'क्या झूठ बोलकर बॉस से छुट्टी लेना पाप है?' इस सवाल का प्रेमानंद महाराज ने दिया बड़ा ही रोचक जवाब BHOJPUR: वर्मा फाउंडेशन ग्रुप ने रचा इतिहास, 124 छात्रों का सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) पद पर चयन राघोपुर की जनता से प्रशांत किशोर ने कह दी बड़ी बात, बोले..हम यहां से चुनाव लड़ें या न लड़ें, कल से आपके जीवन में बदलाव आना शुरू हो जाएगा Crime News: एक ही परिवार के पांच लोगों ने की खुदकुशी, दो बेटों-दो बेटियों के साथ महिला ने दी जान Crime News: एक ही परिवार के पांच लोगों ने की खुदकुशी, दो बेटों-दो बेटियों के साथ महिला ने दी जान Bihar Crime News: महिला कर्मचारियों से बदसलूकी पर बेतिया में बड़ा एक्शन, डाटा एंट्री ऑपरेटर गिरफ्तार; संविदा भी समाप्त हुई Bihar Crime News: महिला कर्मचारियों से बदसलूकी पर बेतिया में बड़ा एक्शन, डाटा एंट्री ऑपरेटर गिरफ्तार; संविदा भी समाप्त हुई Bihar Election 2025: NDA की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हुए संजय झा, NDA में सीट शेयरिंग पर क्या बोले? Bihar Election 2025: NDA की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हुए संजय झा, NDA में सीट शेयरिंग पर क्या बोले? Bihar News: बिहार में पुलिसकर्मियों की अवैध वसूली का वीडियो वायरल, SP ने ले लिया बड़ा एक्शन
1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Thu, 25 Sep 2025 10:50:44 AM IST
- फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार में भ्रष्टाचार के गंदे खेल में नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारी शामिल हैं. सेटिंग ऐसी तगड़ी होती है कि बिना काम के ही भुगतान हो जाता है. हद तो तब हो जाती है जब खुलासे के बाद भी अधिकारी चुप हो जाते हैं. सिर्फ जिला के ही नहीं, बल्कि राज्य मुख्यालय के अधिकारी भी मौन साध लेते हैं. मतलब साफ है....बहती गंगा में नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारी डुबकी लगाते हैं. शिक्षा विभाग में इन दिनों यही हो रहा है. जिला स्तर पर कागज पर काम करा कर करोड़ों का बिल बना, जिसका भुगतान शिक्षा विभाग के बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम से कराया गया है. मोतिहारी के तुरकौलिया व अन्य ब्लॉक के सरकारी स्कूलों की मरम्मति के नाम पर 4-5 करोड़ की अवैध निकासी के खुलासे के बाद भी न तो जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कार्रवाई की और न निगम ने. घोटाले को लेकर मोतिहारी डीईओ-डीपीओ से लेकर निगम की चुप्पी सवालों के घेरे में है. कहा जाता रहा है कि करोड़ों की निकासी के खेल में जिला स्तर पर जेई-डीएमटी-डीपीओ और राज्य स्तर पर BSEIDC के अधिकारी शामिल हैं. BSEIDC के अधिकारियों ने जांच की बात कही, जांच की बात तो दूर, खुलासे के बाद भी बिना जांच कराये ही फाइल पर भुगतान करने की खबर आ रही है.
घोटाले में जेई से लेकर डीएमटी-डीपीओ सबकी भूमिका संदिग्ध
पूर्वी चंपारण(मोतिहारी) में सरकारी स्कूलों में मरम्मति के नाम पर बड़ा खेल हुआ है. कहा जा रहा है कि सर्व शिक्षा अभियान का एक जेई पूरे खेल का मास्टर माइंड है. उसी जेई ने डीएमटी से लेकर पूरे सिस्टम को सेट किया है. सूत्र बताते हैं कि उक्त जेई ने डीएमटी से लेकर डीपीओ तक को शामिल किया है. ठेकेदार से मिलीभगत पर उक्त जेई ने सरकारी स्कूलों में मरम्मति का काम कागज पर कराकर मोटी रकम की निकासी करा ली. उक्त जेई जो पूर्वी चंपारण के दो प्रखंडों के प्रभार में है, उसने दूसरे प्रखंडों के लगभग 600 फाइल पर काम कराकर राशि की निकासी कराई या कराने के प्रयास में है. सूत्र बताते हैं कि 122 फाइल पटना स्थित BSEIDC कार्यालय पहुंची है. जिस पर राशि भुगतान कराने का प्रयास जारी है, वो भी बिना जांच पड़ताल कराये ही. इस संबंध में