Patna News: बिहार में पंजाब मेल में फर्जी टीटीई का पर्दाफाश, अवैध शराब समेत गिरफ्तार

Patna News: राजधानी पटना में रेल पुलिस ने सोमवार को डाउन पंजाब मेल में जांच के दौरान एक फर्जी टीटीई (ट्रेन टिकट एग्जामिनर) को अंग्रेजी शराब और जालसाजी के सामान के साथ गिरफ्तार किया है.

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 02 Jul 2025 08:03:21 AM IST

Patna News

पटना न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

Patna News: राजधानी पटना में रेल पुलिस ने सोमवार को डाउन पंजाब मेल में जांच के दौरान एक फर्जी टीटीई (ट्रेन टिकट एग्जामिनर) को अंग्रेजी शराब और जालसाजी के सामान के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के जमनिया थाना क्षेत्र के लहुबार गांव निवासी रजनीकांत यादव के रूप में हुई है।


रेल पुलिस के अनुसार, आरोपी वातानुकूलित कोच संख्या A-1 में बर्थ संख्या 24 के पास संदिग्ध हालत में सफर कर रहा था। उसके पास 18 लीटर अंग्रेजी शराब, एक टैबलेट, दो मोबाइल फोन, काला रंग का कोट, फर्जी नेम प्लेट और कोई वैध पहचान पत्र नहीं मिला।


रेल एसपी के निर्देश पर जीआरपी की विशेष जांच टीम ने पंजाब मेल में सघन जांच अभियान चलाया। इस दौरान कोच A-1 में एक काला ट्रॉली बैग संदिग्ध स्थिति में दिखाई दिया। पूछताछ में एक यात्री ने खुद को टीटीई बताते हुए बैग को अपना बताया, लेकिन जब उससे रेलवे का पहचान पत्र मांगा गया, तो वह दस्तावेज़ नहीं दिखा सका।


पुलिस को शक हुआ और जब बैग खोलने को कहा गया तो वह भागने की कोशिश करने लगा। टीम ने तत्परता दिखाते हुए उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। बरामद सामानों में 18 लीटर अंग्रेजी शराब (अवैध रूप से परिवहन की जा रही थी), दो मोबाइल फोन, एक टैबलेट, आधार कार्ड और पैन कार्ड की कॉपी काला रंग का टीटीई जैसा कोट और दो फर्जी नाम-पट्टियाँ (नेम प्लेट) शामिल हैं। 


रेल थाना में आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है, जिसमें जालसाजी, सरकारी कर्मचारी बनकर धोखा देने, और शराब तस्करी के आरोप शामिल हैं। उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। रेल पुलिस अधीक्षक ने बताया की रेल क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए लगातार विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है। इस तरह के अपराधियों को पकड़ने के लिए जीआरपी की टीमें सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।”


पुलिस को शक है कि आरोपी का शराब तस्करी और फर्जीवाड़े का कोई बड़ा गिरोह हो सकता है। फिलहाल उससे यह भी पूछा जा रहा है कि फर्जी टीटीई की वर्दी और नेम प्लेट उसने कहां से हासिल की, और क्या वह पहले भी इस तरह की घटनाओं में शामिल रहा है।