1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 22 Nov 2025 02:06:31 PM IST
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BIHAR POLICE : बिहार पुलिस महकमे की साख को झकझोर देने वाली एक बड़ी और चौंकाने वाली घटना मोतीहारी से सामने आई है। यहां अपराधियों पर लगाम कसने के लिए की गई छापेमारी के दौरान खुद पुलिसकर्मी ही चोरी करते पकड़े गए। मामला इतना संगीन है कि इसमें अरेराज के डीएसपी के दो बॉडीगार्ड और संग्रामपुर थाना के दो सिपाही शामिल पाए गए हैं। पुलिस ने सभी चारों सिपाहियों को गिरफ्तार करते हुए 3 लाख रुपये भी बरामद कर लिए हैं।
यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के एक स्वर्ण व्यवसायी से की गई 19 लाख रुपये की लूट से जुड़ा हुआ है। दो दिन पहले गोबिंदगंज थाना क्षेत्र के रढिया गांव में सोना बेचने के बहाने स्वर्ण व्यवसायी को बुलाकर एक गिरोह ने मारपीट कर 19 लाख रुपये लूट लिए थे। घटना की शिकायत मिलते ही गोबिंदगंज थाना पुलिस हरकत में आई और त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरोह के एक सदस्य सुरेंद्र दास को गिरफ्तार कर लिया। सुरेंद्र हरसिद्धि थाना क्षेत्र के कन्छेदवा गांव का रहने वाला बताया गया।
गिरफ्तार आरोपी और यूपी के स्वर्ण व्यवसायी की निशानदेही पर शुक्रवार की रात अरेराज डीएसपी के नेतृत्व में गोबिंदगंज और संग्रामपुर थाना पुलिस की संयुक्त टीम मुजफ्फरपुर जिले के साहेबगंज थाना क्षेत्र में छापेमारी के लिए पहुंची। इस कार्रवाई का लक्ष्य गिरोह के मास्टरमाइंड के ठिकाने तक पहुंचना और लूट के रुपये की बरामदगी था।
छापेमारी के दौरान पुलिस टीम ने गिरोह के सरगना के घर से 15 लाख रुपये कैश और सोना जैसे दिखने वाले 10 धातु के बिस्किट सहित कई संदिग्ध सामान बरामद किए। यह कार्रवाई पुलिस के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही थी, लेकिन इसी दौरान टीम में मौजूद कुछ सिपाहियों ने वर्दी की गरिमा को तार-तार कर दिया।
बरामद धनराशि को सील करने और सुरक्षित रखने की प्रक्रिया के दौरान अरेराज डीएसपी के दो बॉडीगार्ड—ओमप्रकाश और संतोष कुमार—ने संग्रामपुर थाना के सिपाही कृष्णा कुमार और गौतम कुमार के साथ मिलकर कुल 3 लाख रुपये चोरी कर लिए। शुरू में इस गड़बड़ी पर किसी का ध्यान नहीं गया, लेकिन कुछ समय बाद कैश में कमी दिखी तो अधिकारियों को शक हुआ।
जब छानबीन शुरू हुई और पुलिस ने सभी सिपाहियों से पूछताछ की, तब चोरी की पूरी साज़िश सामने आ गई। कड़े सवाल-जवाब के दौरान चारों सिपाहियों ने आखिरकार चोरी की बात कबूल कर ली। इसके बाद साहेबगंज थाना पुलिस ने चारों को हिरासत में लेकर 3 लाख रुपये बरामद कर लिए।
इस खुलासे के बाद गोबिंदगंज थानेदार के आवेदन पर साहेबगंज थाना में चारों दोषी सिपाहियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। चारों पुलिसकर्मियों को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें न्यायिक कार्रवाई के लिए कोर्ट में पेश किया जाएगा।
पुलिस विभाग के भीतर हुई यह घटना पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है। छापेमारी जैसी संवेदनशील प्रक्रिया में शामिल पुलिसकर्मियों द्वारा ही चोरी करना विभाग की प्रतिष्ठा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। आमतौर पर ऐसी टीमों को जिम्मेदारी और भरोसे के आधार पर चुना जाता है, लेकिन इस घटना ने उस विश्वास को झटका दिया है।
सूत्रों के अनुसार, विभागीय स्तर पर भी इन चारों सिपाहियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है और इनके निलंबन की प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस मामले की अलग से जांच कर रहे हैं, ताकि यह भी पता लगाया जा सके कि कहीं इस चोरी के पीछे कोई बड़ा नेटवर्क या अन्य पुलिसकर्मियों की संलिप्तता तो नहीं है।
मोतीहारी और आसपास के इलाकों में अपराध नियंत्रण के लिए पुलिस की कई बड़ी सफलताएं हाल के दिनों में सामने आई हैं, लेकिन पुलिसकर्मियों की इस हरकत ने आम लोगों का भरोसा कमजोर किया है। ऐसे समय में जब पुलिस को आम जनता का विश्वास जीतने की जरूरत है, इस तरह की घटनाएं न केवल शर्मनाक हैं, बल्कि पूरे महकमे को कठघरे में खड़ा कर देती हैं।
फिलहाल पुलिस ने 3 लाख रुपये की बरामदगी करते हुए चारों दोषी सिपाहियों को जेल भेज दिया है और आगे की कार्रवाई जारी है। विभागीय जांच के बाद इन पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई तय मानी जा रही है। इस घटना के बाद अब पुलिस महकमे में भी आत्ममंथन की जरूरत महसूस की जा रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।