ब्रेकिंग न्यूज़

Bigg Boss 19: बिग बॉस 19 में मालती चाहर की वाइल्ड कार्ड एंट्री से मचा धमाल, घर में बदल गए रिश्तों के समीकरण Patna News: पटना में चुनाव से पहले गाड़ी से लाखों रुपए बरामद, वाहन चेकिंग के दौरान मिली सफलता Patna News: पटना में चुनाव से पहले गाड़ी से लाखों रुपए बरामद, वाहन चेकिंग के दौरान मिली सफलता Road Accident In Bihar: पटना में दर्दनाक सड़क हादसे में दो की मौत, दो घायल Rohit Sharma Statement: गिल के वनडे कप्तान बनने पर पहली बार बोले रोहित,गौतम गंभीर और अगरकर को लेकर भी किया खुलासा Bihar Crime News: पटना के प्रेमी जोड़े की यूपी में बेरहमी से हत्या, युवती के भाई पर हत्या का आरोप Bihar Crime News: पटना के प्रेमी जोड़े की यूपी में बेरहमी से हत्या, युवती के भाई पर हत्या का आरोप Bihar BEd CET 2025 : बिहार बीएड प्रवेश परीक्षा का एडमिट कार्ड जारी, यहां से करें डाउनलोड; जानिए कितने नंबर की होगी परीक्षा पूर्णिया में विद्या विहार क्रिकेट अकादमी की ओर से रमेश चंद्र मिश्रा मेमोरियल स्कूल T20 क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारंभ, 23 नवम्बर को ग्रैंड फाइनल Atal Pension Yojna New Rule: बदल गया अटल पेंशन योजना का नियम, क्या आपने भी नहीं किया अपडेट; यहां देखें डिटेल

Bihar Vidhansabha Elections 2025 : बिहार के 66% विधायकों पर आपराधिक मामले...जानिए डिटेल्स

Bihar Vidhansabha :भारत की राजनीति में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले जनप्रतिनिधियों की संख्या लगातार चिंता का विषय बनी हुई है (ADR) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर के करीब आधे विधायक अपने चुनावी हलफनामे के अनुसार आपराधिक मामलों का सामना कर रहें हैं .

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 18 Mar 2025 03:39:05 PM IST

Bihar Vidhansabha Elections 2025,MLA राजद, भाजपा ,जदयू ,election tejasvi yadav ,नरेन्द्र मोदी

प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google

Bihar Vidhansabha Elections 2025: चुनाव सुधारों को बेहतर बनाने के लिए काम करने वाले संगठन Association for Democratic Reforms (ADR) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत के कुल 4,092 विधायकों में से करीब आधे विधायकों ने अपने चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है।


ADR ने देशभर के 28 राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों के 4,123 विधायकों का विश्लेषण किया, जिनमें से 4,092 विधायकों के हलफनामे का अध्ययन किया गया। 24 विधायकों के हलफनामे पढ़ने योग्य न होने के कारण उनका विश्लेषण नहीं हो सका।

कितने विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं?

ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, 1,861 विधायकों ने अपने विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है, जिनमें से 1,205 विधायक गंभीर मामलों में शामिल हैं, जैसे हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं ।जो  हमारे राज्य और देश के लिए बेहद हानिकारक है। ऐसे लोग यदि विधानसभा में बैठेंगे, तो हम उनसे बेहतरी और विकास की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?

बिहार के 66% विधायकों पर आपराधिक मामले

बिहार के 243 में से करीब 160 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें 123 विधायकों के खिलाफ संगीन अपराधों के आरोप हैं। 19 विधायकों पर IPC धारा 302 (हत्या) के तहत मामले दर्ज हैं। 31 विधायकों पर IPC धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामले दर्ज हैं। 

बिहार में किस पार्टी के कितने विधायकों पर आपराधिक मामले?

 बिहार में फिलहाल सबसे बड़ी पार्टी राजद (RJD) है, जबकि नीतीश कुमार की जदयू (JDU) सबसे छोटी पार्टी है। हालांकि, जदयू सत्ता में है और राजद विपक्ष की भूमिका निभा रही है। अगर हम आपराधिक मामले की बात करें तो  राजद (RJD) पार्टी की कुल 74 में से 54 विधायक यानि (73%)विधायकों पर मामले दर्ज हैं ,वहीं भाजपा (BJP) के कुल 73 में से 47 विधायक यानि  (64%)आपराधिक मामले का सामना कर रहें हैं ,जबकि जदयू (JDU) के कुल  43 विधायकों में से 20 विधायक यानि (46%) वहीं कांग्रेस (INC) पार्टी की बात करें तो 19 में से 18 विधायक (94%) विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं |

सबसे ज्यादा आपराधिक छवि वाले विधायक किस राज्य में?

देश भर में आंध्र प्रदेश इस सूची में सबसे ऊपर है। यहां 138 विधायकों में से 79% ने अपने खिलाफ चुनावी हलफनामें में आपराधिक मामलों की जानकारी दी है।

पार्टीवार  माननीयों के आंकड़े

भाजपा (BJP) – 1,653 विधायकों में से 39% (638) पर आपराधिक मामले .इनमें से 436 विधायक गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं। कांग्रेस (INC) – 646 विधायकों में से 52% (339) पर आपराधिक मामले का सामना कर रहें हैं. इनमें से 149 (30%) गंभीर मामलों में संलिप्त हैं।

आपको बता दें कि विधायक चूंकि अपने क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं और सामाजिक कार्यों से भी जुड़े होते हैं, कई बार राजनीतिक द्वेष के कारण उन पर झूठे मामले दर्ज कराए जाते हैं। लेकिन यदि कोई मामला गंभीर अपराधों (जैसे हत्या या महिलाओं के खिलाफ अपराध) से जुड़ा है, तो इस पर विशेष विचार किया जाना चाहिए। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जनप्रतिनिधियों पर लगे गंभीर आपराधिक मामलों की स्पीडी ट्रायल हो, ताकि जनता अपने नेताओं को बेहतर तरीके से समझ सके और सही निर्णय लेकर मतदान कर सके।