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Srijan Scam Bihar: सृजन घोटाले में पटना हाईकोर्ट ने CBI को क्यों लगाई फटकार? अब नहीं चलेगी लापरवाही – जवाब नहीं दिया तो देना होगा जुर्माना। पूरी खबर पढ़ें।

Srijan Scam Bihar: सृजन घोटाले में पटना हाईकोर्ट ने सीबीआई को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि 16 मई तक काउंटर एफिडेविट दाखिल नहीं किया गया तो 10 हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 15 May 2025 10:28:26 AM IST

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Patna High Court warns CBI over delay in Srijan Scam investigation - फ़ोटो Google

Srijan Scam Bihar: बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाले में CBI की लापरवाही पर पटना हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। घोटाले की आरोपी रजनी प्रिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई को चेतावनी दी कि यदि 16 मई तक काउंटर एफिडेविट दाखिल नहीं किया गया, तो एजेंसी को पटना हाईकोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी में 10,000 रुपये का जुर्माना जमा करना होगा।


इस मामले की सुनवाई के दौरान रजनी प्रिया के अधिवक्ता अजीत कुमार ने कोर्ट को जानकारी दी कि 26 मार्च को सीबीआई को एफिडेविट दाखिल करने का आदेश मिला था, परंतु 25 अप्रैल तक भी एजेंसी ने इसे दाखिल नहीं किया। जबकि सीबीआई ने कोर्ट से अल्प अवधि की मांग करते हुए आश्वासन दिया था कि वह जल्द ही एफिडेविट दाखिल कर देगी, लेकिन वह भी नहीं हुआ।


कौन हैं रजनी प्रिया?

रजनी प्रिया, सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड की सचिव रही हैं। उनके खिलाफ 18 से अधिक मामले दर्ज हैं और उन पर सरकारी धन के गबन का गंभीर आरोप है। वे फिलहाल बेऊर जेल में बंद हैं।

क्या है सृजन घोटाला?

सृजन घोटाला बिहार का एक बड़ा वित्तीय घोटाला है, जो 2003 से लेकर 2017 तक चलता रहा। इस घोटाले में एक एनजीओ ने कई सरकारी विभागों की करोड़ों की राशि को अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिया। यह संस्था मूलतः महिलाओं के सशक्तिकरण के नाम पर बनाई गई थी, लेकिन बाद में घोटाले का अड्डा बन गई। सरकारी विभागों की आंखों में धूल झोंककर करोड़ों रुपये का गबन किया गया।

CBI की भूमिका पर सवाल:

इस मामले में CBI की धीमी जांच और कोर्ट के आदेशों की अनदेखी से एजेंसी की पारदर्शिता और गंभीरता पर सवाल खड़े हो गए हैं। कोर्ट की फटकार यह साबित करती है कि न्यायिक व्यवस्था इस तरह की लापरवाहियों को बर्दाश्त नहीं करेगी।

अगली सुनवाई:

इस मामले की अगली सुनवाई 16 मई 2025 को तय की गई है। अब देखना यह होगा कि CBI कोर्ट की सख्ती के बाद समय पर जवाब दाखिल करती है या नहीं।