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GST Reforms 2025: सैलून से शैंपू तक, अब सब होगा सस्ता; जानें... आम लोगों को कैसे मिलेगा फायदा

GST Reforms 2025: GST काउंसिल की 3 सितंबर को हुई अहम बैठक में टैक्स सिस्टम को लेकर कई बड़े फैसले लिए गए, जिनका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। देश में पिछले आठ सालों से लागू टैक्स स्ट्रक्चर में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 04 Sep 2025 04:51:53 PM IST

GST Reforms 2025

GST काउंसिल - फ़ोटो google

GST Reforms 2025: GST काउंसिल की 3 सितंबर को हुई अहम बैठक में टैक्स सिस्टम को लेकर कई बड़े फैसले लिए गए, जिनका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। देश में पिछले आठ सालों से लागू टैक्स स्ट्रक्चर में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए 12% और 28% टैक्स स्लैब को समाप्त कर दिया गया, और अब केवल 5% और 18% के दो नए टैक्स स्लैब को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, कुछ विशेष वस्तुओं पर 40% का अलग टैक्स भी तय किया गया है।


बैठक में सबसे अहम फैसला ब्यूटी और वेलनेस सेक्टर को लेकर लिया गया। अब सैलून, ब्यूटी ट्रीटमेंट, मसाज, फिटनेस सेंटर, योगा क्लासेस और हेल्थ क्लब्स जैसी सेवाओं पर लगने वाला GST 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है, हालांकि यह कटौती बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के की गई है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आप हेयरकट, फेशियल, बॉडी मसाज या किसी फिटनेस सेशन के लिए जाते हैं, तो अब आपकी जेब पर कम असर पड़ेगा।


यह फैसला न केवल इन सेवाओं को किफायती बनाएगा, बल्कि इससे ब्यूटी इंडस्ट्री, फिटनेस और वेलनेस सेक्टर को भी एक नई रफ्तार मिलेगी। साथ ही, इससे छोटे और मझोले सैलून व फिटनेस प्रोफेशनल्स को भी ग्राहकों की बढ़ती संख्या का लाभ मिलेगा।


GST काउंसिल ने पर्सनल केयर और हाइजीन प्रोडक्ट्स पर भी राहत दी है। साबुन, शैंपू, फेस पाउडर, टूथपेस्ट, टूथब्रश और डेंटल फ्लॉस पर अब सिर्फ 5% GST लिया जाएगा। पहले इन पर 12% या उससे अधिक टैक्स लगाया जाता था, जिससे इनकी कीमतें आम जनता के लिए थोड़ी ज्यादा थीं। हालांकि, माउथवॉश को इस लिस्ट से बाहर रखा गया है, यानी उस पर अभी भी पहले की दर से टैक्स लगेगा।


सरकार का मानना है कि इस कदम से निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों को मासिक खर्च में राहत मिलेगी। साथ ही, ब्यूटी और हाइजीन प्रोडक्ट्स की मांग भी बढ़ेगी, जिससे छोटे व्यापारी और खुदरा विक्रेता लाभान्वित होंगे।


जहां एक ओर आवश्यक सेवाओं और वस्तुओं पर राहत दी गई है, वहीं सिन गुड्स और लग्जरी उत्पादों पर सरकार ने सख्ती दिखाई है। पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, जर्दा, बीड़ी जैसे चबाने वाले तंबाकू उत्पादों पर अब 40% का उच्चतम टैक्स लगाया जाएगा। यह कदम न सिर्फ राजस्व बढ़ाने के मकसद से लिया गया है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।


GST काउंसिल के इन फैसलों से उम्मीद की जा रही है कि आम आदमी को महंगाई से कुछ राहत मिलेगी। सैलून और हेल्थ सर्विस जैसी रोजमर्रा की सेवाएं सस्ती होंगी, वहीं पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स की कीमतों में भी गिरावट आएगी। इसके अतिरिक्त, वेलनेस और फिटनेस सेक्टर को बूस्ट मिलने की पूरी संभावना है, क्योंकि टैक्स घटने से अधिक लोग इन सेवाओं का लाभ उठाएंगे।


ये रिफॉर्म्स न केवल उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि छोटे व्यवसायों और MSME सेक्टर के लिए भी राहत लेकर आए हैं। आने वाले समय में इन बदलावों का असर बाजार और उपभोग की प्रवृत्तियों पर साफ नजर आ सकता है।