1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 19 Nov 2025 12:18:58 PM IST
पटना न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Patna News: पटना में सोमवार को एक प्रेग्नेंट महिला और उनके पति के साथ पुलिसकर्मी द्वारा कथित रूप से अनुचित बर्ताव का मामला सामने आया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें देखा जा सकता है कि महिला पुलिसकर्मी के स्कूटी ले जाने की कोशिश के दौरान करीब 20 मीटर तक स्कूटी पर लटकी रही। इस दौरान महिला को चोट भी लगी।
सूत्रों के अनुसार, महिला और उनके पति मरीन ड्राइव गए थे, जहां उन्होंने पीजा खाया और कोल्ड ड्रिंक खोज रहे थे। वे सड़क पर स्कूटी धक्का देकर आगे बढ़ रहे थे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोका और बताया कि वे गलत साइड से आ रहे हैं, जिससे चालान कट सकता है। पति ने पुलिस को समझाया कि वे स्कूटी नहीं चला रहे हैं, लेकिन पुलिसकर्मी ने पहले से पेंडिंग 12,000 रुपये के चालान के आधार पर स्कूटी जब्त कर ली।
महिला ने स्कूटी के आगे आकर रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मी ने उसे अनसुना किया। महिला ने बार-बार कहा कि वह प्रेग्नेंट है, फिर भी पुलिसकर्मी ने स्कूटी रोकने से इनकार किया। महिला का कहना है कि बंपर से उसके पेट पर चोट लगी और वह काफी डर गई। इस दौरान सड़क पर मौजूद अन्य लोग भी घटना को देख रहे थे।
कुछ देर के बाद, सड़क पर ड्रामा के बाद पुलिसकर्मी ने महिला और उनके पति को स्कूटी पर बैठाकर थाने ले जाने का फैसला किया। थाने पहुंचने पर दोनों ने पुलिस से आश्वासन लिया कि आगे से कोई गलती नहीं करेंगे और पेंडिंग चालान 15 दिनों के भीतर जमा कर देंगे। इसके बाद पुलिस ने स्कूटी समेत उन्हें छोड़ दिया।
पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई नियमों के अनुसार की गई थी। पटना पुलिस के अधिकारी ने कहा कि सड़क सुरक्षा और नियम पालन सुनिश्चित करना प्राथमिकता है, लेकिन नागरिकों के साथ सौम्य व्यवहार होना भी जरूरी है। उन्होंने जनता से अपील की कि सड़क नियमों का पालन करें और किसी भी विवाद की स्थिति में शांति बनाए रखें।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद कई लोग पुलिस के व्यवहार पर सवाल उठा रहे हैं और इसे संवेदनशील मामलों में पुलिस प्रशिक्षण की आवश्यकता बताया जा रहा है। नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए कई संगठनों ने घटना की जांच की मांग की है।
प्रेग्नेंट महिलाओं और संवेदनशील नागरिकों के साथ इस प्रकार का व्यवहार न केवल नैतिक रूप से गलत है बल्कि कानून और मानवाधिकारों के दृष्टिकोण से भी चुनौतीपूर्ण है। ऐसे मामलों में पुलिस अधिकारियों को संवेदनशील और उचित प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।