Bihar News: BJP में काम करने वाले 'मंत्रियों' का वैल्यू नहीं ! जिनके कार्यकाल में उद्योग विभाग को पंख लगे, भाजपा नेतृत्व ने इस बार घर बिठा दिय़ा, X पर ट्रे्ंड कर रहे 'नीतीश मिश्रा'
आत्मनिर्भर बिहार’ को गति देने वाले उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा को दोबारा जगह क्यों नहीं मिली? भाजपा कोटे से 14 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई, मगर बेहतर काम करने वाले नेता को बाहर किए जाने पर सोशल मीडिया में सवाल तेज हो गए हैं।
1st BiharPublished by: Viveka Nand Updated Thu, 20 Nov 2025 05:10:13 PM IST
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Bihar News: बिहार में नई सरकार का गठन हो गया है. मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार दसवीं बार शपथ लिए हैं. बुधवार को गांधी मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में कुल 26 मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई गई. इनमें भाजपा कोटे से 14, जेडीयू-8, लोजपा(रा) से 2, हम और रालोमो से 1-1 मंत्री बनाए गए हैं. बीजेपी ने कई पुराने चेहरों पर भरोसा जताया है. इनमें सम्राट चौधरी से लेकर विजय सिन्हा, मंगल पांडेय शामिल हैं. पिछली सरकार में जिस मंत्री ने बेहतर प्रदर्शन किया, आत्मनिर्भर बिहार’ का सपना साकार कराने में बड़ी भूमिका निभाई, उस नेता को ही इस बार आउट कर दिया गया. दल के वरिष्ठ विधायक नीतीश मिश्रा जो पिछली सरकार में उद्योग विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे, उन्हें मंत्री नहीं बनाए जाने पर सवाल उठने लगे हैं. क्या बेहतर काम का रिजल्ट यही है ? आज के इस दौर में बेहतर करने वालों को सम्मान की जगह तिरस्कृत किया जायेगा ? काम करने वाले नेता को कैबिनेट में जगह नहीं मिलने का मुद्दा सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है.
नई सरकार में भाजपा कोटे से कैसे-कैसे मंत्री....
10 नवंबर को बिहार में नई सरकार का गठन हो गया है. एनडीए को सत्ता में पहुंचाने में उद्योग विभाग का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. 2024 में एनडीए सरकार के गठन के बाद नीतीश मिश्रा को उद्योग मंत्री बनाया गया था. इसके बाद उद्योग-धंधों पर विशेष जोर दिया जाने लगा. यह विभाग राज्य के आर्थिक विकास और औद्योगिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को लेकर कई निर्णय लिए. उद्योग विभाग ने अनेक नवाचारपूर्ण योजनाएं, निवेश प्रोत्साहन, स्टार्टअप सहयोग से बिहार की औद्योगिक छवि को नई दिशा देने की कोशिश की . यह सब वर्ष 2024 से वर्ष 2025 में चुनाव की घोषणा होने से पहले की गई। उद्योग विभाग ने ‘आत्मनिर्भर बिहार’ का सपना साकार करने को लेकर नई औद्योगिक नीति, स्टार्टअप बिहार नीति, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, लॉजिस्टिक्स नीति और इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर जैसी योजनाओं के तहत व्यापक सुधार और निवेश आकर्षित करने के प्रयास किए हैं. मकदसद था- स्थानीय उद्यमों को सशक्त बनाना, युवाओं को स्वरोजगार के अवसर देना, और बिहार को एक औद्योगिक हब के रूप में स्थापित करना.
जनता ने बेहतर काम का रिजल्ट दिया, पर भाजपा नेतृत्व ने रिजेक्ट कर दिया...
बिहार विधानसभा चुनाव-2025 का रिजल्ट सामने है. एक बार फिर से सूबे में एनडीए सरकार बनी है. नीतीश कुमार सत्ता में काबिज हो गए हैं. भाजपा ने एक बार फिर से सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा पर भरोसा जताया और डिप्टी सीएम बनाया है. लेकिन जिस मंत्री के कार्यकाल में उद्योग विभाग को पंख लगे, उन्हें दुबारा मौका नहीं मिला. नीतीश मिश्रा इस बार करीब 55 हजार मतों के बड़े मार्जिन से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे, लेकिन भाजपा नेतृत्व ने उन्हें मंत्री नहीं बनाया.
भाजपा को काम करने वाले मंत्रियों पर भरोसा नहीं ?
भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने पर राजनीतिक गलियारे में चर्चा चल पड़ी है. यहां काम को तवज्जो नहीं मिलती है. बेदाग छवि का भी नेतृत्व को कोई मतलब नहीं. भाजपा में सबकुछ बदल चुका है, यहां काम में विश्वास रखने वालों की पूछ नहीं होती. सोशळ मीडिया 'एक्स' पर अभियान चलाया जा रहा है. नीतीश मिश्रा इंडिया में ट्रेंड कर रहे हैं. THE VOICE OF KOSI ने लिखा है....ये नीतीश मिश्रा जी का काम ही है जो मंत्री बने बिना ही एक्स पर ट्रेंड कर रहे हैं.