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1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Tue, 16 Sep 2025 06:22:11 PM IST
शिक्षा भवन व करप्शन की प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार में भ्रष्टाचारियों का मनोबल सिर चढ़कर बोल रहा. भ्रष्टाचार के आरोप में अधिकारी-कर्मी जेल जा रहे, इसका भी प्रभाव नहीं पड़ रहा. भ्रष्ट लोक सेवकों के मन से भय खत्म हो गया है. शिक्षा विभाग के अधिकारी किसी से कम नहीं. छापे में करोड़ों रू मिल रहे. आखिर मिले भी तो क्यों नहीं..यह विभाग तो सबको पीछे छोड़ रहा. यहां तो कागज पर ही काम कराकर करोड़ों की निकासी हो जा रही है. सरकारी खजाने से अवैध निकासी के खेल में जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारी-कर्मी-इंजीनियर शामिल हैं. मोतिहारी में सरकारी स्कूलों की मरम्मति के नाम पर सरकारी खजाने को लुटा गया. चार आने का काम नहीं हुआ और करोड़ों की राशि निकासी कर ली गई। यह सब मोतिहारी जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत से हुई. 1ST BIHAR/JHARKHAND ने करोड़ों के खेल का खुलासा किया. जिले के तुरकौलिया व एक अन्य प्रखंड में ही लगभग 4 करोड़ की अवैध निकासी हुई है. हद तो तब जब खुलासे के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों के मन में डर नहीं. कागजी काम के बदले राशि भुगतान की फाइल को लगातार दौड़ाया जा रहा है. खबर है कि मोतिहारी से 120 से अधिक फाइल को फिर से पटना भेजकर भुगतान कराने की कोशिश जारी है. यह सब बैक डेट में करने को लेकर प्रयास जारी है.
खुलासे के बाद भी दौड़ाई जा रही फाइल
हमने 15 सितंबर को ही तुरकौलिया प्रखंड के 29 सरकारी विद्यालयों में बिना काम के ही करोड़ों की राशि निकासी की खबर बताई थी. इसके पहले संग्रामपुर प्रखंड में हुए खेल का खुलासा किया था. खुलासे के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी मोतिहारी ने दिखावे के लिए जांच के आदेश दिए. तुरकौलिया में खेल और बड़ा है. यहां कागज में ही काम कराकर लगभग 1.5 करोड़ रू की निकासी की गई है. खेल इतने भर का नहीं है. खुलासे के बाद भी अवैध भुगतान कराने की कोशिश जारी है. बताया जाता है कि मोतिहारी से 120 से अधिक फाइल को बैकडेट में अप्रुव कर राशि भुगतान के लिए पटना मुख्य़ालय भेजी गई है. इस संबंध में हमने शिक्षा विभाग के BSEIDC के अधिकारियों से बात की. BSEIDC के अधिकारी मो. शहजाद ने बताया कि 2 अगस्त के बाद जिला से डायरेक्ट फाइल नहीं भेजी जा रही है. क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक के एप्रुवल के बाद ही यहां से भुगतान होना है. व्यवस्था बदल गई है. उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था के बाद अब तक तीन जिलों से फाइल आई है. उसमें मोतिहारी नहीं है. उन्होंने कहा कि मोतिहारी में हुए खेल के बारे में जानकारी है. उनसे पूछा गया कि मोतिहारी से 120 से अधिक फाइल भुगतान के लिए BSEIDC कार्यालय पटना भेजी गई है, बैक डेट में राशि निकासी का प्रयास जारी है. इस पर उन्होंने कहा कि अब जांच के बाद भुगतान होगा.
