तमिलनाडु से बिहार आ रहा दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग, महाबलीपुरम में 10 साल से हो रहा था निर्माण, इतने रूपये लगे बनाने में

तमिलनाडु के महाबलीपुरम में 10 साल से तैयार हो रहा दुनिया का सबसे बड़ा 33 फीट ऊंचा और 210 टन वजनी शिवलिंग अब बिहार के पूर्वी चंपारण के चकिया में बन रहे विराट रामायण मंदिर में स्थापित किया जाएगा। 96 चक्का ट्रक पर इसे 25 दिनों में बिहार लाया जा रहा है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 22 Nov 2025 08:55:15 PM IST

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विराट रामायण मंदिर में किया जाएगा स्थापित - फ़ोटो सोशल मीडिया

EAST CHAMPARAN: दुनियां का सबसे बड़ा शिवलिंग तमिलनाडु से बिहार लाया जा रहा है। इसका निर्माण 10 साल से महाबलीपुरम के पट्टीकाडु गांव में चल रहा था। शिवलिंग का काम पूरा होने के बाद 21 नवंबर दिन शुक्रवार को इसे बिहार के लिए रवाना किया गया। इसे 96 चक्का वाले ट्रक पर रखकर सड़क मार्ग से लाया जा रहा है। 


जिसे बिहार के पूर्वी चंपारण स्थित चकिया में निर्माणाधीन विराट रामायण मंदिर में स्थापित किया जाएगा। यहां आने में करीब 25 दिन लगेंगे। आचार्य किशोर कुणाल जी के बेटे और बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के सदस्य सायण कुणाल ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि हर हर महादेव, जल्द स्थापित होगा अपने बिहार में..


बता दें कि विराट रामायण मंदिर का निर्माण बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया और चकिया के बीच जानकीनगर में हो रहा है। जो आचार्य किशोर कुणाल का ड्रीम प्रोजेक्ट है। बिहार के इस सबसे बड़े मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित किया जाएगा। 3 करोड़ रुपये की लागत से बने शिवलिंग को तमिलनाडु के महाबलीपुरम से 96 चक्कों की गाड़ी पर रखकर चकिया लाया जा रहा है। 21 नवंबर को तमिलनाडु के महाबलीपुरम से यह बिहार के लिए रवाना हो गया है। इसे लाने के लिए महावीर मंदिर के सुपरिटेंडेंट के.सुधाकरण और जनसंपर्क पदाधिकारी अजय कुमार सिंह महाबलीपुरम गये हुए हैं। 


महाबलीपुरम में पहले शिवलिंग की पूरे विधि-विधान से पूजा की गयी उसके बाद 5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से इसे 96 चक्कों की स्पेशल गाड़ी पर लाया जा रहा है। इसे बिहार लाने में करीब 25 दिन लग सकता है। इसका वजन बहुत ज्यादा है जिसे सही सलामत मंदिर तक लाने के लिए चकिया से कैथवलिया तक पुल और पुलिया का निर्माण कराया जा रहा है। 12 किलोमीटर तक सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है।  


महावीर मंदिर न्यास के सदस्य सायण कुणाल ने बताया कि जिस शिवलिंग को महाबलीपुरम से लाया जा रहा है वह विश्व का सबसे बड़ा मोनोलिथ स्ट्रक्चर का शिवलिंग है। जिसकी ऊंचाई 33 फीट और गोलाई भी 33 फीट ही है। जिसका वजन भी ज्यादा है। वजन 210 मीट्रिक टन बताया जा रहा है। 96 चक्कों की विशेष रथ से इसे लाया जाएगा। साथ में रथ पर एक हजार छोटे शिवलिंग भी रहेगा। इसे सहस्रलिंगम के रूप में जाना जाता है। ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराशकर इस शिवलिंग का निर्माण किया गया है। चांदी के 15 फीट ऊंचे अरघा पर यह शिवलिंग स्थापित होगा। उन्होंने बताया कि तमिलनाडु के महाबलीपुरम से बिहार के लिए  वोल्वो हाइड्रोलिक पुलर रथ शुक्रवार को रवाना हुई है, इसे जगह-जगह रोका जाएगा और पूजा-पाठ किया जाएगा। इस रथ का लोग भव्य तरीके से स्वागत करेंगे। इस गाड़ी के साथ-साथ एक स्क्वाड भी मौजूद रहेगा।


बता दें कि विराट रामायण मंदिर का निर्माण महावीर मंदिर न्यास समिति की ओर से कराया जा रहा है। 20 जून 2023 को इस भव्य मंदिर का भूमि पूजन और शिलान्यास हुआ था। तब से इस मंदिर का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। मंदिर का प्रवेश द्वार, सिह द्वार, गणेश स्थल, नंदी, शिवलिंग, गर्भ गृह के पाइलिंग का काम पूरा हो चुका है। रामायण मंदिर की लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट है। जिसमें कुल 22 मंदिर और 4 आश्रम होंगे। इसकी दूरी पटना से 120 किलोमीटर है। मंदिर का निर्माण 120 एकड़ में हो रहा है।