हमने मोतिहारी के उप प्रबंधक तकनीकी (डीएमटी) पूर्वी चंपारण मुकुंद प्रसाद से सवाल पूछा . उनसे पूछा गया कि मोतिहारी में यह क्या खेल चल रहा है ? आपके यहां से कैसे सरकारी स्कूलों में बिना काम के ही करोड़ों की राशि की फाइल तैयार करा कर पटना से भुगतान कराया जा रहा है ? क्या यह माना जाए कि इस पूरे खेल में आपकी भी भूमिका है ? कुछ दिन पहले जो 122 फाइल भुगतान के लिए पटना भेजी गई है,उसकी जांच करा लिए हैं ? तुरकौलिया व अन्य प्रखंडों में चवन्नी का काम नहीं और करोड़ों की निकासी, इसपर आपका क्या कहना है ? खबर में आपका पक्ष चाहिए. लेकिन मुकुंद प्रसाद ने कोई जवाब नहीं दिया. मतलब साफ है हम्माम में सब नंगे हैं. 16 सितंबर को हमने शिक्षा विभाग के BSEIDC के अधिकारियों से बात की थी. BSEIDC के अधिकारी मो. शहजाद ने बताया था कि 2 अगस्त के बाद जिला से डायरेक्ट फाइल नहीं भेजी जा रही है. क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक के एप्रुवल के बाद ही यहां से भुगतान होना है. व्यवस्था बदल गई है. उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था के बाद अब तक तीन जिलों से फाइल आई है. उसमें मोतिहारी नहीं है. उन्होंने कहा था कि मोतिहारी में हुए खेल के बारे में जानकारी है. उनसे पूछा गया कि मोतिहारी से 120 से अधिक फाइल भुगतान के लिए BSEIDC कार्यालय पटना भेजी गई है, बैक डेट में राशि निकासी का प्रयास जारी है. इस पर उन्होंने कहा कि अब जांच के बाद भुगतान होगा. हालांकि अधिकारी भले ही जांच के बाद भुगतान करने की बात कह रहे, लेकिन जो खबर है वह यह की अब भी पुराने फार्मूले पर ही राशि निकासी की कोशिश जारी है.
जानें पूरा मामला...
1ST BIHAR/JHARKHAND ने मोतिहारी जिले के संग्रामपुर प्रखंड के सरकारी स्कूलों में बिना काम कराये ही, भुगतान की खबर सार्वजनिक की. आनन-फानन में काम शुरू कराया गया. जिला शिक्षा पदाधिकारी मोतिहारी ने जांच के आदेश दिए. इसी बीच तुरकौलिया प्रखंड के 29 स्कूलों में बिना काम कराये ही प्रति विद्यालय 5-5 लाख की निकासी का खुलासा हुआ. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जांच कराने तक की जहमत नहीं उठाई. मोतिहारी के तुरकौलिया प्रखंड के जिन स्कूलों में बिना काम कराये ही फर्जी बिल प्रस्तुत कर पैसे की निकासी की गई, उकी संख्या 29 है.खुद उक्त विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने ही पोल खोली है. कार्य के बदले फर्जी बिल के कागजात और प्रिंसिपल के बयान से भ्रष्टाचार की पूरी पोल-पट्टी खुली है.
तुरकौलिया प्रखंड के ये विद्यालय हैं...एनपीएस भैंसड़ा, यूएमएस निमुइया, यूएमएस टिकुलिया कन्या, जीपीएस माधोपुर मधुमालत, एनपीएस बड़हरवा, जीएमएस तुरकौलिया, एनपीएस बालगंगा मुशहरटोली, एनपीएस बगहा अनुसुचित जाति टोला, एनपीएस धोबिया टोला, एनपीएस मथुरापुर उत्तरी, एनपीएस दुर्गा चौक, एनपीएस तेघरा.एनपीएस जटहारा, एनपीएस कुन्ना महतो का टोला, एनपीएस महिरीपुर, एनपीएस राजपुर, एनपीएस गोखुला, जीएमएस मुहब्बत छपरा, एनपीएस बहुरूपिया,जीएमएस बहुरूपिया, एनपीएस परसौनी मुशहर टोली,एनपीएस जानकीपुर के टोला मथुरापुर, एनपीएस चिउटाहां, जीपीएस उर्दू माधोपुर, जीपीएस हुसैन बाबु का टोला, जीपीएस तुरकौलिया वृतिया, एनपीएस शंभु टोला बेलघटी, एनपीएस रेतवा शेखटोली , एनपीएस बाबू टोला जयसिंहपुर.तुरकौलिया प्रखंड के इन 29 विद्यालयों में लगभग 5-5 लाख का बिल बनाकर पैसे की निकासी की फाइल दौड़ाई गई. जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के पत्र में इन स्कूलों में कथित तौर पर N.K.S कंपनी ने काम किया. हालांकि इस कंपनी ने कागज पर ही काम कर फर्जी बिल जमा कर दिया. उस फर्जी बिल को डीपीओ सर्व शिक्षा ने पास कर दिया. इसके बाद डीपीओ स्थापना ने उक्त फर्जी बिल को पास कर राशि भुगतान के लिए भेजा.