कार्रवाई के नाम पर डीईओ-डीपीओ को छूट रहे पसीने
1ST BIHAR/JHARKHAND ने मोतिहारी जिले के संग्रामपुर प्रखंड के 35 स्कूल जहां बिना काम कराये ही प्रति विद्यालय लगभग 5-5 लाख की निकासी हो गई, का खुलासा किया. आनन-फानन में काम शुरू कराया गया. जिला शिक्षा पदाधिकारी मोतिहारी ने 35 की जगह चार स्कूलों की जांच के आदेश दिए. अब तक जांच पूरी नहीं हुई. अब नया खुलासा तुरकौलिया प्रखंड में हुआ है. इस प्रखंड में 29 स्कूलों में बिना काम कराये ही प्रति विद्यालय 5-5 लाख की निकासी हो गई। खुलासे के बाद भी जिला शिक्षा पदाधिकारी मोतिहारी के कान पर जूं नहीं रेंग रहा. इधर खुलासे के बाद तुरकौलिया प्रखंड जहां लगभग 1.5 करोड़ की रू निकासी कर ली गई है, अब काम कराने की खानापूर्ति शुरू हो गई है. हालांकि पूरे घोटाले की पोल उन जिलों के प्रधानाध्यापक की खोल रहे, जहां राशि की निकासी हुई है.
मोतिहारी के तुरकौलिया प्रखंड के जिन स्कूलों में बिना काम कराये ही फर्जी बिल प्रस्तुत कर पैसे की निकासी की गई, उकी संख्या 29 है. ये विद्यालय हैं...एनपीएस भैंसड़ा, यूएमएस निमुइया, यूएमएस टिकुलिया कन्या, जीपीएस माधोपुर मधुमालत, एनपीएस बड़हरवा, जीएमएस तुरकौलिया, एनपीएस बालगंगा मुशहरटोली, एनपीएस बगहा अनुसुचित जाति टोला, एनपीएस धोबिया टोला, एनपीएस मथुरापुर उत्तरी, एनपीएस दुर्गा चौक, एनपीएस तेघरा.एनपीएस जटहारा, एनपीएस कुन्ना महतो का टोला, एनपीएस महिरीपुर, एनपीएस राजपुर, एनपीएस गोखुला, जीएमएस मुहब्बत छपरा, एनपीएस बहुरूपिया,जीएमएस बहुरूपिया, एनपीएस परसौनी मुशहर टोली,एनपीएस जानकीपुर के टोला मथुरापुर, एनपीएस चिउटाहां, जीपीएस उर्दू माधोपुर, जीपीएस हुसैन बाबु का टोला, जीपीएस तुरकौलिया वृतिया, एनपीएस शंभु टोला बेलघटी, एनपीएस रेतवा शेखटोली , एनपीएस बाबू टोला जयसिंहपुर.तुरकौलिया प्रखंड के इन 29 विद्यालयों में लगभग 5-5 लाख का बिल बनाकर पैसे की निकासी की फाइल दौड़ाई गई. जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के पत्र में इन स्कूलों में कथित तौर पर N.K.S कंपनी ने काम किया. हालांकि इस कंपनी ने कागज पर ही काम कर फर्जी बिल जमा कर दिया. उस फर्जी बिल को डीपीओ सर्व शिक्षा ने पास कर दिया. इसके बाद डीपीओ स्थापना ने उक्त फर्जी बिल को पास कर राशि भुगतान के लिए भेजा.
मोतिहारी सदर अनुमंडल के तुरकौलिया प्रखंड के 29 स्कूलों में मरम्मति के नाम पर प्रति स्कूल लगभग 5-5 लाख रू निकासी हो गई और चवन्नी का काम नहीं हुआ. सुशासन राज का आतंक देखिए, जेई-एई की बात छोड़िए जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (सर्व शिक्षा) से लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), तक ने बिना काम किए बिल पास कर दिया. राशि भुगतान को लेकर तेजी से फाइल दौड़ाई गई, खबर है कि न सिर्फ संग्रामपुर प्रखंड में करोड़ों की राशि की निकासी हुई बल्कि तुरकौलिया में भी डेढ़ करोड़ की राशि सरकारी खजाने से बिना काम किए ही निकल गई. जिन स्कूलों में मरम्मति के नाम पर बिल बनाकर सरकारी खजाने को लुटा गया है, उनके प्रधानाध्य़ापक ही भ्रष्ट अधिकारियों की पोल खोल रहे हैं.
