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Bihar News: सुबह सुबह CM नीतीश की एक और बड़ी घोषणा, अब इन्हें मिलेगा 25 हजार रु तो शिक्षा सेवकों को 10 हजार,जानें....

न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर चलते हुए समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए हमारी सरकार लगातार काम कर रही है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 21 Sep 2025 08:46:40 AM IST

NITISH KUMAR

NITISH KUMAR - फ़ोटो FILE PHOTO

Bihar News:बिहार सरकार ने हमेशा से “न्याय के साथ विकास” के सिद्धांत को अपनाते हुए समाज के हर वर्ग तक विकास की रोशनी पहुंचाने का संकल्प लिया है। विशेषकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महादलित, दलित, अल्पसंख्यक तथा अति पिछड़ा वर्ग जैसे वंचित समूहों को मुख्यधारा से जोड़ना सरकार की प्राथमिकता रही है। इसी कड़ी में सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जिनसे इन वर्गों तक संचालित योजनाओं का लाभ और अधिक प्रभावी ढंग से पहुंच सके।


महादलित विकास मिशन के तहत कार्यरत विकास मित्रों की भूमिका इस दिशा में बेहद अहम मानी जाती है। ये लोग न केवल योजनाओं की जानकारी लाभार्थियों तक पहुंचाते हैं, बल्कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का वास्तविक लाभ भी उन्हें दिलाने में सेतु का काम करते हैं। इन्हीं के प्रयासों से लाभुकों का डाटा संधारण और समय पर जानकारी उपलब्ध हो पाती है। उनकी इस महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि प्रत्येक विकास मित्र को टैबलेट क्रय हेतु एकमुश्त 25 हजार रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। टैबलेट उपलब्ध होने से विकास मित्रों को डाटा एंट्री, योजनाओं का ऑनलाइन अपडेट और क्षेत्रीय कार्यों के निष्पादन में काफी सुविधा होगी।


इसके अतिरिक्त उनके कार्यों को और सुगम बनाने के लिए भत्तों में भी वृद्धि की गई है। अब तक उन्हें 1900 रुपये प्रतिमाह परिवहन भत्ता मिलता था, जिसे बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। इसी तरह स्टेशनरी भत्ता को भी 900 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। इस कदम से उन्हें क्षेत्र भ्रमण, लाभुकों के घर-घर संपर्क और दस्तावेजों के संधारण जैसे कार्यों में आसानी होगी।


सिर्फ विकास मित्र ही नहीं, बल्कि समाज में शिक्षा का प्रकाश फैलाने वाले शिक्षा सेवक (तालिमी मरकज सहित) भी इस नई पहल में शामिल किए गए हैं। ये शिक्षा सेवक महादलित, दलित, अल्पसंख्यक और अति पिछड़े वर्ग के बच्चों तक शिक्षा का लाभ पहुंचाने में अग्रणी भूमिका निभाते हैं। साथ ही ‘अक्षर आंचल योजना’ के अंतर्गत वे ग्रामीण महिलाओं को साक्षर बनाने का कार्य भी पूरी लगन से कर रहे हैं। इनकी महत्ता को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रत्येक शिक्षा सेवक को डिजिटल कार्यों में दक्ष बनाने के उद्देश्य से स्मार्टफोन क्रय हेतु 10-10 हजार रुपये की राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इससे वे बच्चों और महिलाओं को डिजिटल माध्यम से बेहतर ढंग से शिक्षित कर सकेंगे और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।


इसी क्रम में शिक्षा सेवकों को मिलने वाली शिक्षण सामग्री मद में भी बड़ा इजाफा किया गया है। पहले उन्हें 3405 रुपये प्रति केंद्र प्रतिवर्ष मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 6000 रुपये प्रतिवर्ष कर दिया गया है। इस राशि से वे अधिक पुस्तकें, कॉपी, पेन, चार्ट, स्लेट और अन्य आवश्यक शैक्षणिक सामग्री खरीद सकेंगे, जिससे बच्चों को पढ़ाने के संसाधन बेहतर होंगे।


इन निर्णयों से स्पष्ट है कि सरकार सिर्फ घोषणाएं करने तक सीमित नहीं है, बल्कि जमीनी स्तर पर समाज के सबसे कमजोर वर्ग तक विकास पहुंचाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। विकास मित्रों को टैबलेट और बढ़ा हुआ भत्ता मिलने से वे तकनीकी रूप से अधिक सक्षम होंगे। वहीं शिक्षा सेवकों को स्मार्टफोन और अतिरिक्त शैक्षणिक संसाधन मिलने से वे बच्चों और महिलाओं तक ज्ञान और साक्षरता का प्रकाश और प्रभावी ढंग से पहुंचा पाएंगे।


इन पहलों से न केवल विकास मित्रों और शिक्षा सेवकों का मनोबल ऊंचा होगा, बल्कि उनमें काम के प्रति नई ऊर्जा और उत्साह का संचार भी होगा। जब ये लोग पूरी लगन और आत्मविश्वास से काम करेंगे, तभी सरकार का उद्देश्य – समाज के हर वंचित वर्ग तक विकास और न्याय पहुंचाना – साकार हो सकेगा।निस्संदेह, सरकार के ये कदम बिहार के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव लाने वाले साबित होंगे और वंचित समुदायों के बच्चों, महिलाओं और परिवारों के जीवन में नई उम्मीद और अवसर लेकर आएंगे।