ब्रेकिंग न्यूज़

Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं Mokama Dularchand Murder Case: मोकामा में दुलारचंद हत्याकांड में पुलिस ने अबतक क्या की कार्रवाई? पटना SSP ने दिया जवाब Mokama Dularchand Murder Case: मोकामा में दुलारचंद हत्याकांड में पुलिस ने अबतक क्या की कार्रवाई? पटना SSP ने दिया जवाब Koilwar bridge accident : कोइलवर सिक्सलेन पुल पर स्कूल बस और कंटेनर की टक्कर, ड्राइवर की हालत गंभीर Bihar Election 2025: चकाई में सुमित सिंह की सभा में उमड़ा जनसैलाब, नीतीश-मोदी की डबल इंजन सरकार पर जताया विश्वास Bihar Election 2025: चकाई में सुमित सिंह की सभा में उमड़ा जनसैलाब, नीतीश-मोदी की डबल इंजन सरकार पर जताया विश्वास Bihar Election 2025: ‘लालू के जंगलराज जैसी ही नीतीश सरकार की हालत’, बिहार की बिगड़ी कानून व्यवस्था पर बोले प्रशांत किशोर Bihar Election 2025: ‘लालू के जंगलराज जैसी ही नीतीश सरकार की हालत’, बिहार की बिगड़ी कानून व्यवस्था पर बोले प्रशांत किशोर Bihar Election : "मुकेश सहनी का बिहार में बड़ा बयान, कहा - 20 साल बाद बदलाव का वक्त, अब ऐसी सरकार चुनें जो बिहार के बारे में सोचे"

EOU RAID: नगर विकास विभाग के लिए भ्रष्टाचार बना शिष्टाचार ! तभी तो करप्शन केस में रेड के 28 दिनों बाद भी 'अनुभूति श्रीवास्तव' को नहीं किया सस्पेंड, आज भी बरसाई जा रही विशेष कृपा

अनुभूति श्रीवास्तव पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का गंभीर आरोप है। EOU ने 20 अगस्त को पटना, लखनऊ और सिवान स्थित ठिकानों पर छापेमारी कर अकूत संपत्ति बरामद की। आरोप साबित होने के बावजूद 28 दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी अफसर सस्पेंड नहीं .

1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Wed, 17 Sep 2025 12:33:36 PM IST

अनुभूति श्रीवास्तव भ्रष्टाचार  नगर विकास विभाग घोटाला  सिवान नगर परिषद अधिकारी  आय से अधिक संपत्ति केस  EOU छापेमारी बिहार  भ्रष्ट अफसर कार्रवाई  नगर विकास विभाग विवाद

अनुभूति श्रीवास्तव की फाइल तस्वीर - फ़ोटो Google

Bihar News: भ्रष्टाचार में घिरे नगर विकास विभाग के चहेते अधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के केस में छापेमारी के 28 दिन हो गए, आजतक  उक्त धनकुबेर अधिकारी को सस्पेंड नहीं किया गया है. आज भी अनुभूति श्रीवास्तव सिवान नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के पद पर कार्यरत्त हैं. ऐसे में नगर विकास विभाग की चुप्पी सवालों के घेरे में है. हाल में कई अधिकारियों के ठिकानों पर रेड हुआ, शिक्षा विभाग व दूसरे विभागों ने कुछ दिन बाद ही आरोपी अफसर को सस्पेंड कर दिया, पर नगर विकास विभाग को इससे मतलब नहीं. ऐसा लग रहा, विभाग ने भ्रष्टाचार को शिष्टाचार मान लिया है. 

अनुभूति श्रीवास्तव पर नगर विकास विभाग की विशेष कृपा 

इस अधिकारी पर नगर विकास विभाग की बड़ी कृपा है. अनुभूति श्रीवास्तव पर 2021 में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे, विशेष निगरानी इकाई ने आय से अधिक संपत्ति केस में छापेमारी की. आरोपी अधिकारी निलंबित हुए, कुछ दिनों के बाद गुपचुप तरीके से निलंबन तोड़कर फिर से फील्ड पोस्टिंग देकर नगर कार्यपालक पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित कर दिया गया. नगर विकास विभाग ने चुपके-चुपके रक्सौल नगर परिषद का कार्यपालक पदाधिकारी बना दिया. कार्यभार संभालते ही करोड़ों के खेल का खुलासा हुआ. सरकार की भद्द पिटी तो इस अधिकारी को वहां से हटाय़ा गया. फिर सिवान नगर परिषद का कार्यपालक पदाधिकारी बनाकर दागी अधिकारी को फील्ड पोस्टिंग दे दी गई. इसके बाद 20 अगस्त को आर्थिक अपराध इकाई ने उक्त कार्यपालक पदाधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव के खिलाफ डीए केस दर्ज कर पटना से लेकर यूपी तक छापेमारी की. रेड में अकूत संपत्ति अर्जित करने का पता चला है. इसके बाद भी नगर विकास विभाग को फर्क नहीं पड़ रहा. नगर विकास विभाग आज भी सिवान नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के पद पर अनुभूति श्रीवास्तव को ही बिठाकर रखा है. 