मोतिहारी सदर अनुमंडल के तुरकौलिया प्रखंड के 29 स्कूलों में मरम्मति के नाम पर प्रति स्कूल लगभग 5-5 लाख रू निकासी हो गई और चवन्नी का काम नहीं हुआ. सुशासन राज का आतंक देखिए, जेई-एई की बात छोड़िए जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (सर्व शिक्षा) से लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), तक ने बिना काम किए बिल पास कर दिया. राशि भुगतान को लेकर तेजी से फाइल दौड़ाई गई, खबर है कि न सिर्फ संग्रामपुर प्रखंड में करोड़ों की राशि की निकासी हुई बल्कि तुरकौलिया में भी डेढ़ करोड़ की राशि सरकारी खजाने से बिना काम किए ही निकल गई. जिन स्कूलों में मरम्मति के नाम पर बिल बनाकर सरकारी खजाने को लुटा गया है, उनके प्रधानाध्य़ापक ही भ्रष्ट अधिकारियों की पोल खोल रहे हैं.
तुरकौलिया प्रखंड के प्रधानाध्यापकों ने डीईओ-डीपीओ व ठेकेदार की मिलीभगत की खोली पोल
यूएमएस टिकुुलिया बालिका के प्रधानाध्यापक ब्रजनंदन प्रसाद ने कहा कि मुझे तो इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं है. जब जानकारी ही नहीं तो काम होने का सवाल कहां है. उनसे कहा गया कि आपके स्कूल में मरम्मति कार्य के लिए लगभग 5 लाख की राशि का बिल मार्च-अप्रैल 2025 में ही पास हो गया, और भुगतान भी. इस पर उन्होंने आश्चर्य जाते हुए कहा कि यह तो हद है. वहीं तुरकौलिया के एनपीएस भैसरा की पिछले महीने तक प्रिंसिपल रही रिंकु कमारी ने कहा कि मेरे विद्यालय में मरम्मति का कोई काम नहीं हुआ है. 5 लाख रू से किसी तरह का काम नहीं हुआ है. जीपीएस माधोपुर मधुमालत जहां महीनों पहले 4 लाख 92 हजार रू का फर्जी बिल बनाकर सरकारी खजाने से निकासी की फाइल दौड़ी, वहां भी अब तक कोई काम नहीं हुआ है. स्कूल के प्रिंसिपल ओम प्रकाश ने कहा कि किसी ठेकेदार ने फोन कियाकि उनके यहां सामान गिरेगा. इसके बाद काम शुरू होगा. उनसे पूछा गया कि बिल को महीनों पहले पास हो गया है, काम नहीं हुआ ? इस पर उन्होंने कहा कि किसी तरह का काम नहीं हुआ है. हां..सामान गिराने की खबर आई है. जीएमएस तुरकौलिया बालक के प्रिसिंपल भी हतप्रभ हैं. विनोद भगत ने बताया कि उनके यहां काम नहीं हुआ है. उन्हें तो पता भी नहीं है कि मरम्मति के नाम पर इतनी बड़ी राशि(लगभग 5 लाख) की निकासी हो गई है. उन्होंने सूचना देने के लिए शुक्रिया अदा किया. यूएमएस निमुइया के प्रिंसिपल श्रीलाल प्रसाद ने कहा कि संग्रामपुर में बिना काम किए राशि निकासी की खबर के बाद यहां भी काम शुरू हुआ है. पिछले हफ्ते से यहां काम कराया जा रहा है. उन्हें भी पता नहीं कि महीनों पहले बिल बन गया और राशि की भी निकासी हो गई. जानकारी मिलने के बाद वे भी आश्चर्य में पड़ गए।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के कारनामे जान लें....
पूर्वी चंपारण के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(स्थापना) ने 260 स्कूलों की एक लिस्ट तैयार की थी. यह लिस्ट जिला शिक्षा पदाधिकारी के पत्र के आलोक में तैयार कर BSEIDC के उप प्रबंधक तकनीकी पूर्वी चंपारण को भेजी गई। लिस्ट में राशि भुगतान को लेकर विद्यालय की सूची संलग्न की गई थी. जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने 12 अप्रैल 2025 को उप प्रबंधक तकनीकी बीएसईडीसी को पत्र लिखा था. जिसमें कहा था कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 10 अप्रैल 2025 को असैनिक योजनाओं से संबंधित सूची उपलब्ध कराने का कहा था. इस आलोक में वित्तीय वर्ष 2024- 25 के वैसे सभी असैनिक योजना का भुगतान किया जाना है. इस संबंध में क्रमांक 1 से 260 तक एजेंसी वार सूची संलग्न कर भेजी जा रही है. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने वैसे सरकारी स्कूल जहां मरम्मति के काम हुए थे, से संबंधित विपत्र जिनका भुगतान 25 मार्च 2025 के बाद नहीं हो सका था, उसकी सूची भेजी थी. जिन 260 स्कूलों की सूची जहां काम के बदले भुगतान करना था, लिस्ट में तुरकौलिया के 29 स्कूल हैं.