Bihar News: बिहार के 24 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, बाढ़ का संकट और भी गहराया.. सहरसा में रुई के गोदाम में लगी भीषण आग, दमकल की 4 गाड़ियों ने पाया काबू अरवल में इनोवा कार से 481 लीटर अंग्रेज़ी शराब बरामद, पटना का तस्कर गिरफ्तार Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा Bihar Transfer Posting: नीतीश सरकार ने सात अनुमंडल के SDO को हटाया और बनाया डीटीओ, 54 अफसरों को किया गया है इधऱ से उधर Bihar News: नाबार्ड की मदद से बिहार की ग्रामीण सड़कों को मिली नई रफ्तार, गांवों से शहरों की दूरी हो रही कम Bihar News: नाबार्ड की मदद से बिहार की ग्रामीण सड़कों को मिली नई रफ्तार, गांवों से शहरों की दूरी हो रही कम
1st Bihar Published by: RANJAN Updated Sat, 05 Jul 2025 10:34:09 PM IST
स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही - फ़ोटो REPOTER
ROHTAS: बिहार के सासाराम से स्वास्थ्य विभाग की एक चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है। जहां एक ओर प्रदेशभर में मरीजों को समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पाता है वही, दूसरी ओर सासाराम के सदर अस्पताल में एंबुलेंस का इस्तेमाल मरीजों की सेवा के बजाय अस्पताल का सामान ढोने के लिए किया जा रहा है।
मामला सदर अस्पताल के ट्रामा सेंटर का है, जहां एक सरकारी एंबुलेंस को अस्पताल के सामान की ढुलाई में इस्तेमाल किया गया। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने इसका वीडियो और तस्वीरें रिकॉर्ड कीं, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि एंबुलेंस के पिछले हिस्से से विभिन्न वस्तुएं उतारी जा रही हैं।
स्वास्थ्यकर्मी ने दिए चौंकाने वाले बयान
जब अस्पताल के एक स्वास्थ्यकर्मी जितेंद्र कुमार से इस विषय पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि "यह काम वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर किया जा रहा है।" इस बयान ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर और भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह है कि क्या उच्च अधिकारी सच में मरीजों के लिए आरक्षित आपातकालीन सेवा वाहनों का इस्तेमाल सामान ढोने के लिए कर सकते हैं?
बिहार के कई जिलों से लगातार यह शिकायतें मिल रही हैं कि गंभीर रूप से बीमार मरीजों को समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पा रही है। परिणामस्वरूप, कई बार मरीजों की जान भी चली जाती है। ऐसे में, जब जनता को यह पता चलता है कि अस्पतालों में उपलब्ध एंबुलेंस को मरीजों की जगह सामान ढोने में लगाया जा रहा है, तो लोगों का आक्रोश और अविश्वास बढ़ना स्वाभाविक है।
स्थानीय निवासी संजय कुमार, जो अस्पताल में मौजूद थे, उनका कहना था कि "हमें तो लगता है कि सरकार और अस्पताल प्रशासन की नजर में मरीज की जान की कोई कीमत नहीं है। अगर यही हाल रहा, तो कोई भी सरकारी अस्पताल पर भरोसा नहीं करेगा।"
इस पूरे मामले को लेकर अब तक स्वास्थ्य विभाग के किसी अधिकारी या अस्पताल अधीक्षक की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, सोशल मीडिया पर यह मामला वायरल हो गया है और लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर मरीजों की जान से इतना बड़ा खिलवाड़ कब तक जारी रहेगा?
स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने इस घटना पर नाराजगी जताई है और मांग की है कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई हो। लोगों का कहना है कि एंबुलेंस जैसी जरूरी सेवाओं का दुरुपयोग पूरी तरह से असंवैधानिक और अमानवीय है।