ईओयू ने 20 अगस्त को कई ठिकानों पर की छापेमारी

आर्थिक अपराध इकाई ने बुधवार 20 अगस्त 2025 को सीवान नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव के कई ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति मामले में की जा रही है। EOU की टीम ने एक साथ सीवान, पटना और लखनऊ स्थित ठिकानों पर जांच शुरू की। लखनऊ के गोमती नगर, पटना के रूपसपुर स्थित अर्पणा मेंशन, और सीवान नगर परिषद कार्यालय में कार्यपालक पदाधिकारी के आवास और अन्य परिसरों की तलाशी ली गई। EOU की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि अनुभूति श्रीवास्तव ने अपनी वैध आय से लगभग 79% अधिक संपत्ति अर्जित की है। आर्थिक अपराध इकाई ने खोली है. ईओयू ने उक्त धनकुबेर अफसर के खिलाफ 18 अगस्त 2025 को कांड सं- 20 दर्ज कर कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. पटना लेकर सिवान और उप्र के लखनऊ तक रेड डाला गया है. लखनऊ में इनोवा,फार्च्यूनर जैसी महंगी गाड़ियां मिली हैं. स्वयं-पत्नी व परिजनों के बैंक अकाउंट में लगभग 1.48 करोड़ रू जमा है. करप्शन में लिप्त वो अधिकार शेल कंपनी बनाकर ब्लैक मनी को व्हाइट करता था. मोतिहारी के रक्सौल में रहने के दौरान शेल कंपनी में राशि भेजी गई.

  रक्सौल में पदस्थापन काल में शेल कंपनी में भिजवाई राशि 

रेड के बाद आर्थिक अपराध इकाई ने बताया था कि सिवान नगर परिषद का कार्यपालक पदाधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव 2013 में नगर विकास सेवा में नियुक्त हुए. उनकी पत्नी नलिनी प्रकाश हैं, जिनके नाम पर नलिनी क्रिएशन के नाम से लखनऊ स्थित आवास पर एक आर्ट स्टूडियो है. अनुभूति श्रीवास्तव ने अपनी पत्नी नलिनी प्रकाश के सहयोग एवं आपराधिक षड्यंत्र से आवासीय पता गोमती नगर लखनऊ पर कई शेल कंपनी बनाई है. जिसमें संस्कार इंटरप्राइजेज और  बुएयांस सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड है. इन कंपनी के बैंक खातों में अपनी अवैध रूप से अर्जित राशि को विभिन्न माध्यमों से जमा कराया गया. इसके बाद उस राशि को चेन ट्रांसफर के माध्यम से स्वयं व अपनी पत्नी के खाते में राशि भिजवाई. आर्थिक अपराध इकाई ने बताया है कि पूर्वी चंपारण के रक्सौल एवं सहरसा पदस्थापन काल में संस्कार इंटरप्राइजेज में बड़ी मात्रा में नगद राशि जमा हुई. इसके बाद उसका स्थानांतरण पत्नी नलिनी प्रकाश के बैंक खाते में की गई।

इनोवा-फॉर्चूनर गाड़ियां मिली हैं...

तलाशी में लखनऊ स्थित आवास से 192000 नकद एवं 400 ग्राम ज्वेलरी, सिवान आवास से 125000 रू नकद एवं पटना स्थित घर से 3.49 लाख 500 रू, इस तरह से कुल मिलाकर 6,66,500 रू बरामद किए गए हैं . अनुभूति श्रीवास्तव एवं उनकी पत्नी नलिनी प्रकाश व परिजनों से संबंधित 21 पासबुक में  एक करोड़ 48 लाख 40 हजार 173 रुपए जमा पाया गया है. लखनऊ स्थित आवास से 2024-25 में खरीदी गई महंगी गाड़ी फॉर्चूनर एवं इनोवा तथा जमीन फ्लैट एवं अन्य दस्तावेज बरामद की गई है.

डीए केस में 2021 में भी हुई थी छापेमारी

इससे पहले अगस्त 2021 में विशेष निगरानी इकाई (SVU) ने अनुभूति श्रीवास्तव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है और मुकदमा अभी न्यायालय में लंबित है।