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Success Story: बिहार की वह पहली महिला IPS अधिकारी, जिसकी महज 19 साल में करा दी गई शादी; फिर भी लिख दी सफलता की कहानी...

Success Story: आज हम बिहार की पहली महिला IPS अधिकारी की सफलता की कहानी बताने जा रहे है जिसकी महज 19 साल में शादी करा दी गई फिर भी उन्होंने लिख दी सफलता की कहानी...

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 08 Mar 2025 04:39:00 PM IST

Success Story

बिहार की पहली महिला IPS अधिकारी - फ़ोटो google

Success Story::आज हम बिहार की पहली महिला IPS अधिकारी की सफलता की कहानी बताने जा रहे है जिसकी महज 19 साल में शादी करा दी गई। फिर भी अपनी कड़ी परिश्रम से सफलता अपने नाम कर लिया। किसी के लिए भी भारत की सबसे कठिन यूपीएससी और आईपीएस की परीक्षा को पास करना आसान नहीं होता है। इसके लिए कई सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन जब आपके सामने सामाजिक और पारिवारिक दबाव भी हों तो चुनौतियां भी दोगुनी हो जाती हैं। कुछ ऐसी ही मुश्किलों से भरी कहानी रही है सिविल सेवा अधिकारी मंजरी जारुहार की जो बिहार की पहली और भारत की पांचवीं महिला आईपीएस अधिकारी रही हैं।


दरअसल मंजरी जारुहार सिर्फ 19 साल की थी तभी उनकी शादी एक IFS अधिकारी से हो गई। जिसके लिए मंजरी पूरी तरह से तैयार भी नहीं थी लेकिन उन्होंने शादी कर ली। उनके जीवन में एक समय ऐसा था जब उन्हें लगा कि वो महज हाउस वाइफ बनकर रह जाएंगी। क्योंकि शादी के बाद उन्हें एहसास हुआ कि उनके पति और ससुराल वाले उनकी शिक्षा व करियर को सपोर्ट नहीं करते है। तब वह समझने लगी कि उनका जीवन केवल घरेलू जिम्मेदारियों में फंसकर करियर धुंधला होते जा रहा है।


मंजरी ने हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने अपने ससुराल वालों से खुद को अलग करने का फैसला किया। वह अपने सपनों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया. उनके लिए अपने ससुराल वालों से दूर रहना आसान फैसला नहीं था, लेकिन वह अपने फैसलों पर डटी रहीं और पढ़ना लिखना शुरू किया। पटना महिला कॉलेज से मंजरी ने अंग्रेजी ऑनर्स किया। बाद में दिल्ली यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर यूपीएससी की तैयारी शुरू की। 


मंजरी ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की और साल 1974 में, उन्होंने पहली बार परीक्षा दी। वह पहली ही कोशिश में प्रीलिम्स और मेन्स पास कर गईं, लेकिन इंटरव्यू में असफल हो गई। असफल होने के बाद मंजरी मायूस हुई फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और उम्मीद छोड़ने की जगह कड़ी मेहनत की। साल 1975 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास कर सफलता अपने नाम कर लिया. वह बिहार की पहली आइपीएस अधिकारी बनी।