तुरकौलिया प्रखंड के प्रधानाध्यापकों ने डीईओ-डीपीओ व ठेकेदार की मिलीभगत की खोली पोल
यूएमएस टिकुुलिया बालिका के प्रधानाध्यापक ब्रजनंदन प्रसाद ने कहा कि मुझे तो इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं है. जब जानकारी ही नहीं तो काम होने का सवाल कहां है. उनसे कहा गया कि आपके स्कूल में मरम्मति कार्य के लिए लगभग 5 लाख की राशि का बिल मार्च-अप्रैल 2025 में ही पास हो गया, और भुगतान भी. इस पर उन्होंने आश्चर्य जाते हुए कहा कि यह तो हद है. वहीं तुरकौलिया के एनपीएस भैसरा की पिछले महीने तक प्रिंसिपल रही रिंकु कमारी ने कहा कि मेरे विद्यालय में मरम्मति का कोई काम नहीं हुआ है. 5 लाख रू से किसी तरह का काम नहीं हुआ है. जीपीएस माधोपुर मधुमालत जहां महीनों पहले 4 लाख 92 हजार रू का फर्जी बिल बनाकर सरकारी खजाने से निकासी की फाइल दौड़ी, वहां भी अब तक कोई काम नहीं हुआ है. स्कूल के प्रिंसिपल ओम प्रकाश ने कहा कि किसी ठेकेदार ने फोन किया है कि उनके यहां सामान गिरेगा. इसके बाद काम शुरू होगा. उनसे पूछा गया कि बिल को महीनों पहले पास हो गया है, काम नहीं हुआ ? इस पर उन्होंने कहा कि किसी तरह का काम नहीं हुआ है. हां..सामान गिराने की खबर आई है. जीएमएस तुरकौलिया बालक के प्रिसिंपल भी हतप्रभ हैं. विनोद भगत ने बताया कि उनके यहां काम नहीं हुआ है. उन्हें तो पता भी नहीं है कि मरम्मति के नाम पर इतनी बड़ी राशि(लगभग 5 लाख) की निकासी हो गई है. उन्होंने सूचना देने के लिए शुक्रिया अदा किया. यूएमएस निमुइया के प्रिंसिपल श्रीलाल प्रसाद ने कहा कि संग्रामपुर में बिना काम किए राशि निकासी की खबर के बाद यहां भी काम शुरू हुआ है. पिछले हफ्ते से यहां काम कराया जा रहा है. उन्हें भी पता नहीं कि महीनों पहले बिल बन गया और राशि की भी निकासी हो गई. जानकारी मिलने के बाद वे भी आश्चर्य में पड़ गए।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के कारनामे जान लें....
पूर्वी चंपारण के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(स्थापना) ने 260 स्कूलों की एक लिस्ट तैयार की थी. यह लिस्ट जिला शिक्षा पदाधिकारी के पत्र के आलोक में तैयार कर BSEIDC के उप प्रबंधक तकनीकी पूर्वी चंपारण को भेजी गई। लिस्ट में राशि भुगतान को लेकर विद्यालय की सूची संलग्न की गई थी. जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने 12 अप्रैल 2025 को उप प्रबंधक तकनीकी बीएसईडीसी को पत्र लिखा था. जिसमें कहा था कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 10 अप्रैल 2025 को असैनिक योजनाओं से संबंधित सूची उपलब्ध कराने का कहा था. इस आलोक में वित्तीय वर्ष 2024- 25 के वैसे सभी असैनिक योजना का भुगतान किया जाना है. इस संबंध में क्रमांक 1 से 260 तक एजेंसी वार सूची संलग्न कर भेजी जा रही है. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने वैसे सरकारी स्कूल जहां मरम्मति के काम हुए थे, से संबंधित विपत्र जिनका भुगतान 25 मार्च 2025 के बाद नहीं हो सका था, उसकी सूची भेजी थी. जिन 260 स्कूलों की सूची जहां काम के बदले भुगतान करना था, लिस्ट में संग्रामपुर के अलावे तुरकौलिया के 29 स्कूल हैं.