1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 26 Feb 2025 05:01:22 PM IST
Tata Motors - फ़ोटो Social Media
जुलाई 2024 में 1,179 रुपये के शिखर से गिरकर मंगलवार को इसका शेयर 660.30 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ। इस गिरावट के साथ टाटा मोटर्स निफ्टी के सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शेयर के रूप में सामने आई है। अब सवाल यह उठता है कि क्या यह गिरावट थमने वाली है या आगे और भी परेशानी निवेशकों का इंतजार कर रही है? एनालिस्ट्स ने इस गिरावट के पीछे कई प्रमुख कारणों की पहचान की है। सबसे पहला कारण है जगुआर लैंड रोवर (JLR) की कमजोर मांग, खासकर चीन और यूके जैसे बड़े बाजारों में। इसके अलावा, अमेरिका द्वारा यूरोपीय निर्मित कारों पर आयात शुल्क लगाए जाने की संभावना भी टाटा मोटर्स के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती है।
घरेलू बाजार में भी परिस्थितियां अच्छी नहीं हैं। मीडियम और हैवी कमर्शियल व्हीकल (M&HCV) सेगमेंट में बिक्री में गिरावट और पैसेंजर और इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) में बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने निवेशकों का विश्वास कमजोर किया है। इसके अलावा, Tesla की भारत में एंट्री की खबरें भी टाटा मोटर्स जैसे घरेलू निर्माताओं के लिए चिंता का कारण बन रही हैं, हालांकि कुछ एनालिस्ट इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि टेस्ला का प्रभाव इतना बड़ा नहीं होगा।
गिरावट के बावजूद, कुछ ब्रोकरेज फर्म्स ने टाटा मोटर्स के शेयर को लेकर सकारात्मक रुख अपनाया है। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म CLSA का मानना है कि JLR का मौजूदा व्यापार 2027 के अनुमानित EV/EBITDA के 1.2 गुना पर ट्रेड कर रहा है, जो इसके ऐतिहासिक वैल्युएशन से काफी कम है। उनका कहना है कि बाजार पहले ही कारोबारी साल 2026 में 10% की गिरावट और EBIT मार्जिन के 8% से नीचे जाने की संभावना को पचा चुका है। CLSA का मानना है कि इस गिरावट में एक बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया नजरिया है और लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह शेयर में एंट्री का एक अच्छा मौका हो सकता है।
वहीं, BNP Paribas ने टाटा मोटर्स के शेयर के लिए 935 रुपये प्रति शेयर का टारगेट तय किया है, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि शेयर फिलहाल कंसोलिडेशन फेज में है और अगले कुछ महीनों में कमजोरी जारी रह सकती है।