1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 03 Dec 2025 08:51:30 AM IST
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LPG cylinder : घरेलू गैस सिलिंडर की डिलीवरी व्यवस्था में हाल ही में बड़े बदलाव किए गए हैं, जिसके तहत अब उपभोक्ताओं को बिना डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (डीएससी) या ओटीपी बताए सिलिंडर नहीं मिलेगा। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने शहर की सभी गैस एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि डीएससी कोड सत्यापित होने पर ही डिलीवरी की जा सकेगी।
डीएससी कोड वह सुरक्षा कोड है जो उपभोक्ता को बुकिंग के समय उसके मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है। तेल कंपनियों के अनुसार पूरे बिहार में एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या 2.304 करोड़ के करीब है। इनमें इंडियन ऑयल के लगभग 1.088 करोड़, बीपीसीएल के लगभग 55.9 लाख और एचपी के लगभग 65.7 लाख उपभोक्ता शामिल हैं।
पटना में स्थिति और नई व्यवस्था का असर
पटना शहर में इस समय 16,64,880 से अधिक घरेलू गैस उपभोक्ता हैं और शहर में लगभग 70 गैस एजेंसियां संचालित होती हैं। हर दिन लगभग 4 से 5 हजार सिलिंडर डोर-स्टेप डिलीवरी के जरिए घर-घर पहुंचाए जाते हैं। नई व्यवस्था का असर शहर के बड़े हिस्से पर देखा जा रहा है।
पहले की व्यवस्था में डिलीवरी मैन कई बार उपभोक्ता के घर न होने पर भी सिलिंडर दे देते थे। इसके कारण गलत डिलीवरी और धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे थे। कई उपभोक्ताओं ने शिकायत की थी कि उनके नाम पर सिलिंडर डिलीवर दिखता है, लेकिन उन्हें वास्तविक में सिलिंडर नहीं मिला। कंपनियों का मानना है कि ओटीपी आधारित सिस्टम से इन गड़बड़ियों पर रोक लगेगी और डिलीवरी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी।
नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं को हो रही परेशानी
हालांकि यह कदम सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए लिया गया है, लेकिन नई व्यवस्था से कुछ उपभोक्ताओं को परेशानी भी हो रही है। कई लोग नौकरी या अन्य कारणों से दिनभर घर से बाहर रहते हैं, जिसके कारण वे समय पर डीएससी कोड नहीं बता पाते और सिलिंडर लेने में असमर्थ रहते हैं।
दूसरी समस्या यह है कि कई परिवारों में बुकिंग किसी एक मोबाइल नंबर से होती है, जबकि वह व्यक्ति घर पर मौजूद नहीं होता। ऐसी स्थिति में डिलीवरी मैन सिलिंडर लेकर वापस लौट जाते हैं। गैस एजेंसियों का कहना है कि कंपनियों ने साफ निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्थिति में बिना डीएससी कोड के सिलिंडर नहीं दिया जाएगा।
बिहार एलपीजी वितरक संघ की मांग
बिहार एलपीजी वितरक संघ के महासचिव डॉ. रामनरेश प्रसाद सिन्हा ने कहा कि नई व्यवस्था उपभोक्ताओं की सुरक्षा और गलत डिलीवरी रोकने के लिए जरूरी है। हालांकि, उन्होंने कंपनियों से मांग की है कि वे वैकल्पिक समाधान भी प्रदान करें। उदाहरण के लिए, परिवार के किसी अन्य सदस्य के मोबाइल नंबर को लिंक करने की सुविधा या आपात स्थिति में सत्यापन के अन्य विकल्प दिए जा सकते हैं।
डॉ. सिन्हा ने बताया कि इस कदम से उपभोक्ताओं और एजेंसियों दोनों को सुरक्षा और विश्वास मिलेगा। उन्होंने कहा कि सही दिशा में बदलाव है, लेकिन इसे और सुविधाजनक बनाने के लिए उपभोक्ता-केंद्रित विकल्प जरूरी हैं।
उपभोक्ताओं के लिए सुझाव और सावधानियां
गैस एजेंसियों ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे बुकिंग करते समय अपने मोबाइल नंबर अपडेट रखें और परिवार के अन्य सदस्यों के नंबर भी लिंक करने की व्यवस्था करवाएं। इसके अलावा, उपभोक्ताओं को सलाह दी गई है कि वे डिलीवरी के समय डीएससी या ओटीपी कोड की पुष्टि करें और किसी भी संदिग्ध स्थिति में तुरंत एजेंसी से संपर्क करें।
कुल मिलाकर, यह नई व्यवस्था एलपीजी डिलीवरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है। हालांकि, इसके साथ ही उपभोक्ताओं और एजेंसियों को समय और सुविधा के दृष्टिकोण से कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कंपनियां वैकल्पिक उपाय और तकनीकी सुधार लागू करती हैं, तो यह बदलाव लंबे समय में दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद साबित होगा।