1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 17 Sep 2025 05:09:13 PM IST
पुलिस की बड़ी कार्रवाई - फ़ोटो सोशल मीडिया
PURNEA: यदि आप भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर डिजिटल तरीके से रूपये का कारोबार करते हैं तो हो जाएं सावधान। पूर्णिया पुलिस ने एक ऐसे अंर्तप्रांतीय साइबर ठग गिरोह का खुलासा किया है जो फोन चुराने के बाद ग्राहकों के डिजिटल यूपीआई अकाउंट से रुपये की अवैध निकासी कर उस मोबाइल को बाजार में बेच देता था। इस पूरे गिरोह का खुलासा तब हुआ जब सहायक खजांची थाने की टीम बस स्टैंड पहुंची।
पुलिस गाड़ी को देखकर चोरी की मोबाइल के साथ बस में बैठे 7 युवक घबरा गये और माथे से पसीना निकलने लगा। इनके चेहरे और गतिविधियों को देख पुलिस ने शक हुआ कि कही कोई गड़बड़ी है। जब पुलिस ने शक के आधार पर तलाशी ली तो चोरी का कुल 84 मोबाइल बरामद किया गया। इस गिरोह के सदस्यों ने 15 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी की सभा में भी 23 मोबाइल की चोरी की थी।
एसपी स्वीटी सहरावत ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए बताया कि सदर एसडीपीओ के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन कर त्वरित कार्रवाई की गई। एसपी ने कहा कि ये भीड़ भाड़ वाले इलाके और बाजार से ये मोबाइल चोरी करते थे। फोन चुराने के बाद फोन लॉक फ्री कर देता था। फिर ओटीपी का इस्तेमाल कर मोबाइल के डिजिटल यूपीआई अकाउंट से रुपये को फेक अकाउंट में भेजकर पैसे की निकासी करता था। बाद में सभी मोबाइल फोन को बाजार में बेच देता था।
साइबर ठग गिरोह के पास से कुल 84 मोबाइल, 4 आधार कार्ड और 8 मोबाइल सिम कार्ड बरामद किया गया है। पकड़े गये सातों ठगों में सिर्फ एक झारखंड का रहने वाला है बाकि ठग पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। एसपी ने कहा कि पिछले तीन चार महीने से ये सभी आरोपी बेलौरी सहित अन्य होटलों में जगह बदल के रह रहे थे।
इसमें दो युवक तकनीकी एक्सपर्ट है, जो चोरी किये गये मोबाइल फोन का लॉक तोड़ देता था। एसपी ने बताया कि मोबाइल के मालिक का पता लगाया जा रहा है। जिसके बाद मोबाइल इसके असली मालिक को हैंडओवर किया जाएगा। फिलहाल सभी ठगों को गिरफ्तारी के बाद जेल भेजा गया है। फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।