ प्रदान की जा रही है। बिहार में सुधा एक प्रतिष्ठित संस्था के रूप में खड़ा है, इसमें अविस्मरणीय योगदान डा० कुरियन का है जिन्हें बिहार के पशुपालक कभी भूल नहीं सकते।


