अमरनाथ एक्सप्रेस की बोगी में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, समस्तीपुर में भर्ती फतुहा में पुनपुन नदी में नाव पलटी, दो लापता; 18 लोग तैरकर बचे नीसा देवगन बनीं ग्रेजुएट, काजोल ने चिल्लाकर कहा.. ‘कम ऑन बेबी’, वीडियो वायरल अरवल: हत्या के दो फरार आरोपियों के घर पुलिस ने चिपकाया इस्तेहार, 30 दिन में सरेंडर का आदेश बिहार में शराब तस्करी का खेल जारी: अंडे की कैरेट के बीच छिपाकर मुजफ्फरपुर ले जाई जा रही थी 3132 लीटर विदेशी शराब, ट्रक जब्त Bihar News: 351 फीट का अनोखा कांवर लेकर मुजफ्फरपुर पहुंचे शिवभक्त, बाबा गरीबनाथ धाम में करेंगे जलाभिषेक दिल्ली में स्वामी करपात्री जी की जयंती पर भव्य समारोह, केंद्रीय मंत्री, सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई हुए शामिल दिल्ली में स्वामी करपात्री जी की जयंती पर भव्य समारोह, केंद्रीय मंत्री, सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई हुए शामिल कंकड़बाग में युवक पर चाकू से हमला, आपसी रंजिश का मामला; तीन आरोपी गिरफ्तार समाजसेवी अजय सिंह ने बाढ़ प्रभावित जवैनिया गांव का किया दौरा, राहत सामग्री का किया वितरण
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 27 Jul 2025 10:30:41 PM IST
लापता की तलाश जारी - फ़ोटो SOCIAL MEDIA
PATNA: रविवार को पटना जिले के फतुहा थाना क्षेत्र अंतर्गत पुनपुन नदी के त्रिवेणी संगम घाट पर एक छोटी नाव पलट गई, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। हादसे में दो लोग लापता हैं, जबकि करीब 18 लोगों ने तैरकर या नाव पकड़कर अपनी जान बचाई। लापता लोगों में एक 20 वर्षीय कांवरिया अभिषेक कुमार और एक 10 वर्षीय बालक मनीष कुमार शामिल हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, गोविंदपुर से समसपुर की ओर जा रही नाव पर कांवरियों और स्थानीय लोगों समेत करीब 20 यात्री सवार थे। नाव जैसे ही त्रिवेणी संगम घाट के पास पहुंची, अनियंत्रित होकर पीपा पुल के लोहे के पिलर से टकरा गई, जिससे नाव पलट गई। बताया जा रहा है कि नाविक यात्रियों से पैसे लेने में व्यस्त था और ध्यान नहीं दे सका। लापता की पहचान अभिषेक कुमार (20 वर्ष), कराय परसुराय थाना क्षेत्र, नालंदा का रहने वाला है जो कांवर यात्रा पर निकला था वही मनीष कुमार (10 वर्ष), गोविंदपुर बाजार से अपने गांव समसपुर लौट रहा था।
घटना की जानकारी मिलते ही फतुहा एसडीपीओ अवधेश प्रसाद मौके पर पहुंचे। स्थानीय गोताखोरों और ग्रामीणों की मदद से लापता लोगों की खोज जारी है। एसडीआरएफ टीम को भी बुलाया गया है, जो जल्द ही बचाव अभियान में शामिल होगी।यह वही जगह है जहां 1889 में बना अंग्रेजों का पुराना लोहे का पुल चार साल पहले ध्वस्त हो गया था। नया पुल अभी तक बनना शुरू नहीं हुआ है, जिससे लोग मजबूरन नाव से नदी पार करते हैं। 200 मीटर का सफर अब नाव के बिना 2 किमी लंबा हो जाता है, जिससे नाव यात्रा का जोखिम बढ़ गया है।