1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 17 Dec 2025 10:21:35 AM IST
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Patna News: पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान की तस्वीर अब बदलने वाली है। मैदान की घास को नुकसान, उड़ती धूल और बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। अब गांधी मैदान में युवक-युवतियां दौड़, कूद-फांद या प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़े फिजिकल टेस्ट का अभ्यास नहीं कर सकेंगे। कोचिंग संस्थानों और निजी प्रशिक्षकों द्वारा कराए जा रहे शारीरिक अभ्यास पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है।
निर्णय के पीछे का कारण
लंबे समय से मिली शिकायतों के अनुसार फिजिकल ट्रेनिंग के कारण गांधी मैदान की हरियाली खत्म हो रही थी। मैदान में जगह-जगह गड्ढे बन गए, जिससे धूल उड़ती रहती थी और आसपास रहने वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। नागरिकों और सामाजिक संगठनों की लिखित शिकायतों के बाद मंगलवार को प्रमंडलीय आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया।
वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराए गए
युवाओं के शारीरिक अभ्यास पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई गई है, बल्कि इसके लिए वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराए गए हैं। अब प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी गंगा पथ, कलेक्ट्रेट घाट और अन्य निर्धारित स्थानों पर फिजिकल ट्रेनिंग कर सकेंगे, जहां पर्याप्त जगह और बेहतर सुविधाएं मौजूद हैं।
गांधी मैदान का स्वरूप बदलेगा
गांधी मैदान को फिर से हरा-भरा और स्वच्छ बनाने के लिए कई स्तर पर काम किया जाएगा। धूल नियंत्रण के लिए सुबह और शाम नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाएगा, ताकि इलाके में बढ़ते AQI स्तर को नियंत्रित किया जा सके। खाली और क्षतिग्रस्त जगहों पर नई घास लगाई जाएगी।
वॉकिंग ट्रैक और पाथ-वे की मरम्मत
जहां पेड़-पौधों की कमी है, वहां पौधारोपण किया जाएगा। श्रीकृष्ण स्मारक विकास समिति को गांधी मैदान के सौंदर्यकरण और विकास से जुड़े सुझावों पर अमल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मैदान के अंदर बने वॉकिंग ट्रैक और पाथ-वे की भी मरम्मत की जाएगी। टूटे ट्रैक को दुरुस्त किया जाएगा और जरूरत के अनुसार नए वॉकिंग ट्रैक बनाए जाएंगे, ताकि आम लोग सुरक्षित तरीके से टहल सकें।
सुरक्षा और रोशनी पर ध्यान
सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत किया जाएगा। गांधी मैदान के चारों ओर नियमित पुलिस गश्त होगी और रोशनी की कमी वाले स्थानों पर नए स्ट्रीट लाइट लगाए जाएंगे। प्रशासन का मानना है कि इन कदमों से गांधी मैदान अपनी पुरानी गरिमा, हरियाली और सार्वजनिक आकर्षण वापस पा सकेगा।
आम नागरिकों और पर्यावरण को मिलेगा लाभ
इन सुधारों से न केवल मैदान का पर्यावरण और हरियाली सुरक्षित होगी, बल्कि आम नागरिकों को स्वस्थ, स्वच्छ और सुरक्षित स्थान मिलेगा। इसके अलावा, गांधी मैदान अब सामाजिक, सांस्कृतिक और खेल आयोजनों के लिए अधिक उपयुक्त और आकर्षक स्थल बन जाएगा।