पप्पू यादव ने पीएम मोदी पर बोला हमला, कहा..घुसपैठियों की लिस्ट जारी करें प्रधानमंत्री बिहार विधानसभा चुनाव 2025: इस दिन जारी होगी जन सुराज पार्टी के प्रत्याशियों की पहली लिस्ट, प्रशांत किशोर करेंगे नाम की घोषणा बिहार विधानसभा चुनाव 2025: इस दिन जारी होगी जन सुराज पार्टी के प्रत्याशियों की पहली लिस्ट, प्रशांत किशोर करेंगे नाम की घोषणा Bihar Election 2025: बिहार चुनाव को लेकर एक्टिव मोड में अरवल जिला प्रशासन, डीएम-एसपी ने लिया तैयारियों का जायजा Bihar Politics: ‘महागठबंधन में सबकुछ तय, जल्द होगी सीटों की घोषणा’ सीट शेयरिंग पर मुकेश सहनी का बड़ा दावा Bihar Politics: ‘महागठबंधन में सबकुछ तय, जल्द होगी सीटों की घोषणा’ सीट शेयरिंग पर मुकेश सहनी का बड़ा दावा BIHAR NEWS : बस की छत पर सवार दो यात्री करंट से झुलसे, हालत गंभीर कैमूर में भीषण जाम से लोग परेशान: मोहनिया से टोल प्लाजा तक NH-19 पर घंटों फंसे वाहन चालक Bihar Crime News: बिहार में नाबालिग लड़के ने चाकू मारकर की लड़की की हत्या, एकतरफा प्यार में वारदात को दिया अंजाम Bihar Crime News: बिहार में नाबालिग लड़के ने चाकू मारकर की लड़की की हत्या, एकतरफा प्यार में वारदात को दिया अंजाम
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 06 Mar 2025 10:07:11 AM IST
neetu honey - फ़ोटो GOOGLE
Bollywood News : हाल ही में हनी सिंह का एक गाना काफी ज्यादा वायरल हुआ था जिसका नाम ‘मैनिएक’ है, इसमें भोजपुरी लाइंस भी शामिल हैं, जो बेहद अश्लील हैं, जहां दीदी के देवर द्वारा चोली के पीछे कुछ तलाशने की बात की जा रही है. गाने के वायरल होने के पीछे का मुख्य कारण यही लाइनें हैं. अब इसी को लेकर अभिनेत्री नीतू चंद्रा ने हनी सिंह जैसों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
एक्ट्रेस ने पटना हाईकोर्ट में एक लोकहित याचिका दायर की है और कहा है कि जल्द से जल्द ऐसे गानों पर रोक लगाईं जाए एवं क़ानूनी कार्यवाई की जाए. ऐसे बोल के जरिए महिलाओं का चित्रण अश्लील ढंग से किया जाता है. जबकि ऐसी भाषाओँ के प्रयोग से समाज में अश्लीलता बढती है और इनके जरिए युवाओं की सोच को विकृत करने का काम हो रहा है, अतएव इस पर कार्यवाई बेहद जरुरी है.
अभिनेत्री चंद्रा की और से अधिवक्ता शशांक शेखर, शशि, आर्य अंचित इत्यादि ने अधिवक्ता निवेदिता निर्विकार की देखरेख में अर्जी दायर की और कहा है कि भोजपुरी गानों का उपयोग कर समाज के हर वर्ग के लोगों की मानसिकता को दूषित किया जा रहा है. गलत तरीके से महिलाओं का चित्रण किया जा रह है. जिन पर ठोस कदम उठाना बेहद आवश्यक हो गया है.
इस याचिका में यह भी कहा गया है कि संविधान के मुलभुत अधिकारों में अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का और बोलने का अधिकार जरुर है मगर इसकी भी एक सीमा होती है. कुछ लोग इस सीमा को कब का पार कर चुके हैं. ऐसे में इन पर कार्यवाई करने का प्रावधान है और अब समय आ गया है कि सख्ती से इस पर क़ानून लागू किया जाए. 7 मार्च पर इस याचिका पर सुनवाई की जा सकती है. देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में इस विषय पर क्या जरुरी कदम उठाए जाते हैं.