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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 26 May 2025 08:29:09 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Tej Pratap Yadav: बिहार की सियासत में प्रेम प्रसंग कई राजनेताओं के लिए मुसीबत का सबब बन चुके हैं, और तेज प्रताप यादव इसका ताजा उदाहरण हैं। उनकी प्रेम कहानी ने न केवल उनकी निजी जिंदगी को सुर्खियों में ला दिया, बल्कि राजनीतिक करियर और पारिवारिक रिश्तों को भी हाशिए पर धकेल दिया। लेकिन तेज प्रताप अकेले नहीं हैं, बिहार के इतिहास में कई ऐसे राजनेता रहे हैं, जिनके प्रेम प्रसंग ने उनके सियासी सफर को तबाह कर दिया और परिवार ने भी उनका साथ छोड़ दिया। इन मामलों में अक्सर पार्टियों और परिवारों ने नुकसान को कम करने के लिए नेताओं को किनारे कर दिया, ताकि विवाद ज्यादा तूल न पकड़े।
बिहार के रोहतास जिले से जुड़ा एक मामला इसका स्पष्ट उदाहरण है। एक राष्ट्रीय स्तर के कांग्रेस नेता, जो बाद में जनता पार्टी की सरकार में दूसरे नंबर का ओहदा रखते थे, उनके बेटे का प्रेम प्रसंग ने सियासी भूचाल ला दिया। यह बेटा मोहनियां से विधायक था, लेकिन एक विश्वविद्यालय की छात्रा के साथ उनकी आपत्तिजनक तस्वीर एक पत्रिका में छपने के बाद उनका करियर खत्म हो गया। इस घटना ने न केवल उनकी विधायकी छीन ली, बल्कि पिता ने भी उन्हें घर से निकाल दिया। इस प्रकरण के बाद वे दोबारा कभी सियासत में वापसी नहीं कर सके, और उनका नाम बिहार की राजनीति से गायब हो गया।
1983 का बॉबी हत्याकांड बिहार की सियासत में एक और काला अध्याय है, जिसने एक उभरते कांग्रेस नेता के करियर को नेस्तनाबूद कर दिया। इस मामले में एक बड़ी राजनीतिक हस्ती के बेटे का नाम सामने आया था। श्वेत निशा त्रिवेदी, जिन्हें लोग बॉबी कहते थे, की हत्या ने पूरे बिहार को हिलाकर रख दिया। पुलिस ने कब्र से शव निकालकर पोस्टमार्टम कराया, और बाद में CBI ने जांच की। इस कांड ने उस युवा नेता की सियासी महत्वाकांक्षाओं को हमेशा के लिए खत्म कर दिया। उनकी पार्टी और परिवार ने मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन विवाद ने उनके करियर को पूरी तरह बर्बाद कर दिया।
इसी तरह, अस्सी के दशक में बिहार की एक कांग्रेस महिला विधायक के बेटे का प्रेम प्रसंग भी चर्चा का विषय बना। उनका बेटा एक आदिवासी प्रशासक की पत्नी के साथ प्रेम संबंध में था, जिसकी खबरें सुर्खियों में छाईं। इस रिश्ते का खामियाजा महिला विधायक को भुगतना पड़ा, और वे जल्द ही सियासत से हाशिए पर चली गईं। उनकी पार्टी ने इस विवाद से बचने के लिए उन्हें कोई बड़ा मौका नहीं दिया। इसके अलावा, बिहार में दो भाइयों की एक जोड़ी भी अपनी प्रेम कहानियों और निजी पसंदों की वजह से चर्चा में रही। इन नेताओं की हरकतों ने न केवल उनकी साख को ठेस पहुंचाई, बल्कि उनके परिवार और पार्टी को भी मुश्किल में डालने का काम किया।