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1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Wed, 05 Feb 2025 06:24:38 PM IST
- फ़ोटो SELF
Bihar news: राहुल गांधी आज दलित नेता व स्वतंत्रता सेनानी स्व. जगलाल चौधरी जयंती समारोह में शिरकत करने पटना पहुंचे थे. एस.के.एम हॉल में आयोजित जयंती समारोह में राहुल गांधी ने भद्द पिटवा दी. हद तो तब हो गई जब स्व. जगलाल चौधरी के पुत्र को भी मंच पर जगह नहीं मिली. मंच की बात छोड़ दीजिए, राहुल गांधी और इनके नेताओं ने ने पूछा तक नहीं. स्वतंत्रता सेनानी व समाज सुधारक रहे जगलाल चौधरी जिनकी जयंती समारोह में राहुल गांधी पहुंचे थे, वे उनके बेटे भूदेव चौधरी को याद तक नहीं किया. ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं. राहुल गांधी दलित समाज का सम्मान बढ़ाने आए थे या अपमान करने ?
राहुल गांधी ने सम्मान किया या अपमान ?
राहुल गांधी दलितों का सम्मान करने पटना पहुंचे थे. लेकिन यहां तो स्व. जगलाल चौधरी के बेटे का ही अपमान हो गया.अपने पिता की जयंती समारोह में शिरकत करने भूदेव चौधरी पटना के एसकेएम हॉल पहुंचे थे. लेकिन यहां तो इंट्री ही नहीं मिली. जगलाल चौधरी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के मंच पर पुत्र भूदेव चौधरी को जगह नहीं मिली. कार्यक्रम के दौरान मंच पर नहीं जाने दिया गया, वे राहुल गांधी से मुलाकात करना चाहते थे लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी. उन्होंने कहा कि नेताओं और सुरक्षा कर्मियों से बहुत आरजू-मिन्नत की, लेकिन किसी ने बात नहीं सुनी. लिहाजा लौट गए।
पटना में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की सभा को लेकर जबरदस्त तैयारी की गई थी. 1800 की क्षमता वाले श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल को बुक किया गया था. अधिक भीड़ होने पर मीटिंग हॉल के बाहर से भी भाषण सुनने की व्यवस्था की गई थी. बजाप्ता बड़े स्क्रीन वाले टीवी लगाए गए थे, लोगों के बैठने के लिए कुर्सियां लगाई गई थीं. राहुल गांधी जब सभा हॉल में पहुंचे, तो बड़ी मुश्किल से एस.के. एम हॉल भर सका. बाहर की बात तो छोड़ ही दीजिए.
खाली कुर्सियों को राहुल गांधी का लाईव भाषण सुनाया जाता रहा
राजधानी के एसकेएम हॉल के बाहर राहुल गांधी का भाषण सुनने के लिए जो कुर्सियां लगाई गई थीं, वो खाली ही रह गई. सामने टीवी स्क्रीन पर राहुल गांधी के भाषण का लाईव प्रसारण होते रहा, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं थी. टीवी के सामने जितनी भी कुर्सियां लगी थीं, उस पर एक भी आदमी नहीं बैठा था. इस तरह से खाली कुर्सियों के बीच राहुल गांधी का भाषण टीवी के माध्यम से लाईव प्रसारित किया जा रहा था.
राहुल गांधी को जगलाल चौधरी का नाम ही याद नहीं रहा
एस.के.एम हॉल में आयोजित स्व. जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में राहुल गांधी ने अपना संबोधिन शुरू किया. इसी दौरान भारी गलती कर दी. वे जिस दलित समाज के नेता की जयंती समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे, उनका नाम ही याद नहीं था.राहुल गांधी ने स्व. जगलाल चौधरी को जगत चौधरी कहकर संबोधित किया. एक बार-दो बार-तीन बार जगत चौधऱी कहा. सामने बैठे लोग दो बार चुप रहे, राहुल गांधी ने जैसे ही तीसरी दफे जगत चौधरी कहा, तभी सामने बैठे लोगों ने तेज आवाज लगाई. जगत चौधरी नहीं..जगलाल चौधरी हैं. तब राहुल गांधी संभले और कहा-सॉरी. इसके बाद स्व. जगलाल चौधरी कहकर संबोधित किया.
4 फरवरी 1895 को जन्म लिए थे जगलाल चौधरी
स्वतंत्रता सेनानी जगलाल चौधरी का जन्म 5 फरवरी 1895 को सारण जिले के गड़खा प्रखंड के मीटेपुर गांव में हुआ था. शुरूआती पढ़ाई गांव में हुई. इसके बाद इन्होंने वर्ष 1914 में पटना कॉलेज, पटना, से आईएससी की परीक्षा पास की. फिर कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया. जब जगलाल चौधरी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के अंतिम वर्ष में थे तो उन्होंने महात्मा गांधी के आह्वान पर पढ़ाई बीच में छोड़कर स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े. उन्होंने 1921 के असहयोग आन्दोलन में भी बड़ी भूमिका निभाई थी.
स्वतंत्रता आंंदोलन में बेटे को गवां बैठे थे जगलाल चौधरी
19 अगस्त, 1942 के स्वतंत्रता आंदोलन में भीड़ ने डाक खानेपर हमला किया था. गड़खा, दरौली (सीवान) तथा कटेया (गोपालगंज) के डाकघर और थाना पर भीड़ ने धावा बोला था. 22 अगस्त को सैनिक टुकड़ी ने आन्दोलनकारियों पर गोलियां चलाई, जिसमें गड़खा में दो व्यक्ति शहीद हुए थे. जिसमें से एक जगलाल चौधरी के पुत्र इन्द्रदेव चौधरी भी थे. इसके अगले ही दिन 23 अगस्त को जगलाल चौधरी को पुलिस ने वसंतपुर नामक स्थान में गिरफ्तार कर लिया गया था.