Vande Bharat: बिहार को एक और वंदे भारत जल्द, रुट तय, टेंडर जारी

Vande Bharat: रक्सौल-कोलकाता वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेन जल्द होगी शुरू। रक्सौल स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए 60-70 करोड़ का बजट, OHE और वॉशिंग पिट का काम भी प्रारम्भ..

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 28 May 2025 09:30:59 AM IST

Vande Bharat

प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Vande Bharat: बिहार के रक्सौल से कोलकाता के लिए जल्द ही वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों की शुरुआत होने वाली है, जो भारत-नेपाल सीमा पर बसे इस महत्वपूर्ण शहर को नई कनेक्टिविटी देगी। रेलवे मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए तैयारियाँ शुरू कर दी हैं, जिसमें रक्सौल स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने और ओवरहेड इलेक्ट्रिक तारों के दुरुस्तीकरण के साथ अत्याधुनिक वॉशिंग पिट का निर्माण शामिल है।


बजट 2025-26 में रक्सौल स्टेशन के विकास के लिए 60-70 करोड़ रुपये भी आवंटित किए गए हैं, ताकि यात्री सुविधाओं को विश्वस्तरीय बनाया जा सके। इस पहल से न केवल बिहार, बल्कि नेपाल से आने-जाने वाले यात्रियों को भी लाभ होगा। बता दें कि रेलवे ने OHE दुरुस्तीकरण के लिए 65,03,720 रुपये का ई-टेंडर निकाला है, जिसके लिए छह महीने का समय निर्धारित है।


यह कार्य रक्सौल-कोलकाता रूट पर वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों के सुचारू संचालन के लिए महत्वपूर्ण है। समस्तीपुर रेल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक विनय श्रीवास्तव ने पहले ही इस रूट का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा था, जिसे अब हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा रक्सौल स्टेशन के अपग्रेड में स्टेशन भवन का नवीनीकरण, 12 मीटर चौड़ा फुट ओवरब्रिज, चार एस्केलेटर, और सेकंड इंट्री गेट का निर्माण भी इनमें शामिल है।


रक्सौल स्टेशन के विकास के लिए बजट में कई मदों में राशि आवंटित की गई है। स्टेशन भवन के लिए 19.92 करोड़, बाहरी हिस्से को आधुनिक बनाने के लिए 4.5 करोड़, फुट ओवरब्रिज के लिए 8.61 करोड़, और यात्री सुविधाओं जैसे एस्केलेटर के लिए 5.25 करोड़ रुपये दिए गए हैं। सेकंड इंट्री गेट के निर्माण पर 11.73 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने रक्सौल को वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाने की घोषणा की है, जो भारत-नेपाल सीमा पर इस स्टेशन के सामरिक और पर्यटन महत्व को देखते हुए स्थानीय लोगों की मांग को पूरा करेगा।


रक्सौल-कोलकाता वंदे भारत ट्रेन बिहार के 15 जिलों को कवर करने वाली मौजूदा 12 वंदे भारत ट्रेनों की कड़ी में एक नया नाम होगा। यह परियोजना बिहार के आर्थिक विकास और पर्यटन को बढ़ावा देगी, खासकर भारत-नेपाल सीमा पर बसे रक्सौल के लिए, जो एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र है।