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Bihar real estate fraud : सेटेलाइट ने खोली पोल! पटना में बिल्डरों के 13 अवैध प्रोजेक्ट्स का पर्दाफाश

Bihar real estate fraud : रेरा अब बिल्डर्स की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए हाई-टेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहा है। बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे प्रोजेक्ट्स को सेटेलाइट से पकड़ा गया है। जानिए कहां-कहां हो रहा है गैरकानूनी निर्माण।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 28 May 2025 09:54:16 AM IST

रेरा कार्रवाई, बिना रजिस्ट्रेशन फ्लैट, अवैध प्रोजेक्ट, पटना बिल्डर, सेटेलाइट तकनीक, रियल एस्टेट घोटाला, फ्लैट धोखाधड़ी, रेरा नियम, पटना निर्माण, बिल्डर नोटिस  In English: RERA action, illegal construc

62 अवैध प्रोजेक्ट का पर्दाफाश - फ़ोटो Google

Bihar real estate fraud : रियल एस्टेट क्षेत्र में नियमों का उल्लंघन करने वाले बिल्डरों पर शिकंजा कसने के लिए बिहार भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने अब अत्याधुनिक तकनीकों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में पहले चरण की कार्रवाई में 10 ऐसे निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स की पहचान की गई है, जिनका कार्य बिना रेरा में निबंधन कराए ही शुरू कर दिया गया है।


रेरा को इन प्रोजेक्ट्स की सेटेलाइट इमेज मिली हैं, जिनमें निर्माण कार्य स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। ये अवैध निर्माण पटना जिले के आनंदपुर, अख्तियारपुर, राजपुर, शिवाला, हथिया कंध, उसरी, रानीपुर, बिहटा, रूपसपुर, आदमपुर और दानापुर जैसे क्षेत्रों में चल रहे हैं। इन प्रोजेक्ट्स की पहचान के लिए रेरा ने वन एवं पर्यावरण विभाग के वैज्ञानिक डॉ. भवेश कुमार की तकनीकी सहायता ली। डॉ. कुमार ने मंगलवार को रेरा अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह के समक्ष पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि किस प्रकार सैटेलाइट तकनीक का इस्तेमाल कर बिना निबंधन कार्य कर रहे बिल्डरों की पहचान की जा सकती है।


इससे पहले रेरा ने तकनीकी टीमों को उन स्थलों पर भेजा था, जहां बिल्डरों ने निबंधन के लिए आवेदन दिया था, लेकिन पात्रता पूरी नहीं होने के कारण उनके आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए थे। जांच के दौरान इन टीमों ने पाया कि कई बिल्डर बिना रेरा की अनुमति के निर्माण कार्य में लगे हुए हैं। इसी प्रक्रिया में अब तक कुल 62 ऐसे प्रोजेक्ट्स का खुलासा हो चुका है, जो नियमों को दरकिनार कर बिना रजिस्ट्रेशन के विकसित किए जा रहे हैं। रेरा का यह कदम रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता लाने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।