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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 23 Feb 2025 05:35:33 PM IST
BofA Securities - फ़ोटो Social Media
बैंक ऑफ अमेरिका (BofA) के ताजे फंड मैनेजर सर्वे के अनुसार, भारतीय इक्विटी बाजार अब निवेशकों के लिए कम आकर्षक साबित हो रहा है। इस सर्वे ने भारतीय बाजार में गिरावट और निवेशकों के बदलते रुझानों को स्पष्ट रूप से दिखाया है।
बैंक ऑफ अमेरिका के फंड मैनेजर सर्वे के मुताबिक, भारतीय इक्विटी बाजार एशिया में अब केवल ताइवान के बाद दूसरा सबसे कम पसंदीदा शेयर बाजार बन चुका है। पिछले कुछ महीनों में निफ्टी 50 के प्रदर्शन ने निवेशकों को चिंतित किया है, क्योंकि यह 2025 के शुरुआती दौर से ही दबाव में रहा है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली और कमजोर आर्थिक नतीजों ने निफ्टी 50 को आठ महीने के निचले स्तर पर खींच लिया है। सर्वे के मुताबिक, 19% फंड मैनेजर्स भारतीय इक्विटी पर "अंडरवेट" हैं, जबकि जनवरी में यह आंकड़ा केवल 10% था।
निफ्टी 50 की स्थिति अब भी चिंताजनक है। यह इंडेक्स अपने रिकॉर्ड हाई 26,277 से 13% नीचे गिर चुका है, जो पिछले साल सितंबर में देखा गया था। यह गिरावट भारत के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि भारतीय शेयर बाजार ने लंबे समय तक विदेशी निवेशकों और घरेलू निवेशकों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ था। लेकिन अब विदेशी पूंजी की कमी और कमजोर परिणाम भारतीय बाजार पर अपना असर दिखा रहे हैं।
दिलचस्प यह है कि जनवरी में सबसे कम पसंदीदा बाजार के रूप में रैंक किए गए चीन ने इस बार एक बड़ी छलांग लगाई है। अब चीन एशिया के तीसरे सबसे पसंदीदा बाजार के रूप में उभरा है, केवल जापान और ताइवान से पीछे। इस बदलाव को लेकर BofA सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि फंड मैनेजर्स अब चीन के बारे में पहले से कहीं अधिक सकारात्मक नजरिया रखते हैं, हालांकि वे अभी भी अर्थव्यवस्था के संबंध में सतर्क हैं। एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) जैसे क्षेत्र में चीन के बढ़ते निवेश ने इसे एक नई दिशा दी है।
इस बीच, जापान ने अपनी स्थिति को बनाए रखा है और एशिया में सबसे ज्यादा पसंदीदा बाजार के रूप में टॉप पर बना हुआ है। जापान की मजबूत आर्थिक वृद्धि और सकारात्मक बाजार आउटलुक ने उसे निवेशकों का पसंदीदा बना दिया है। ताइवान भी दूसरे स्थान पर बना हुआ है, लेकिन चीन ने अपनी स्थिति में सुधार कर लिया है, जो निवेशकों के लिए चौंकाने वाला बदलाव है।
आगे की दिशा में भारतीय शेयर बाजार के लिए चुनौतियां बनी हुई हैं। विदेशी निवेशकों का रुझान अब कमजोर हो चुका है, और भारतीय इक्विटी के लिए सपोर्ट घटता जा रहा है। लेकिन BofA की रिपोर्ट में एक सकारात्मक बिंदु भी है। रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया-पैसिफिक बाजारों के बारे में फंड मैनेजर्स का आकलन बेहतर हुआ है। 84% फंड मैनेजर्स ने अगले 12 महीनों में इन बाजारों में उच्च स्तर की उम्मीद जताई है।