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Rich Politicians Bihar: बिहार के चुनावी रण में कई करोड़पति, राजनीति में पैसा और हैसियत बना सबसे बड़ा हथियार

Rich Politicians Bihar: बिहार की राजनीति में अब पैसा और हैसियत ही सबसे बड़ा हथियार बन चुका है। बीते दो दशकों में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के बीच करोड़पतियों की संख्या तेजी से बढ़ी है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 14 Oct 2025 02:19:07 PM IST

Rich Politicians Bihar

राजनीति में अब पैसा और हैसियत - फ़ोटो GOOGLE

Rich Politicians Bihar: बिहार की राजनीति में अब पैसा और हैसियत ही सबसे बड़ा हथियार बन चुका है। बीते दो दशकों में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के बीच करोड़पतियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। नेशनल इलेक्शन वॉच द्वारा जारी ताजा वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार, राज्य की राजनीति में अब “जनसेवा” से ज्यादा “धनसेवा” का प्रभाव दिखने लगा है।


रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2005 में सिर्फ 58 करोड़पतियों ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिनमें से कुछ ही विजेता बने थे। लेकिन समय के साथ यह संख्या कई गुना बढ़ गई। 2010 में 247, 2015 में 876, और 2020 में 1230 करोड़पति उम्मीदवारों ने चुनावी मैदान में किस्मत आजमाई। हालांकि इनमें से 194 उम्मीदवार ही विधानसभा तक पहुंच पाए। यानी अब बिहार की सियासत में धनबल का बोलबाला स्पष्ट रूप से दिखने लगा है।


आने वाले 2025 विधानसभा चुनाव में यह संख्या और अधिक बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि टिकट बंटवारे से लेकर प्रचार तक, अब राजनीति “रिसोर्स गेम” बन चुकी है। जिन उम्मीदवारों के पास धन, जातीय समीकरण और नेटवर्क है, वही आगे बढ़ पाते हैं। कोसी-सीमांचल और पूर्वी बिहार में भी करोड़पति विधायकों की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है। वर्ष 2005 में मात्र 2 विधायक करोड़पति थे, जो 2020 में बढ़कर 43 हो गए। यह बदलाव बताता है कि राज्य के पिछड़े इलाकों में भी अब राजनीति पूंजी-प्रधान हो गई है।


वहीं, राजनीति अब स्टेटस सिंबल बन चुकी है। जनता की सेवा से ज्यादा लोग प्रतिष्ठा और पहुंच के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं टीएमबीयू के असिस्टेंट प्रोफेसर विवेक कुमार हिंद का कहना है कि “पॉलिटिक्स अब एक बिजनेस बन गया है। करोड़ों रुपये खर्च करने वाला कोई भी व्यक्ति समाजसेवा के लिए नहीं आता, बल्कि निवेश पर रिटर्न की उम्मीद रखता है।”


वर्तमान बिहार विधानसभा में कुल 241 विधायकों में से 194 करोड़पति हैं, जिनकी कुल संपत्ति 1121.61 करोड़ रुपये है। इनमें भाजपा के 72, राजद के 63, जदयू के 39, कांग्रेस के 13, हम के 2, भाकपा माले और माकपा के 1-1 विधायक करोड़पति हैं। संपत्ति के आधार पर शीर्ष विधायकों की सूची में मोकामा की विधायक नीलम देवी पहले स्थान पर हैं, जिनकी कुल संपत्ति 80 करोड़ रुपये की है। दूसरे स्थान पर बेलागंज की विधायक मनोरमा देवी (72 करोड़ रुपये) और तीसरे पर भागलपुर के कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा (43 करोड़ रुपये) हैं। वहीं सबसे कम संपत्ति वाले विधायकों में अलौली के विधायक राम विकास सदा हैं, जिनकी संपत्ति महज 70 हजार रुपये है। उनके बाद फुलवारीशरीफ के विधायक गोपाल रविदास (1 लाख रुपये से अधिक)और पालीगंज के विधायक संदीप सौरभ (3.45 लाख रुपये)हैं।


अब ऐसा माना जा रहा है कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या नए रिकॉर्ड बना सकती है। पार्टियां अब उम्मीदवारों का चयन सिर्फ जनाधार से नहीं, बल्कि वित्तीय क्षमता और प्रचार संसाधन देखकर कर रही हैं। यानी बिहार की राजनीति में “पैसा और पहुंच” दोनों ही अब टिकट और जीत की कुंजी बन चुके हैं।